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भूमाफिया जीतू सोनी, छापे से पहले ही भागाराजकोट के एक फार्म हाउस में 2 माह से छिपा था

एक लाख का इनामी भूमाफिया जीतू सोनी 2 माह से राजकोट से 16 किलोमीटर दूर एक फार्म हाउस में फरारी काट रहा था। उसका भाई महेंद्र 160 किलोमीटर दूर एक रिश्तेदार के घर छिपा हुआ था। क्राइम ब्रांच ने दोनों जगहों पर एक साथ 6 टीम लगाकर पड़ताल शुरू की। चार दिन की जांच के बाद राजकोट के पास फार्म हाउस मिला, जहां जीतू फरार चल रहे विक्की व जिग्नेश के साथ छुपा था। पुलिस के रात में छापा मारने के पहले ही जीतू को भनक लग गई और वह शाम होने के पहले ही कमरे का पंखा व लाइट चालू छोड़ भाग निकला। 
इंदौर क्राइम ब्रांच एएसपी राजेश दंडोतिया ने यह खुलासा करते हुए बताया कि जीतू गुजरात के कई इलाकों में फरारी काटने के बाद नेपाल गया। वहां उसने साथियों के साथ फरारी काटी। पंद्रह दिन पहले ही वह राजकोट के फार्म हाउस पर पहुंचा था। तकनीकी माध्यमों से मिली सूचना पर टीम ने दबिश दी। हालांकि इस दौरान किसी ने जीतू की मौत की अफवाह भी फैलाई, जो गलत निकली।
डर था कि सोनिया के चक्कर में पकड़ा न जाऊं
जीतू महिला मित्र सोनिया के साथ शुरुआत के पंद्रह दिन तक ही रहा। उसके बाद जीतू ने उसे छोड़ दिया, क्योंकि उसे डर था कि उसके साथ रहने में वह पकड़ा न जाए। जीतू और उसका भाई महेंद्र अलग-अलग जगह पर रुके थे। जीतू की तलाश में टीम लगी है। गुजरात में उसके सभी संभावित ठिकानों पर जांच की जा रही है। अमरेली में इलाज करवा रहे बड़े भाई महेंद्र से भी जीतू बात नहीं कर रहा था, क्योंकि उसे डर था कि वह किसी को उसके ठिकानों की जानकारी न लीक कर दे।
मददगार बनेंगे अब आरोपी
एएसपी ने बताया कि 6 महीने से फरार इनामी जीतू सोनी को पनाह देने, मदद करने व जानकारियां पहुंचाने वाले इंदौर और गुजरात के कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं। इन लोगों की गोपनीय निगरानी चल रही है। इन्हें भी आरोपी बनाया जाएगा।
पता करेंगे कैसे मिली जीतू को जानकारी
अफसरों का कहना है कि पुलिस जीतू के राजकोट स्थित फार्म हाउस के करीब थी। उसे रात में गिरफ्तार करने की तैयारी थी, लेकिन इसके पहले उसे सूचना मिल गई। यह पता कर रहे हैं कि सूचना लीक कैसे हुई।