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चापानलों का लाल पानी पीने को मजबूर

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झारखंड में दिनों दिन बढ़ रही पानी की समस्या
मॉनसून आने में अभी डेढ़ माह का समय
ग्रामीण इलाकों में स्थिति ज्यादा खराब

Ranchi : झारखंड में जल समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. जलस्तर नीचे जाने और बड़ी संख्या में जलमीनारों और चापानलों के खराब होने से समस्या विकट होती नजर आ रही है. मानसून के आने में अभी करीब डेढ़ माह है. ऐसे में सूखे नदियों, तालाबों और कुओं में पानी आने में समय लगेगा. इस समय राज्य के आसमान में बादल तो घुमड रहे हैं, पर वैसी बारिश नहीं हो रही कि भू-जल का स्तर बढ़े. गर्मी से थोड़ी राहत जरुर है, पर जल समस्या खत्म नहीं हो रही. अभी स्थिति ऐसी है कि खासकर गांवों में लोग चापानलों का लाल पानी पीने को मजबूर हैं. कहीं कहीं तो दूर से चुओं का पानी लाकर लोग काम चला रहे हैं. शहर और उसके आसपास के इलाकों में भी पानी की किल्लत बनी हुई है. सरकारी स्तर पर खराब पड़े चापानलों को ठीक करने की बात तो कही जा रही है. लेकिन वैसी पहल नहीं दिख रही है कि समय रहते वे ठीक हो जाए. पानी को लेकर ज्यादतर इलाकों में परेशानी अब भी बनी हुई है. शुभम संदेश की टीम ने इससे जुड़ी जानकारी हासिल की है. पेश है रिपोर्ट.

कुएं व चापाकल का लाल पानी छानकर पीते हैं तुतरीशोलवासी

चाकुलिया प्रखंड अंतर्गत कालियाम पंचायत में जंगलों के बीच बसे तुतरीशोल के ग्रामीण भीषण गर्मी के दौर में कुएं और चापाकल का लाल पानी पीने के लिए अभिशप्त हो गए हैं. इस राजस्व गांव में 12 परिवार निवास करते हैं. गांव में दो कुंए हैं. दोनों सूखने के कगार पर हैं और उनका पानी लाल हो गया है. एकमात्र चापाकल से भी लाल पानी निकल रहा है. पेयजल के लिए यहां दूसरा कोई स्रोत नहीं है. ग्रामीण लाल पानी को छानकर पी रहे हैं. इसी लाल पानी से ग्रामीण नहाते भी हैं. ग्राम प्रधान कूनू राम हेम्ब्रम और ग्रामीण धीरेंद्र हांसदा ने कहा कि हमें स्वच्छ पेयजल नहीं मिल रहा है. कुएं और चापाकल के लाल पानी को कपड़े से छानकर पीना पड़ रहा है. नहाने में भी ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ रही है. चापाकल की मरम्मत की दिशा में कोई पहल नहीं हो रही है. पंचायत के मुखिया दासो हेम्ब्रम ने कहा कि चापाकल को दुरुस्त करने के लिए जल एवं स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता से बात कर आवश्यक पहल की जाएगी.

पानी के लिए एनएच जाम करेंगे छोटानागरा व गंगदा के लोग

पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रभु दयाल मंडल के लिखित आश्वासन के बाद भी पानी की समस्या का समाधान नहीं होने से सारंडा स्थित छोटानागरा और गंगदा पंचायत के ग्रामीण नाराज हैं. ग्रामीण 10 दिनों के बाद एक बार फिर अनिश्चितकाल के लिए नेशनल हाईवे (एनएच) सड़क जाम करेंगे. यह जानकारी गंगदा पंचायत के मुखिया राजू सांडिल और समिति के पदाधिकारी मंगल कुम्हार ने दी है. दोनों ने बताया कि डीएमएफटी निधि से सारंडा स्थित छोटानागरा पंचायत के बाईहातु और गंगदा पंचायत के दोदारी गांव में स्थित आसन्न जलापूर्ति योजना में भारी भ्रष्टाचार की गई है. इसमें पीएचईडी विभाग के उच्च अधिकारी भी शामिल हैं और वे इस कार्य के ठेकेदार को बचाने में लगे हुए हैं. दोनों पंचायत के लगभग 24 गांवों में उक्त दोनों योजना व जलमीनार से घर-घर नल लगाकर जलापूर्ति करनी थी, लेकिन कुछ गांवों को छोड़ आज तक अधिकतर गांवों में पानी नहीं पहुंचा. कई गांवों में तो पाइप लाइन भी नहीं बिछाया गया है. प्रायः घरों को नल से जोड़ा नहीं गया है. इन दोनों योजना पर लगभग 30 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं.

