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घटा ग्रेड पे, बढ़ा टेंशन

Ranchi : सरकार की योजनाओं को प्रखंडों में लोगों तक पहुंचाने में जनसेवकों की अहम भूमिका होती है. यह वो कड़ी है, जिसकी बदौलत किसी योजना को जमीन पर उतारा जाता है. जनसेवक सीधे लाभुक से जुड़े होते हैं. ये लाभुक को योजनाओं के बारे में बताते हैं. साथ ही उन्हें राशि आवंटित होने की जानकारी देते हैं. इस तरह से सरकारी योजनाओं के कई कार्य प्रखडों में इन जनसेवकों के जरिये पूरा होता है. लेकिन 12 साल सरकारी विभाग में सेवा देने के बाद ग्रेड पे कम करने से अब जनसेवक नाराज हैं. दरअसल जनसेवकों का ग्रेड पे 2400 से घटा कर 2000 रुपये कर दिया गया है. इससे उनका असंतोष बढ़ता जा रहा है. सरकार के इस निर्णय के विरोध में प्रदेश में कई जगहों पर पहले जनसेवकों ने काला बिल्ला लगाकर कार्य किया. फिर धरना प्रदर्शन किया. इससे आगे बढ़ते हुए सोमवार को राजधानी रांची में मशाल जुलूस निकालकर अपना आक्रोश व्यक्त किया. वहीं अब झारखंड राज्य जनसेवक संघ ने इस मामले को लेकर एकजुट है. संघ ने पूरे प्रदेश में हड़ताल कर सरकार से इस आदेश को वापस लेने की मांग की है. शुभम संदेश टीम ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जनसेवकों से बातचीत कर उनके आंदोलन का कारण जाना है. प्रस्तुत है रिपोर्ट…

लातेहार :
प्रखंडों में अब तेज होगा आंदोलन

ग्रेड-पे कम करने के विरोध में जिले के जनसेवक नौ मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले गये हैं. झारखंड राज्य जन सेवक संघ के आह्वान जिले के जनसेवकों ने हड़ताल में जाने का निर्णय लिया. जनसेवक रघुनाथ राम ने कहा कि वर्ष 2012 में कृषि एवं गन्ना विकास विभाग के द्वारा 1836 जनसेवकों की बहाली 2400 ग्रेड पे पर की गई थी. 10 वर्षों तक विभाग ने हमारी सेवायें ली. अब जब प्रमोशन और एमएबीपी का समय आया तो कृषि निदेशक ने जनसेवकों का ग्रेड पे 2400 से घटाकर 2000 कर दिया. यह कहीं से उचित नहीं है. इसके लिए आर पार की लड़ाई की जायेगी. पूरे प्रदेश में हर स्तर पर विरोध किया जाएगा. विभाग के इस तुगलगी फरमान से जनसेवकों में रोष व्याप्त है. अगर पुराना ग्रेड पे लागू नहीं किया गया तो पूरे प्रदेश में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा. रघुनाथ राम ने कहा कि नौ मई को रांची में धरना प्रदर्शन आयोजित है. प्रदेश से प्राप्त निदेर्शों के अनुसार जिला व प्रखंडो में आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जायेगी. इससे पहले ग्रेड-पे कम करने के विरोध में जिले के जनसेवकों ने सोमवार की एक मशाल जुलूस निकाली. मशाल जुलूस कृषि विभाग कार्यालय से निकल कर समाहरणालय पहुंची. यहां जनसेवकों ने सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की. मौके पर रामनाथ यादव, लवकुमार पासवान, संकेत सत्यम, विकास कुमार,अरविंद प्रसाद , अरविंद रवि, श्याम सागर पांडेय, संजय मिंज, अंकित एक्का, प्रभाव भगत, विकास कुमार, रघुनंदन राम, उमेश उरांव, अनिता कुमारी, सुजाता कुमारी, स्नेहलता टोप्पो कुजूर, संतोष देवलाल राम, अंजित रंजन, राहुल रंजन संतोष उरांव, संतोष कुजूर समेत कई जनसेवक मौजूद थे.

रामगढ़ :
जनसेवकों ने बनाई रणनीति

कृषि विभाग, झारखंड सरकार द्वारा जनसेवकों के योगदान को नजर अंदाज करने और ग्रेड पे को षड्यंत्रपूर्वक घटाने के मामले को लेकर लोकेश कुमार की अध्यक्षता में रामगढ़ जिला के सभी जनसेवकों की एक आपात बैठक की गई. बैठक में अपनी पुरानी सभी 11 सूत्री लंबित मांगों के विषय में विस्तार से चर्चा हुई. बता दें कि जब से सरकार ने जनसेवकों के ग्रेड पे को घटाया है उसके बाद से जनसेवक आक्रोशित हैं. इससे झारखंड राज्य के सभी जनसेवक 9 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. बैठक में जनसेवकों ने अपनी राय रखी. इस हड़ताल में जाने वाले जनसेवक कृषि विभाग के जनसेवक भले हैं, परंतु ये अपने विभाग के कार्य के अलावा जिला परिषद कार्यालय, जिला नजारत, प्रखंड नजारत, निर्वाचन, आपूर्ति, नजारत, सांख्यिकी, ग्रामीण विकास, कल्याण, आवास आदि का कार्य भी देखते थे. जो कार्य अब प्रभावित होने की पूर्ण संभावना है. हड़ताल अवधि में सरकार के किसी भी कार्य में सहयोग नहीं करने का निर्णय लिया गया है. बैठक में इस निर्णय का उल्लंघन करने वाले को आर्थिक दंड और सामाजिक बहिष्कार का फैसला लिया गया. बैठक में कहा गया कि इस हड़ताल के लिए पूर्ण रूप से विभाग और सरकार की गैर जिम्मेराना रवैया जिम्मेवार है. जहां सरकार को जनसेवकों के कार्य और जिम्मेदारी को देखते हुए ग्रेड पे बढ़ाना चाहिए था.

