प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अभी हमें कोरोना की बस एक ही दवा पता है और जब तक इसकी वैक्सीन नहीं बनती, इसे केवल इसी दवा से रोका जा सकता है। प्रधानमंत्री ने एहतियात को यह दवा बताया है। इसके तहत दो गज की दूरी का फॉमू्ला अपनाना, मुंह ढंकना, फेसकवर या गमछे का इस्तेमाल करना जैसी आदतें अपनाने को कहा गया है। प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब रामदेव की पतंजलि की ओर से कोरोना के इलाज का दावा करते हुए ‘कोरोनिल’ नाम का ‘कोराना-किट’ पेश किया गया है और सरकार ने उनके इस दावे पर सवाल खड़ा कर दिया है।
26 जून को पीएमओ के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया गया- “इसकी एक दवाई हमें पता है। ये दवाई है दो गज की दूरी। ये दवाई है- मुंह ढकना, फेसकवर या गमछे का इस्तेमाल करना। जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं बनती, हम इसी दवा से इसे रोक पाएंगे: PM”
कोरोना से दुनिया भर में करीब पांच लाख लोग मारे जा चुके हैं। भारत में भी करीब 15 हजार लोग इसकी भेंट चढ़ चुके हैं और पांच लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। दुनिया भर में इसके इलाज की दवा और रोकथाम के लिए टीका विकसित करने की कोशिशं जारी हैं। इसी बीच रामदेव की दिव्य फार्मेसी ने आनन-फानन में कोरोनिल कोरोना किट लॉन्च कर दावा कर दिया कि यह कोरोना संक्रमित मरीजों को शत-प्रतिशत ठीक करने वाली दवा है।
पीएमओ के इस ट्वीट पर कमेंट करते हुए कई लोगों ने रामदेव के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग की है और उन पर कार्रवाई नहीं करने को राजनीति से प्रेरित बताया है। साथ ही, कई लोगों ने कहा कि अनलॉक1 के बाद से लोग पूरी तरह लापरवाह हो चुके हैं। बाजारों में भीड़ बहुत है। शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा, कम लोग ही मास्क या चेहरा ढंके नज़र आते हैं। जबकि अब रोज देश में 15000 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में सख्ती ज़रूरी है।
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