पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर भारतीय तेल बाजार ने वह देखा जो पहले कभी नहीं हुआ था। डीजल की कीमत में लगातार हुई बढ़ोतरी के बाद देश में पहली बार डीजल की कीमत पेट्रोल से ज्यादा हो गई। गुरुवार को भी 14 पैसे की बढ़त के साथ डीजल की कीमत 80.02 रुपये प्रति लीटर हो गई तो पेट्रोल की कीमत 79.92 रुपये रही।
इसके पीछे की एक वजह यह है कि केंद्र सरकार ने मई के पहले सप्ताह में पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी। पेट्रोल पर प्रति लीटर 10 रुपये उत्पाद शुल्क तो डीजल पर प्रति लीटर 13 रुपये उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया था। इस फैसले ने भी डीजल की कीमतों में उछाल का रास्ता तैयार किया था।
इसके साथ ही पिछले महीने दिल्ली सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर कर बढ़ाया था। इसके तहत पेट्रोल को 1.67 रुपये प्रति लीटर और डीजल को 7.10 रुपये प्रति लीटर की दर से महंगा किया गया था। इसी वजह से दिल्ली में यह स्थिति आ गई कि डीजल की कीमतों ने पेट्रोल को भी पीछे छोड़ दिया।
बता दें कि लॉकडाउन के दौरान सरकार के पास राजस्व के साधन एक तरह से समाप्त हो गए थे। सरकार के पास पेट्रोल और डीजल एक ऐसा साधन है जिससे वह अच्छा राजस्व प्राप्त करती है। कोरोना काल में जब कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई तो सरकार ने इसे राजस्व बढ़ाने के अवसर के रूप में लिया।
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