इस मामले को लेकर सैकड़ों ग्रामीण बीते 14 मार्च को सलाई चौक पर एनएच को पूरी तरह से जाम कर दिया था. इसके बाद पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रभु दयाल मंडल ने ग्रामीणों को लिखित आश्वासन दिया था कि गंगदा पंचायत के दोदारी जल मीनार से फस्ट फेज के सभी आठ गांवों में जहां पाइप लाइन बिछी हुई है, वहां पानी पहुंचाने का कार्य 15 अप्रैल तक पूरा करा दिया जायेगा. काशिया-पेचा गांव स्थित जल मीनार से छह गांवों में दूसरे फेज के तहत पानी पहुंचाने का कार्य पूरा करने में थोड़ा समय लगेगा. छोटानागरा पंचायत के बाईहातु जल मीनार से सभी 10 गांवों में जहां योजना के तहत पाइप लाइन बिछा है वहां भी 15 अप्रैल तक पानी पहुंचाया जाएगा. जिस गांव में पाइप लाइन नहीं बिछा है वहां पानी नहीं पहुंचेगा. वैसे गांवों में पानी पहुंचाने के लिए दूसरी व्यवस्था की जाएगी. जिस गांव में पाइप लाइन होने के बावजूद पानी नहीं पहुंच रहा है, वैसे गांवों में मोटर लगाकर पानी पहुंचाने का कार्य होगा. उन्होंने कहा था कि हमारी टीम मशीन के साथ गांव-गांव घूम रही है.

इस संबंध में राजू सांडिल व मंगल कुम्हार ने कहा कि पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता ठेकेदार को क्यों बचाने में लगे हैं. योजना से जब सभी गांव में पानी पहुंचाना है तो वह कुछ गांवों में ही क्यों पानी पहुंचेगा. बाकी गांव में विभाग चापाकल लगाकर सरकार का दोबारा पैसा क्यों बर्बाद कर रहा है. उन्होंने कहा कि कार्यपालक अभियंता जो नम्बर दिये हैं उस पर फोन करने से कोई उठाता नहीं है. कुछ चापाकल लेम्ब्रे व अन्य गांव में लगाया गया है. उनके द्वारा दिया गया एक माह का समय कब का पार कर चुका है, लेकिन ठेकेदार आगे कुछ कार्य नहीं प्रारम्भ किया. वह फोन भी नहीं उठाता है. इस बार आर-पार की लडा़ई लड़ी जायेगी. क्योंकि पानी की जरूरत सभी को है. जनता का पैसा आसानी से लूटने नहीं दिया जायेगा. इस मामले की जांच के लिए पीएमओ कार्यालय, मुख्यमंत्री और संबंधित केन्द्र व राज्य सरकार के मंत्रालय तथा विभागों को पत्र लिखा जायेगा.

24 डीप बोरिंग के बावजूद बंदुआ ग्राम वासियों को नहीं मिल रहा पानी

मनिका प्रखंड के बंदुवा ग्राम बड़काटांड़ टोला वासियों को पानी नसीब नहीं हो रहा है. ग्रामीणों को पास के नदी एवं चुआं से पानी लाना पड़ रहा है. लेकिन जैसे जैसे गरमी बढ़ती जा रही है. नदी और चुआं में भी पानी कम आ रहा है. टोला में तकरीबन 40 दलित परिवार रहते हैं. गांव वालों ने बताया कि गांव में अभी तक नल जल योजना के तहत न तो पाइप लाइन बिछाई गई है और न ही कोई कनेक्शन दिया गया है. गांव की महिला मुनिता ने कहा कि गांव में सोलर जलमीनार लगाने के लिए बोरिंग की गई है. लेकिन न तो चापाकल लगाया गया है और न ही वाटर टंकी बनाई गई है. हम लोगों को दो किलोमीटर दूर नदी से पानी लाना पड़ रहा है. अब तो नदी भी सूख चुकी है.

