Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

UP News: गुंडा एक्ट के मामलों में मंडलायुक्त और कमिश्नर सुनेंगे अपील, किया गया संशोधन

Default Featured Image

– फोटो : amar ujala

विस्तार

उत्तर प्रदेश में गुंडा एक्ट के मामलों में होने वाली अपील को मंडलायुक्त और पुलिस कमिश्नर सुनेंगे। प्रदेश के चार शहरों में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद दो वर्ष पूर्व भी इसमें आंशिक संशोधन किया गया था। हालांकि भारत सरकार ने विधेयक की धारा-6 में विरोधाभास को समाप्त करने के लिए विधेयक की धारा-2 से कमिश्नर ऑफ पुलिस को हटाए जाने तथा जेसीपी, डीसीपी को ओरिजिनल पावर दिए जाने का स्पष्ट प्रस्ताव देने को कहा था।

जिसके बाद कैबिनेट ने उप्र गुंडा नियंत्रण संशोधन विधेयक 2021 को भारत सरकार से वापस लेकर उसके स्थान पर नया संशोधन विधेयक लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

ये भी पढ़ें – पिछड़े वर्ग को निकाय चुनाव में मिलेगा पूरा 27 फीसदी आरक्षण, अप्रैल से मई के बीच मतदान संभव

ये भी पढ़ें – ओबीसी आयोग की रिपोर्ट: नगर विकास मंत्री को किया आगाह, दूरगामी असर होगा…, गहन मंथन के बाद हो फैसला

दरअसल, पहले भेजे गए विधेयक में अपीलीय अधिकारी को लेकर विरोधाभास था। कमिश्नरेट सिस्टम में पुलिस कमिश्नर से लेकर डीसीपी तक को गुंडा एक्ट लगाने का अधिकार दिया गया था जबकि मंडलायुक्त को अपीलीय अधिकारी बनाया गया था। इससे व्यावहारिक दिक्कतें आ रही थीं। इसके दृष्टिगत विधेयक में नया संशोधन करते हुए पुलिस कमिश्नर को भी अपीलीय अधिकारी बनाया गया है।

जेसीपी, एडीसीपी और डीसीपी को गुंडा एक्ट लगाने का अधिकार दिया गया है। वहीं जिन जिलों में कमिश्नरेट प्रणाली नहीं हैं, वहां डीएम और एडीएम पूर्व की तरह गुंडा एक्ट लगा सकेंगे, जबकि अपीलीय अधिकारी मंडलायुक्त होंगे।