प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में आत्मनिर्भर रोजगार योजना की शुरुआत कर दी। इस योजना के तहत प्रदेश के 1.25 करोड़ लोगों को रोजगार दिलाने की शुरुआत की जाएगी। योजना से जिन लोगों को सबसे ज्यादा लाभ होगा, उनमें वे मजदूर हैं, जिन्हें कोरोना वायरस और लॉकडाउन की मजबूरी में कामधंंधा छोड़कर अपने घरों को लौटना पड़ा है। बता दें, लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों का पलायन शुरू हो गया था और देश में सबसे ज्यादा 30 लाख मजदूर उत्तर प्रदेश लौटे थे। प्रदेश की योगी सरकार अब मनरेगा, एमएसएमई, ओडीओपी, निर्माण परियोजनाओं व ग्राम्य विकास से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों के तहत लोगों को रोजगार देगी।केंद्र सरकार ने बीते दिनों गरीब रोजगार कल्याण अभियान के तहत गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज के तहत एमएसएमई इकाइयों को 9100 करोड़ रुपए का कर्ज दिया जाएगा, ताकि वे आर्थिक मंदी से उबर सके और अपना कामकाज शुरू करते हुए लोगों को रोजगार दे सकें। इसी तरह स्किल मैपिंग में चिह्नित किए गए कुशल कामगारों में से 1.25 लाख को नौकरी देने की योजना है।उत्तर प्रदेश के 31 जिले इस योजना से लाभांवित होंगे। ये हैं – सिद्धार्थनगर, प्रयागराज, गोंडा, गोरखपुर, अयोध्या, देवरिया, अमेठी, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, श्रावस्ती, फतेहपुर, सुलतानपुर, कुशीनगर, संतकबीरनगर, महराजगंज, बहराइच, बलरामपुर, जौनपुर, हरदोई, आजमगढ़, बस्ती, बांदा, अम्बेडकरनगर, सीतापुर, वाराणसी, गाजीपुर, प्रतापगढ़, रायबरेली, मीरजापुर, जालौन और कौशाम्बी शामिल हैं।
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