क्या कहती है मुखिया :  बंदुआ पंचायत की मुखिया अनिता देवी ने पूछे जाने पर कहा कि गांव में नल जल योजना के तहत छह माह पहले 24 स्थानों पर बोरिंग की गई है. बावजूद इसके गांव वालों को पानी नसीब नहीं हो रहा है. उन्होंने बताया कि किसी भी बोरिंग में आज तक चापाकल नहीं लगाया गया है और न ही सोलर आधारित जल मीनार लगाई गई है. इसकी सूचना कई बार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को उन्होंने दी है, लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं की गई. गांव में एक दो कुएं हैं, लेकिन बारिश नहीं होने के कारण कुएं का जल स्तर काफी नीचे चला गया है.

पुराने की मरम्मत नहीं, बनाई जाने लगी नई जलमीनार

हजारीबाग के कटकमसांडी और कटकमदाग समेत कई प्रखंडों की लगभग सभी पंचायतों में 14वें वित्त आयोग की राशि से निर्मित सोलर जल मीनार खराब पड़ी हुई है. दो वर्षों से खराब पड़ी जल मीनार के कारण लोगों को पीने के पानी के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच नल जल योजना के तहत नई जल मीनार का निर्माण कराया जा रहा है. सरकार का संकल्प है कि मार्च 2024 तक हर एक घर शुद्ध पेयजल पहुंचाया जाए. इसे लेकर नल जल योजना युद्ध स्तर पर चल रहा है.

फंड के अभाव में नहीं बन रही खराब जलमीनार : मुखिया ज्योति कुमारी

मसरातू पंचायत की मुखिया ज्योति कुमारी बताती हैं उनके क्षेत्र में 14वें वित्त से लगभग सात जलमीनार बनाई गई थी. इसमें दो खराब हैं. 15 वीं वित्त की राशि से उसकी मरम्मत करानी है. लेकिन फंड के अभाव के कारण जलमीनार नहीं बन पा रही है.

आठ खराब जलमीनारों को ठीक कराया गया : मुखिया नूरजहां

कटकमदाग की मुखिया नूरजहां खातून बताती हैं कि नल जल योजना के तहत सर्वे हो चुका है. पंचायत में 26 से 27 जलमीनार बनाई जाएगी. 14वें वित्त से लगभग 12 जलमीनार बनाई गई थी, जिसमें आठ खराब हो गए. सभी खराब जलमीनारों को अपने मद से बनवा कर दुरुस्त किया है .

गूंजा में सोलर जल मीनार खराब, ग्रामीण तरस रहे हैं पानी के लिए

चक्रधरपुर प्रखंड की भरनिया पंचायत के गूंजा गांव में ग्रामीण इन दिनों पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. गांव में लगी सोलर जल मीनार खराब रहने से पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.जल मीनार करीब छह महीने से खराब है. लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया. गांव के जिस स्थान पर सोलर जलमीनार खराब पड़ी ,है उस क्षेत्र की आबादी लगभग 200 है.

हर वर्ष गर्मी में होती है पानी की समस्या, पर विभाग का इस ओर ध्यान नहीं : मीना देवी

गूंजा गांव निवासी मीना देवी ने कहा कि हमारे क्षेत्र में हर वर्ष गर्मी में पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है. गांव में खराब पड़े सोलर जल मीनार की मरम्मत अगर सही समय पर करा दी जाती, तो पानी की दिक्कत नहीं होती, लेकिन विभाग द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है.

गूंजा गांव में अत्यधिक समस्या, नल जल योजना का लाभ नहीं: सुखमति गागराई

गूंजा गांव निवासी सुखमति गागराई ने कहा कि कहा कि हमारे क्षेत्र में पानी की अत्यधिक समस्या है. पानी के लिए लंबी दूरी तय कर दूसरे टोला जाना पड़ता है. नल जल योजना का लाभ भी ग्रामीणों को सही तरीके से नहीं मिल पा रहा है. सोलर जल मीनार खराब रहने से ग्रामीण पानी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर होते हैं. गांव के अन्य टोला में भी पानी की किल्लत है.

