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आजसू पार्टी ने न्याय मार्च निकाला, सुदेश महतो ने 1

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 Ranchi : आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर 1932 के खतियान, स्थानीय नीति, पिछड़ा वर्ग आरक्षण समेत अन्य ज्वलंत मुद्दों पर आज जमकर हमला बोला. आज रविवार को आजसू पार्टी ने रांची के मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका से हरमू मैदान तक न्याय मार्च निकाला. राज्य स्तरीय न्याय मार्च का नेतृत्व पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो ने किया. हरमू मैदान में सभा को संबोधित करते हुए सुदेश महतो ने 1932 के खतियान, स्थानीय नीति, समेत अन्य मुद्दों पर सरकार को जमकर लताड़ा उन्होंने हेमंत सरकार पर तंज कसते हुए कहा, सरकार के उठने का वक्त खत्म हुआ. अब जनता को जगाने का वक्त आ गया है. रात के 1 या 2 बजे लोगों को जगाया जाता है. भोर के 4 बजे उठने का वक्त होता है.

हेमंत सोरेन की सरकार ने गलती से 2023 का खतियान लागू कर दिया

सुदेश महतो ने कहा मुख्यमंत्री और मंत्री का पद लर्निंग स्कूल नहीं हो सकता. जनभावना के अनुरूप नीतियां बनाने और फैसले लेने के लिए सरकार बनती है. आधे-अधूरे प्रयोग के लिए भी सरकार कतई नहीं बनती. जिनमें कोई नेतृत्व क्षमता और विजन नहीं था उन्हें सत्ता मिली. नतीजा हुआ कि 40 महीने में राज्य को सामाजिक और राजनीतिक तौर पर बड़ी क्षति हुई है. कहा कि यह सरकार ट्रायल पीरियड पर नहीं है. राज्य में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर तंज कसते हुए कहा सरकार ने 40 महीने में आज तक किसी भी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की. करती भी कैसे? सभी की सीट पर सरकार ने पैसे लिये हैं. हेमंत सरकार ने कहा था कि वह 1932 का खतियान लागू करेगी, लेकिन गलती से 2023 का खतियान लागू कर दिया. निजी संस्थानों में 75 प्रतिशत स्थानीय को काम देने का कैबिनेट फैसला लिया गया लेकिन जब स्थानीय नीति ही तय नहीं हुई तो इसका लाभ किन्हें मिलेगा.

राज्य सरकार की नीयत में शुरू से खोट है.

सरकार बनने के साढे तीन साल बीत जाने के बाद भी सरकार सिर्फ सीख ही रही है. राज्य सरकार की नीयत में शुरू से खोट है. मुख्यमंत्री और उनके मंत्री सदन में कुछ बोलते हैं बाहर कुछ. जबकि कैबिनेट में फैसले कुछ और लिये जाते हैं. उन्होंने कहा कि स्थानीय नीति, नियोजन नीति, ओबीसी आरक्षण, ट्रिपल टेस्ट विस्थापन नीति , आंदोलनकारियों के मान सम्मान तमाम अहम विषयों की सरकार ने अनदेखी की गयी . जातीय जनगणना सामाजिक न्याय का आधार है, लेकिन जातीय जनगणना कराने के प्रति सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं है. जबकि हम और हमारी पार्टी जातीय जनगणना लगाकर कराने के लिए लगातार आवाज उठाती रही है. आजसू प्रमुख ने एयर एंबुलेंस की योजना पर तंज कसा और कहा कि राज्य की साधारण और बड़ी आबादी को रोड एंबुलेंस और मुकम्मल प्राथमिक इलाज तो पहले मुहैया करा दें. कहा कि इस मार्च के जरिए आजसू कार्यकर्ता संकल्प लेकर गांव-गांव जायें, हर घरःपरिवार से जुड़ें. सामाजिक न्याय हमारी लड़ाई का आधार है.

1932 के खतियान पर खूब बजा ढोल : चंद्रप्रकाश चौधरी

गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि आज जो मुद्दे लोगों के बीच हैं, उस पर सरकार का ध्यान ही नहीं है. कुछ दिनों पहले 1932 के खतियान पर खूब ढोल बजा. लेकिन, आज किसी के पास जुबान ही नहीं बची है. सरकार सिर्फ जन भावनाओं के साथ खेलवाड़ कर रही है. मेरी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पंचायत चुनाव में पिछड़ों का आरक्षण सुनिश्चित कराने को लेकर याचिका दायर की गई. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को स्पष्ट आदेश दिया कि राज्य में अगला जो भी चुनाव हो, उससे पहले ट्रिपल टेस्ट सुनिश्चित हो. लेकिन पिछड़ा विरोधी सरकार ने इस आदेश की अवमानना करते हुए नगर निकाय चुनाव में भी पिछड़ों के लिए आरक्षित सीटों को अनारक्षित कर दिया.

लूट और झूठ ही हेमंत सरकार की असली पहचान – रामचंद्र सहिस

सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस ने कहा कि झूठ और लूट की बुनियाद पर चल रही हेमंत सोरेन सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए जनता तैयार है. फर्जी दावे और लोकलुभावन वादे करना ही इस सरकार की पहचान है. सत्ता में आते ही बेरोजगारी भत्ता, रोजगार, आरक्षण, स्थानीय नीति, नियोजन नीति, सरना धर्म कोड की बात भूल गये. सरकार ये मत भूले कि जनता ही मालिक है और जनता सब देख रही है.

सुबह से ही नेता, कार्यकर्ता समर्थकों के साथ रांची पहुंचने लगे थे

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज सुबह से ही नेताओं, कार्यकर्ताओं ,समर्थकों का झंडे-बैनर गाजे-बाजे के साथ रांची पहुंचना शुरू हो गया था. इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं.मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका से निकला मार्च कचहरी चौक, रातू रोड रोड होते हुए यह मार्च हरमू मैदान पहुंचा. सामाजिक न्याय यात्रा में लंबोदर महतो ,सुनिता चौधरी, उमाकांत रजक, राजेंद्र मेहता, देवशरण भगत, हसन अंसारी, रोशनलाल चौधरी, शालिनी गुप्ता, नीरु शांति भगत, काशी नाथ सिंह, बनमाली मंडल इत्यादि मुख्य रूप से शामिल थे.