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जनवादी लेखक संघ के ऑल इंडिया उर्दू कन्वेंशन का आगाज – Lagatar

Ranchi: जनवादी लेखक संघ यानी जलेस के बैनर तले दो दिवसीय ऑल इंडिया उर्दू कॉन्वेंशन का आगाज हो गया. उद्घाटन सत्र रांची के एसडीसी सभागार रांची में हुआ, सबसे पहले दिवंगत हुए जकी अनवर, सिद्दीक मुजीबी, वहाब दानिश,प्रकाश फिकरी,इलियास गद्दी,गेयास अहमद गद्दी, नादिम बलखी,महजूर शम्सी, जहीर गाजीपुरी,शीन अख्तर आदि अदीबों और शायरों को खिराजे अकीदत पेश किया गया. ऑल इंडिया उर्दू कन्वेंशन 2023 का उद्घाटन अंजुमन तरक्की हिंद के जनरल सेक्रेटरी डॉक्टर अतहर फारुकी के द्वारा किया गया.

इस मौके पर जलेस के कार्यकारी अध्यक्ष और उद्घाटन समारोह के अध्यक्ष डॉक्टर चंचल चौहान ने कहा कि जलेस के इस कार्यक्रम में आकर उन्हें काफी खुशी हो रही है और यह कन्वेंशन उर्दू की तरक्की में मददगार साबित होगा, देश में अभी जो माहौल है उसमें कुछ तत्व उर्दू की तरक्की नहीं होने देना चाहते हैं और भाषा को भी बांटने की साजिश रची जा रही है जो कि सही नहीं है, इसे नाकाम करना है.

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मुख्य अतिथि डॉ अतहर फारुकी ने कहा की उर्दू किसी खास मजहब की भाषा नहीं बल्कि हिंदुस्तान की जबान है और आम बोलचाल की भाषा में इसका प्रयोग पूरा देश करता है. जलेश के महासचिव डॉ संजीव कुमार ने इस मौके पर सब को मुबारकबाद देते हुए कहा कि कन्वेंशन में मौजूद लोगों की संख्या देखकर उन्हें काफी खुशी हो रही है और यह कक्षा संकेत है. उद्घाटन सत्र का संचालन कार्यक्रम के संयोजक एम जेड खान ने किया.

कन्वेंशन के पहले दिन कुल तीन सत्र हुए. पहले सत्र की अध्यक्षता अली इमाम खान ने की जबकि संचालन डॉ. संजीव कुमार ने किया. इस सत्र में विभिन्न रिसर्च स्कालर्स ने शीर्षक ”उर्दू और हिन्दी का तख्लीकी रिश्ता :माजी और हाल” के अंतर्गत अपने रिसर्च पेपर्स प्रस्तुत किए. धन्यवाद ज्ञापन अशोक शुभदर्शी ने प्रस्तुत किया. दूसरे सत्र का शीर्षक था “समकालीन उर्दु अदब के रूझानात और सरोकार “, इस सत्र के वक्ता थे डॉ. नजमा रहमानी, डॉ सफदर इमाम कादरी और डॉ शहाब जफर आजमी. इस सत्र का धन्यवाद ज्ञापन अशोक कुमार ने प्रस्तुत किया.

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तीसरे सत्र में ”उर्दू साहाफत : आज और कल” पर चर्चा हुई

तीसरे सत्र की अध्यक्षता सैयद रेहान गनी ने की. संचालन मुंबई के सहाफी मुख्तार खान ने किया. वक्ताओं में मुंबई के असलम परवेज,शैदाई और जमशेद क़मर थे. उर्दू सहाफत की गिरती हुई पर सुरते हाल अपनी बातें रखी. धन्यवाद ज्ञापन नलिन रंजन सिंह ने किया. महादेव टोप्पो ने प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से और जन संस्कृति मंच की ओर से जेवियर कुजूर ने अपनी बात रखी. कन्वेंशन में बड़ी संख्या में विधार्थी भी शामिल थे. कन्वेंशन के दूसरे दिन 4 विचार सत्र आयोजित किए जाएंगे और अंत में कवि सम्मेलन सह मुशायरा के साथ उर्दू कन्वेंशन का समापन किया जाएगा.