छह महीने से खराब पड़ी है जल मीनार अधिकारियों का ध्यान नहीं : सुरेश गागराई

गूंजा गांव निवासी सुरेश गागराई ने कहा कि गांव का सोलर जल मीनार लगभग छह महीने से खराब है. पानी की समस्या पर अधिकारियों का ध्यान नहीं जाता है. इसके कारण ग्रामीणों को हर वर्ष भीषण गर्मी में परेशानी होती है. गर्मी से पहले पानी की समस्या का समाधान कर लिया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता है. गांव में योजना का लाभ हर ग्रामीणों को मिलना चाहिए.

गांव में सोलर जलमीनार और चापानल खराब पड़े हैं, होती है परेशानी : बसंत महतो

गूंजा गांव निवासी बसंत महतो ने कहा कि गर्मी में पानी नहीं मिलने पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. गांव के सोलर जल मीनार और कई चापाकल खराब पड़े हुए हैं. इसे लेकर कई बार बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. सोलर जलमीनार को पूर्व में ठीक कराया गया था, लेकिन कुछ दिन बाद ही वह खराब हो गया.

मनोहर कॉलोनी में बूंद बूंद पानी को तरस रहे लोग, पानी के लिए करनी पड़ती है मशक्कत

घाटशिला प्रखंड क्षेत्र के धरमबहाल पंचायत अंतर्गत मनोहर कॉलोनी के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. मोहल्ले के जल मीनार से पानी भरने को लेकर लोगों को घंटों मशक्कत करनी पड़ रही है. सोलर संचालित जल मीनार से बूंद-बूंद पानी गिरने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस संबंध में गांव की महिला सोमपा कालिंदी, अनीता कुमारी, शिखा कालिंदी आदि महिलाओं ने बताया कि चापाकल में मोटर लगा दिया गया है. मोटर लगाते समय ठेकेदार ने यह ध्यान नहीं दिया कि चापाकल का लेयर काफी कम है, जिसके कारण मोटर से पानी नहीं उठ पाता है. महिलाओं ने बताया कि गांव में एक और सोलर संचालित जलमीनार है. उसकी भी स्थिति कमोबेश यही है, जबकि कुल 6 चापाकल हैं. इसमें से 4 का पानी पीने योग्य नहीं है. दो चापाकल से पानी अच्छा निकलता है. अभी मौसम अच्छा होने के कारण किसी तरह पेयजल की समस्या से निजात मिल जाती है, परंतु भीषण गर्मी के समय पेयजल को लेकर काफी परेशानी का सामना ग्रामीणों को करना पड़ता है. पंचायत स्तर पर पेयजल की समस्या से निपटने के लिए कुछ खास पहल नहीं की जा रही है.

मनोहर कॉलोनी में छह चापाकल और जल मीनार हैं, पानी की समस्या नहीं : मुखिया

धरमबहाल पंचायत के मुखिया बनाव मुर्मू से मनोहर कॉलोनी की पेयजल समस्या पर पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि पानी को लेकर उस मोहल्ले में खास कोई समस्या नहीं है. लगभग 100 घर हैं, जिसमें 6 चापाकल तथा 2 सोलर संचालित जल मीनार बनायी गयी हैं. पानी का लेयर काफी नीचे होने के कारण थोड़ी परेशानी होती है. दो-तीन घंटे के अंतराल में मोटर चलाने से पानी की कमी नहीं होगी.

प्योर बरोरा में दो किलोमीटर दूर से ढोकर लाना पड़ता है पानी

बाघमारा प्रखंड कार्यालय से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्योर बरोरा में पानी की घोर किल्ल्त है. गांव में करीब 1000 के आसपास लोग बसते हैं. गांव में एक कुआं है. कुएं में बरसात का पानी इकट्ठा किया जाता है. इस पानी का उपयोग ग्रामीण बर्तन, कपड़ा धोने एवं स्नान आदि के लिए करते हैं. ग्रामीण पीने के लिए 2 किलोमीटर दूर से साइकिल आदि से गैलन में भरकर पानी लाते हैं. जबकि कुछ लोग खरीदकर जार का पानी पीते हैं. गांव में एक भी चापानल नहीं है.

सालों भर पानी की किल्लत से बनी रहती है मुसीबत: विजेंद्र उरांव

गांव के विजेंद्र उरांव का कहना है कि प्योर बरोरा में पानी की किल्ल्त सालों भर बनी रहती है. गांव में पानी की समस्या का आजतक निदान नहीं किया जा सका है.

