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लॉकडाउन के समय से 50 फीसदी स्टाफ से काम कर रहे सरकारी दफ्तरों में 100 फीसदी कर्मचारियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। मैरिज गार्डन संचालक नवंबर और दिसंबर की भी बुकिंग ले सकेंगे

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लॉकडाउन के समय से 50 फीसदी स्टाफ से काम कर रहे सरकारी दफ्तरों में 100 फीसदी कर्मचारियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। सोमवार से सरकारी दफ्तरों, अर्धशासकीय कार्यालयों, निगम आदि में पूरी क्षमता से काम शुरू कर दिया गया। कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि कार्यालयों को शासन-प्रशासन के निर्देशों का हर हाल में पालन करना होगा। सोशल डिस्टेसिंग, मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग करना भी जरूरी है।

वहीं, मैरिज गार्डन संचालक अब नवंबर और दिसंबर की भी बुकिंग ले सकेंगे। गार्डन मालिक दो दिन पहले कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मांग रखी थी कि देवउठनी ग्यारस के बाद शादियों की शुरुआत होती है। ऐसे में बड़ी संख्या में नवंबर और दिसंबर के बाद के ऑर्डर मिलने लगे हैं। इस पर उन्हाेंने प्रशासन से मांग की है कि साल के अंत की बुकिंग लेने पर कहीं ऐसा ना हो कि बाद में इनकार कर दिया जाए।

मैरिज गार्डन के मालिकों को चिंता आगामी दिनाें की हो रही है। गार्डन मालिकाें ने इसी डर के चलते कलेक्टर मनीष सिंह से मुलाकात की थी। गार्डन मालिकों ने कहा कि लॉकडाउन में कई बुकिंग कैंसल होने से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। इस पर आगे की बुकिंग्स वे ले तो रहे हैं, लेकिन ऐसा ना हो कि बाद में प्रशासन की सख्ती के कारण उन्हें बुकिंग्स को कैंसल करना पड़े। इस पर प्रशासन की ओर से उन्हें आश्वस्त किया है कि ऐसी स्थिति बनने पर उनका पूरा ख्याल रखा जाएगा। वहीं, सांसद शंकर लालवानी से भी इसी मामले को लेकर गार्डन मालिकाें ने मुलाकात की थी।

जिला पंचायत सीईओ को सौंपी 15 से 20 किलोमीटर दूर ड्यूटी कर रहे शिक्षकों की सूची
कोरोना सर्वे के नाम पर घर से 15 से 20 किलोमीटर दूर ड्यूटी करने वाले शिक्षकों की परेशानी को जिला प्रशासन के सामने रखा था। इसके बाद प्रशासनिक अफसरों ने ऐसे शिक्षकों की सूची मांगी थी। इस पर कर्मचारी संगठन की ओर से हरीश बोयत और प्रवीण यादव ने शिक्षकों की सूची जिला पंचायत सीईओ रोहन सक्सेना को सौंपी। बोयत ने बताया कि कोविड-19 सर्वे में 10 से 20 किलोमीटर दूर शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी। इस संबंध में एक प्रतिनिधि मंडल ने सीईओ से मिलकर सर्वे कार्य में शिक्षकों की परेशानी से अवगत कराया। इसके बाद सीईओ को सूची सौंपी और अधिकांश शिक्षकों के आदेश कलेक्टर के हस्ताक्षर द्वारा जारी भी कर दिए गए।