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नेपाल के प्रधानमंत्री ने कहा मुझे हटाने की साज़िश हो रही है

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सार्वजनिक रूप से दावा किया है कि उन्हें पद से हटाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है.

कुछ राजनीतिशास्त्रियों का मानना है कि ऐसा करके वो वर्तमान परिस्थितियों से निबटने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि केपी शर्मा ओली वर्तमान कठिन परिस्थितियों में दृढ़ नेतृत्व नहीं दे पाए हैं.

राजनीतिशास्त्रीहरि शर्मा कहते हैं, “प्रधानमंत्री के ये कहने का मतलब ये है कि वो धीरे-धीरे आत्मविश्वास खो रहे हैं. जो बाहर दिखाई दे रहा है अंदर वह नहीं है.”

वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि इससे पहले भी उनकी सरकार के पतन के लिए बाहरी कारणों से ज़्यादा आंतरिक कारण ज़िम्मेदार थे.

एक अन्य राजनीतिशास्त्री कृष्ण पोखरेल ने कहा, “मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मानसिक रूप से घबराए हुए हैं कि उनकी शक्ति खो जाएगी.”

पोखरेल कहते हैं, “प्रधानमंत्री के कार्यशैली को लेकर पार्टी के अंदर परिस्थिति उत्पन्न हुई है उस को अपने हित में करने की कोशिश प्रधानमंत्री करना चाहते हैं.”

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री की अपनी कार्यशैली ने उनके खिलाफ़ पार्टी के भीतर की स्थिति का लाभ उठाना संभव बना दिया है.”

राजधानी काठमांडू में दिवंगत मदन भंडारी की जयंती के अवसर पर रविवार को आयोजित एक समारोह में प्रधान मंत्री ओली ने दावा किया कि उन्हें पहले की तरह ही पद से हटाने की कोशिश की जा रही है.

प्रधानमंत्री ये टिप्पणी ऐसे समय में की है जब पार्टी कार्यसमिति कोरोना वायरस महामारी के नियंत्रण में सरकार के कार्य की समीक्षा कर रही है.

प्रधानमंत्री ओली ने कहा के 58 साल से हमारी जो जमीन पर कब्जा किया गया था उस को वापस करने का जो कदम नेपाल ने उठाया है वह कतई ग़लत नहीं है.

प्रधानमंत्री ने कहा, “ऐसा करने के बाद नेपाल के ही नेता मेरे ख़िलाफ़ लगे हुए हैं. वे चाहते हैं कि मुझे फौरन पद से हटाया जाए.”

उन्होंने दावा किया कि पिछली बार चीन के साथ व्यापार और यातायात समझौते करके लौटने के बाद उनकी सरकार को उखाड़ फेंका गया था.

उन्होंने कहा, “दिल्ली के मीडिया को आप सुनिए उस से मालूम होगा कि कहां क्या चल रहा है. यहां होटल मे हो रही गतिविधियों से भी मालूम होता है. एम्बेसी (दूतावास) की सक्रियता भी बहुत कुछ बताती है.”

ओली ने कहा के पहले की तरह उन को पद से हटाना अब आसान नहीं है.

उन्होंने कहा, “…नए नक्शे को लेकर, उसे संविधान में शामिल करने को लेकर अगर इस देश के प्रधानमंत्री को हटाने का ख़्वाब कोई देखता है तो याद रखे के आज की राष्ट्रियता इतनी कमजोर नहीं है.”

ओली ने यह भी कहा कि खुद के लिए नहीं बल्कि इस देश की ख़ातिर फिलहाल वो पद से हटना नहीं चाहते हैं.

ओली ने कहा, “मुझे हमेशा प्रधानमंत्री बने नहीं रहना है लेकिन अगर इस वक्त मैंने पद छोड़ा तो नेपाल की पक्ष में बोलने वाला कोई भी नहीं होगा. क्योंकि अगर कोई आवाज़ उठाएगा तो उसको फौरन हटा दिया जाएगा.”

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