गांव में सप्लाई पानी बना हुआ है सबका सपना : संध्या देवी

गांव की संध्या देवी कहती हैं है कि गांव में पानी की समस्या नई नहीं है. गांव में सप्लाई का पानी एक सपना के बराबर है. इसे दूर करने पर किसी भी जनप्रतिनिधि ने ध्यान नहीं दिया.

गर्मी के दिनों में स्थिति और भी भयावह होती है: रीता देवी

रीता देवी ने कहा कि गांव में एकमात्र कुआं है, जिससे लोगों की जान बचती है. गर्मी के दिनों में स्थिति और भी भयावह हो जाती है. अगर सप्लाई का पानी आता तो राहत मिलती.

चौपारण के बहेरा में जलमीनार और चापाकल खराब, ग्रामीण परेशान

चौपारण प्रखंड की बहेरा पंचायत के वार्ड-छह के ग्रामीण पिछले पांच माह से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. वार्ड-6 में लगी जलमीनार और चापाकल दोनों पिछले पांच माह से खराब है. ग्रामीणों ने कहा कि चापाकल कुछ दिन पहले बना था, परंतु वह फिर से खराब हो गया. बस्ती में 50 परिवार जलसंकट का सामना कर रहे हैं.

जलमीनार, चापाकल खराब, शिकायत के बाद भी नहीं बनाया गया : सरस्वती देवी

बहेरा पंचायत के वार्ड-6 की सदस्य सरस्वती देवी का कहना है वार्ड-6 में लगी सोलर जलमीनार पिछले पांच माह से खराब पड़ी है. उसमें लगा चापाकल भी कभी पानी देता है, तो कभी पानी नहीं निकलता है. इसकी सूचना मुखिया और संबंधित विभाग को कई बार दी, लेकिन कोई पहल नहीं हुई.

गर्मी के पहले किसी को फिक्र नहीं थी,अब पानी के लिए भटकना पड़ रहा है : रेखा देवी

महुदी की रेखा देवी ने बताया कि चापाकल और जलमीनार खराब रहने के कारण हम सब ग्रामीणों को पानी की समस्या हो गई है. गर्मी के पहले किसी को फिक्र नहीं थी. अब जब परेशानी शुरू हुई है, तब पंचायत जनप्रतिनिधि सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं. पानी के लिए दिन-दिन भर भटकना पड़ रहा है.

कई जलमीनार और चापनल खराब, जल्द कदम उठाने की जरूरत है : संतोष दांगी

ग्रामीण संतोष दांगी कहते हैं कि पंचायत में कई जल मीनार और चापाकल हैं, जिसकी सही तरीके से देखरेख नहीं होने के कारण खराब हैं. कुछ ही चालू हालत में हैं. उसके बाद भी लोगों को पानी की समस्या जूझना पड़ रहा है. इस दिशा में जल्द आवश्यक कदम नहीं उठाया गया, तो लोगों को काफी परेशानी होगी.

गर्मी शुरू हुई है, चापाकलों को दुरुस्त करने से ही जलसंकट से मिलेगी मुक्ति : कर्मवीर सिंह

कर्मवीर सिंह कहते हैं कि अब भी वक्त खत्म नहीं हुआ है. अभी गर्मी शुरू हुई है. खराब चापाकलों को दुरुस्त कराने से जलसंकट से मुक्ति मिलेगी. लेकिन इसके लिए जिम्मेवार लोगों को लगना-भिड़ना पड़ेगा. ग्रामीणों की जलसंकट समस्याओं को समझना पड़ेगा. लेकिन दुर्भाग्य है कि किसी को इन सब बातों से कोई मलतब नहीं है.

खराब चापाकल और जल मीनारों की जल्द मरम्मत करा ली जाएगी : मुखिया

बहेरा की मुखिया पूजा कुमारी ने बताया कि तिलैया में मुखिया और उप मुखिया विनोद सिंह के सहयोग से जलमीनार मरम्मत कर चालू कराई गई. वहीं पूरी पंचायत में 50 से 60 चापाकल खराब हैं. इसमें मुखिया की ओर से महुदी में 6 चापाकल, बारा में 4, गौशला में पांच, बहेरा में 6, नौडीहा में 2 के अलावा अन्य खराब चापाकल और जल मीनारों की जल्द मरम्मत करा ली जाएगी.

