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कालापानी विवाद के बाद नेपाल में रहकर भारत में कारोबार मुश्किल, रोजी-रोटी पर संकट

भारत और नेपाल की सीमा पर बहुत से लोगों के लिए नेपाल में रहकर भारत में काम करना अब संभव नहीं है। काली नदी पर दोनों देशों के इलाकों को जोड़ने वाले पुल को लॉकडाउन से पहले बंद कर दिया गया था। अब पुल के दोनों ओर दोनों देशों की सेना तैनात है।

इशिता मिश्रा/ प्रेम पुनेठा, पिथौरागढ़
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के धारचूला की रहने वाली सुनीता आर्या ने महीनों से अपनी बेटी को नहीं देखा। उन्होंने उसकी शादी नेपाल के महेंद्र नगर के रहने वाले एक कैब ड्राइवर के साथ तीन महीने पहले की थी। सुनीता के पति नेपाल की सीमा वाले दार्चुला में कपड़े की एक दुकान चलाते हैं। वह महीनों से अपनी दुकान पर भी नहीं गए।

कोरोना महामारी के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन के बाद काली नदी के सभी पुलों को बंद कर दिया गया था। सीमा पार के लोगों से कनेक्ट होने के लिए ये पुल गांव के लोगों का प्रमुख जरिया थे। पुल बंद होने के बाद से इस पार के लोगों के लिए उस पार और उस पार के लोगों के लिए इस पार आना बंद हो गया है। इसका शिकार अकेले सुनीता का परिवार नहीं है। नेपाल के दार्चुला के रहने वाले नरेंद्र परिहार पिथौरागढ़ के धारचुला में एक बूटीक चलाते हैं। वह तीन महीनों से बंद है।

दोनों तरफ जवान तैनात
परिहार ने कहा कि उन्हें चिंता है कि कीड़े और चूहे उनकी दुकान का अब तक काफी नुकसान कर चुके होंगे। नेपाल के बैतड़ी के रहने वाले रामदत्त भट्ट भी इसी परेशानी के शिकार हैं। पिथौरागढ़ के झूलाघाट में उनकी कपड़ों की दुकान है। चिंतित होकर भट्ट कहते हैं कि अगर दुकान नहीं खुली तो वह अपने बच्चों के स्कूल की फीस कैसे देंगे? भारत और नेपाल के बीच ताजा उपजे सीमा विवाद ने इस इलाके में रहने वाले हजारों लोगों का भविष्य अधर में लटका दिया है।

नेपाल के भारतीय इलाकों को अपनी सीमा में दिखाने वाले नए नक्शे के पारित होने के बाद से दोनों देशों के संबंधों में तल्खी आई है। काली नदी पर बने पुल के दोनों तरफ सेना के जवान तैनात कर दिए गए हैं। ऐसे में, पुल के दोबारा खुलने की संभावना को लेकर दोनों ओर के लोग आशंकित हैं। स्थानीय लोग व्यापार और रिश्तेदारी के लिए भी एक-दूसरे पर निर्भर थे। दोनो पड़ोसी देशों के संबंधों में आई तल्खी से स्थानीय जनजीवन के बुरी तरह प्रभावित होने की पूरी संभावना है।

नेपाल को ज्यादा नुकसान?
केवल इस पार (भारत की ओर) के लोग सीमा पार जाकर व्यापार नहीं करते थे बल्कि नेपाल के हिस्से के लोग काफी संख्या में पिथौरागढ़ के धारचुला में रोजी-रोटी कमाने के लिए आते हैं। फिलहाल, दोनों इलाकों में सभी तरह के कारोबार बंद हैं और ऐसी संभावना है कि कई सालों तक दोनों देशों के बीच पहले जैसा संपर्क नहीं रहेगा। बताया जा रहा है कि पुल बंद होने से नेपाल को भारत के मुकाबले ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है।