Ranchi : रांची नगर निगम के अधूरे काम की वजह से एक बार फिर स्वच्छता सर्वेक्षण में रांची पिछड़ सकती है. वर्ष 2023 के लिए अगले 3 महीनों में स्वच्छता सर्वेक्षण किए जाएंगे. रांची नगर निगम इसकी तैयारी में जुट गया है. लेकिन निगम इस बार भी अपने कार्यों में खरा नहीं उतर पाया है. रांची नगर निगम का सबसे अच्छा प्रदर्शन 2019 में था, जिसमे उसे तीसरा स्थान मिला था. लेकिन उसके बाद रैकिंग गिर कर 38 और फिर 34 पर पहुंच गई थी. आये दिन शहर के गल्ली-महोल्लों में कुड़े के ढेर दिख जाते हैं. डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने के लिए महज 300 गाड़ियां हैं. लोगो का कहना है की निगम की गाड़ी हर तीसरे दिन कूड़ा उठाने के लिए आती है.हालत यह है कि राजधानी के झिरी डंपिंग यार्ड में पिछले 20 सालों में लगभग 40 एकड़ में 600 टन से भी ज्यादा कचड़ा जमा हो गया है.
कितने अंक के होंगे इस बार के सर्वेक्षण
इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण कुल 9500 अंक के होंगे. इसमें सबसे बड़ा हिस्सा लोगों के फीडबैक से प्राप्त किए जाते हैं. लोगो का फीडबैक कुल 2475 अंकों का होगा. इसमें लोग कचड़े के उठाव से लेकर उसके निस्तारण, गीला कचरा- सूखा कचरा के साथ-साथ प्लास्टिक को अलग करना, गंदे जल का निकासी और उसके फिल्ट्रेशन जैसे मुद्दे पर अंक देंगे. कचरे के उठाव से लेकर फिल्ट्रेशन तक की व्यवस्था अब तक निगम नहीं कर पाया है.
सालों से लटकी है योजना
शहर में कूड़ा उठाने में जितनी समस्या होती है, उससे ज्यादा उसके निष्पादिन में होती है. झिरी में कूड़ा के निष्पादिन के लिए पिछले कई वर्षों से योजना बन रही है. कूड़े के निष्पादन के लिए साल 2010-11 में ए टू जेए कंपनी को काम दिया गया, लेकिन कुछ समय बाद उसे हटा दिया गया. फिर 2014-15 में एस्सेल इंफ्रा नाम के कंपनी को काम सौंपा गया, लेकिन कुछ समय बाद ही कंपनी ने काम छोड़ दिया. फिर सीड़ीसी नाम की कंपनी को जिम्मा सौपा गया. कंपनी 1 साल बाद निकल गई. वर्तमान में गेल नाम की कंपनी को निष्पादन का काम दिया गया है. जिस काम को पिछले साल तक पूरा हो जाना था, काम की रफ्तार देख कर नहीं लगता है कि यह काम जल्दी पूरा हो पाएगा.
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