ठाकुरा गांव के मुंडा टोला के लोग कारो नदी किनारे चुआं से लाते हैं पीने का पानी

नोवामुंडी प्रखंड के दिरीबुरु पंचायत अंतर्गत ठाकुरा गांव के बीच टोला में राजकीय प्राथमिक विद्यालय के बगल में बनी सोलर जल मीनार खराब हो गयी है. सोलर जल मीनार के खराब होने के कारण ग्रामीणों को अब कारो नदी के तट पर चुआं बनाकर पीने का पानी लाना पड़ रहा है. मालूम हो कि ठाकुरा गांव के बीच टोला में 250 परिवार रहते हैं. इस टोले में मात्र एक ही जल मीनार बनाई गई है. इससे ग्रामीणों की प्यास बुझती है, लेकिन कुछ माह पूर्व इस प्रचंड गर्मी में सोलर जल मीनार के खराब हो जाने से ग्रामीणों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है. ग्रामीण महिलाएं पीने का पानी लाने के लिए एक किलोमीटर दूर कारो नदी के तट पर चुआं बनाकर पानी ला रही हैं. बीच टोला में खराब पड़ी जल मीनार की लिखित शिकायत ठाकुरा गांव के मुंडा दामु चाम्पिया ने मार्च में नोवामुंडी प्रखंड विकास पदाधिकारी अनुज बांदो को दी थी. उसके बावजूद अभी तक जल मीनार खराब पड़ी है. इससे वहां के रहने वाले 250 परिवारों को पीने का पानी लाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वे एक किलोमीटर दूर कारो नदी से ला रही हैं.इस बीच नाराज ग्रामीणों ने पीएचईडी विभाग के विरोध में मोर्चा खोल दिया है. वे कहती हैं कि ठाकुरा गांव के बीच टोले में खराब जल मीनार की मरम्मत को लेकर आंदोलन किया जाएगा.

टैंकर से पानी बांटने में होता है भेदभाव : सीताराम रवानी

जमशेदपुर के हरहरगुटू निवासी सह जदयू नेता सीताराम रवानी ने बताया कि गर्मी में पानी की किल्लत से लोगों को जूझना पड़ता है. टैंकर से पानी वितरण में भेदभाव किया जाता है. इसके कारण लोगों को स्वयं घंटों मशक्कत के बाद पानी का इंतजाम करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कई जगहों पर टैंकर से जलापूर्ति की जाती है, लेकिन प्रभावित क्षेत्र में टैंकर भिजवाने में भेदभाव किया जाता है. जुस्को तथा तारापोर कंपनी का टैंकर बागबेड़ा थाना में आता है. वहां से प्रभावित क्षेत्र में भेजा जाता है, लेकिन पार्षद एवं मुखिया जहां चाहेंगे, वहीं टैंकर भेजा जाता है.

मिनी जलमीनार पर निर्भर कई मुहल्ले के लोग : रमेश प्रसाद

जमशेदपुर के बागबेड़ा कृष्णापुरी के रहने वाले रमेश प्रसाद ने बताया कि गर्मी में प्रत्येक वर्ष मुहल्ले में जल संकट होता है. पानी का लेयर काफी नीचे चला जाता है. इसके कारण लोगों को कड़ी मेहनत कर पानी का इंतजाम करना पड़ता है. हरहरगुटू राजा तालाब के समीप एक मिनी जलमीनार है. उस पर चार-पांच मुहल्ले के लोग निर्भर हैं. पानी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है, तब पानी मिलता है. उन्होंने कहा कि पंचायत की ओर से कई जगहों पर सोलर एवं मोटर जलमीनार स्थापित किए गए हैं, लेकिन पानी का लेयर काफी नीचे चले जाने के कारण एक-दो ही चल रहे हैं.

