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कमल नाथ पर चीन की मदद का आरोपभाजपा प्रदेशभर में फूंकेगी पुतले

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री रहते हुए चीन की मदद करने के आरोप में भारतीय जनता पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का प्रदेशभर में कल दोपहर 12 बजे पुतला जलाएगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने शनिवार को यहां मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि कमल नाथ ने केंद्र में मंत्री रहते हुए राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी मदद दिलाई इसके लिए उन्होंने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया।

देश के साथ गद्दारी की इस हरकत के विरोध में भाजपा ने कमल नाथ के खिलाफ जन जागरण अभियान चलाने का फैसला किया है। शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश द्वारा कल 28 जून को दोपहर 12 बजे प्रदेशभर में मंडल स्तर तक भारत के पूर्व वाणिज्य मंत्री कमलनाथ का पुतला दहन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कमलनाथ के चीनी प्रेम के कारण भारत के कुटीर, लघु उद्योग तथा व्यापार को बड़ा झटका लगा है। हमारे देश के गांव-गांव तक मिट्टी, लोहा, लकड़ी आदि पर आधारित लघु उद्योग कमल नाथ की हरकत के कारण तबाह हो गए और हमारे कुशल कारीगर, जो अपने घरों में रहकर बर्तन, खिलौने, दोने, पत्तल, कृषि उपकरण, घड़ियों के डायल और अगरबत्ती आदि बनाने का काम करते थे, वे अचानक बेरोजगार हो गए।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा, आज जब चीन के बॉर्डर पर माहौल खराब है, तब कांग्रेस द्वारा जिस प्रकार से भारतीय सेनाओं के मनोबल को गिराने का काम किया जा रहा है, वह सहन नहीं किया जा सकता। चीन के हाथों कांग्रेस के बिकने की मजबूरी कांग्रेस की हो सकती है लेकिन देश के खिलाफ सुनने की हमारी कोई मजबूरी नहीं है।

दुर्भाग्य से चीन से अवैध आर्थिक रिश्ते निर्माण करने का सूत्रधार मध्यप्रदेश का पूर्व मुख्यमंत्री आज भी मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष है। दस्तावेज साफ करते हैं कि कांग्रेस को और कांग्रेस के परिवार विशेष को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए वाणिज्य मंत्री रहते कमलनाथ ने देश के साथ गद्दारी की है।

अपनी पावर का भारी दुरूपयोग करते हुए चीन के माल से आयात शुल्क बेहद कम कर दिया गया। यह शुल्क 40 से 200 प्रतिशत तक कम किया गया। ऐसी लगभग 250 वस्तुओं पर आयात शुल्क को घटाया गया, जिनकी उपलब्धतता भारत में प्रचुर मात्रा में थी।

उदाहरण के लिए बांस जैसी चीज पर लगने वाला आयात शुल्क 30 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया। जबकि बांस भारत में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। बिहार, बंगाल आदि राज्यों में पैदा होने वाला बांस हम विदेशों को भी बेच सकते हैं लेकिन इसके बावजूद हमारे बांस कारोबारी बेरोजगार कर दिए गए।