सब खरकई नदी के पानी का करते हैं इस्तेमाल : मानी बारी

जमशेदपुर के रानीडीह काकेटोला की रहने वाली महिला मानी बारी ने बताया कि गर्मी में पानी की समस्या होने पर खरकई नदी सहारा बनती है. गांव के लोग नहाने एवं कपड़ा वगैरह धोने का काम नदी में करते हैं. साथ ही खाना बनाने एवं पीने के लिए रानीडीह में स्थित कुएं का पानी इस्तेमाल करते हैं. मानी बारी ने बताया कि गर्मी में कुआं का पानी का लेयर काफी नीचे चला गया है, लेकिन पानी निकलता है. चापाकल सूख गए हैं. उन्होंने बताया कि अच्छी सड़क नहीं होने के कारण यहां टैंकर नहीं आता है. लोगों को काफी मेहनत करके कुआं से पानी भरना पड़ता है.

पेयजल की किल्लत दूर करे प्रशासन : अवधेश प्रसाद

रामगढ़ के हरहरगुटू देवता भवन के समीप के रहने वाले अवधेश प्रसाद ने बताया कि गर्मी में मुहल्ले में पानी की काफी किल्लत होती है. लोगों को दूर से पानी लाना पड़ता है. बागबेड़ा जलापूर्ति योजना शुरू होने से लोगों में उम्मीद जगी थी कि जल संकट की समस्या हल हो जाएगी, लेकिन इतने वर्षों बाद भी योजना खटाई में पड़ी हुई है. उन्होंने जिला प्रशासन से लोगों को हो रही परेशानियों को देखते हुए पेयजल की किल्लत वाले क्षेत्रों में जल मुहैया कराने की मांग की, जिससे लोगों को राहत मिले.गर्मी बढ़ने से पानी का जलस्तर इस इलाके में नीचे चला गया है.

हमेशा गर्मी में हो जाती है पानी की घोर समस्या : दीपक मुंडा

रामगढ़ के दीपक मुंडा कहते हैं कि गर्मी की दिनों में पानी की घोर समस्या हो जाती है. घर में कुआं है, लेकिन इन दिनों वह भी सूख जाता हैं. जार का पानी खरीद कर पीते हैं .मोहल्ला में लगे चापाकल भी इन दिनों जर्जर हालत में हैं. कुछ चापाकल तो खराब पड़ी हैं. कई बार बनाने के लिए कहने के बाद भी खराब चापाकल नहीं बनती. दो-तीन चापाकल हैं जिससे पानी निकलता है, उसी से गुजारा होता है. पानी के लिए व्यापक इंतजाम होना चाहिए, लेकिन नगर परिषद क्षेत्र की ओर से पानी का कोई इंतजाम नहीं है. हर घर जल योजना भी इन क्षेत्रों तक नहीं पहुंची है.

ऊपर टोला के चापाकल पर ग्रामीण निर्भर : विक्की खान

रामगढ़ के विक्की खान कहते हैं कि नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 23 में पानी की बहुत किल्लत है वार्ड क्षेत्र के मस्जिद मोहल्ला के ऊपर टोला के चापाकल पर ग्रामीण निर्भर हैं .सुबह से इस चापाकल में दर्जनों की संख्या में पानी लेने के लिए भीड़ लगी रहती है . ग्रामीणों के अलावा आसपास के क्षेत्र के भी ग्रामीण इसी चापाकल से पानी ले जाते हैं . इसके अलावा वार्ड क्षेत्र में जो चापाकल हैं वे खराब पड़े हैं.उसकी हालत जर्जर है .कई ग्रामीणों के घर के कुएं भी इन दिनों सूख चुके हैं. पानी के लिए यहां के लोग परेशान रहते हैं.

कुछ इलाकों में पानी की घोर समस्या है : पंचदेव करमाली

रामगढ़ के पंचदेव करमाली कहते हैं कि नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड 21 के कुछ इलाकों में पानी की घोर समस्या है. यहां के लोग पानी के लिए दूर-दूर भटकते हैं . कुछ इलाकों में चापाकल हैं. लेकिन उसकी भी स्थिति जर्जर है. कुछ चापाकलों में बहुत देर से पानी आता है. कुछ कुएं हैं जो इन दिनों सूखे हैं. कुछ कुंओं में थोड़ा बहुत पानी भी है तो वह जमीन से सटे होने के कारण बहुत गंदा निकलता है . इन दिनों पानी की समस्या को देखते हुए चापाकल को दुरुस्त करना चाहिए और वार्ड क्षेत्र में पानी की ठोस व्यवस्था होनी चाहिए ताकि गर्मी के दिनों में पानी की दिक्कत न हो.