बेरमो :
11 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर गए जनसेवक

झारखंड राज्य जनसेवक संघ के आह्वान पर बोकारो जिले के जनसेवकों ने भी 9 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. जिले में कुल 56 जनसेवक कार्यरत हैं. हड़ताल के बारे में संघ के जिला मंत्री अरुण कुमार ने कहा कि इस बार आरपार की लड़ाई होगी. जब तक मांगें नहीं मानी जाएगी तब तक हड़ताल जारी रखा जाएगा. वर्ष 2012 में जनसेवकों की नियुक्ति ग्रेड पे वेतमान के आधार पर हुई थी. सरकार ग्रेड पे बढ़ाने की जगह उसे घटाने की घोषणा की है. बाध्य होकर जनसेवकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया. इस संबंध में जनसेवक संघ 13 मार्च 2023 को वरीय अधिकारियों को पत्र भी भेजा था, लेकिन पत्र पर पहल नहीं हुई. उन्होंने कहा कि जनसेवक प्रखंड स्तरीय पर्यवेक्षकीय पद जैसे प्रखंड कल्याण पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, सहायक गोदाम प्रबंधक का कुशलतापूर्वक दायित्व निर्वहन कर रहे हैं. साथ ही प्रखंडों में अधिकांश पंचायतों के पंचायत सचिव का प्रभार भी जनसेवकों पर है. वहीं जनसेवकों के हड़ताल पर चले जाने से कामकाज प्रभावित होगा. गोमिया बीडीओ कपिल कुमार ने कहा कि हड़ताल के कारण प्रखंड स्तरीय कार्य प्रभावित होंगे. गोमिया में आठ जनसेवक कार्यरत हैं. जिन विभागों में ये जनसेवक कार्यरत हैं उन विभागों में कामकाज पर असर पड़ेगा. सरकार को इस पर सोचे.

हमलोगों के जिम्मे कई तरह के काम हैं : अमरदीप

गोमिया प्रखंड के जनसेवक अमरदीप कुमार ने बताया कि उनके जिम्मे चार पंचायत है. साथ ही प्रखंड कृषि पदाधिकारी का प्रभार भी है. इस तरह से हमलोगों के जिम्मे कई काम हैं. अब हड़ताल पर जाने के बाद पंचायत का विकास कार्य अवरूद्ध हो जाएगा. जन्म, मृत्य प्रमाण पत्र, पेंशन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति रुक जाएगी. इससे जनता को परेशानी होगी. इसे समझनेवाला कोई नहीं है. जबकि सरकार ने ग्रेड पे में कटौती कर दी है. जहां इसे बढ़ाया जाना चाहिए था, वहां घटा दिया गया. जनसेवक कहां जाएंगे. सरकार को सोचना ही होगा.

सहायक गोदाम प्रबंधक के प्रभार में हैं : मनपुरन कुमार

बेरमो प्रखंड के जनसेवक मनपुरन कुमार ने बताया कि वो सहायक गोदाम प्रबंधक के प्रभार में हैं. इसके अलावा दो पंचायत के पंचायत सचिव का कार्य भार भी है. इसके बाद अब वे हड़ताल में शामिल हैं. हड़ताल के कारण खाद्य आपूर्ति का काम प्रभावित होगा. लेकिन इस पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है. इससे काम बाधित होगा. सरकार को ग्रेड पे बढ़ाकर हमलोगों का हौसला बढ़ाना चाहिए, लेकिन इसे घटा दिया गया. ऐसे में हमलोगों के पास कोई और रास्ता नहीं था. इसलिए जनसेवकों को आंदोलन के लिए सड़क पर उतरना पड़ा. सरकार का निर्णय कहीं से उचित नहीं है.

15वें वित्त सहित मनरेगा कार्य प्रभावित होगा : पवन

पवन कुमार ने बताया कि गोमिया प्रखंड कार्यालय में कार्यवाहक सहायक का कार्य करते हैं. साथ में दो पंचायत का भी काम लिया जाता है. हड़ताल में रहने के कारण प्रखंड में विकास का कार्य और 15वें वित्त आयोग की योजना सहित मनरेगा कार्य भी प्रभावित होगा. जबकि इन दिनों काम तेजी से हो रहा था. हमलोग पूरी मेहनत से काम करते हैं. लेकिन इसके बदले क्या मिल रहा है यह किसी से छिपा नहीं है. जहां पैसे बढ़ने चाहिए थे, वहां इसे कम कर दिया गया. जाहिर है इससे असंतोष तो बढ़ेगा. जनसेवक तो सड़क पर ही उतरेंगे.

संघ के हड़ताल के निर्णय के साथ हैं : राजीव रंजन

राजीव रंजन गोमिया प्रखंड के सहायक गोदाम प्रबंधक हैं. वे भी हड़ताल पर हैं. उन्होंने बताया कि जन वितरण प्रणाली का खाद्य आपूर्ति का कार्य आवश्यक सेवा में है. कहा कि वो संघ के हड़ताल के निर्णय के साथ हैं. खाद्यान्न उपलब्ध नहीं होगा तो उपभोक्ताओं को फ्री राशन का लाभ नहीं मिल पायेगा. लेकिन इसे देखनेवाला कोई नहीं है. गलती किसी की है सजा किसी और को दी जा रही है. जब पहले ग्रेड पे दिया जा चुका है तो उसे घटाने का क्या मतलब है. इसे बढ़ाना चाहिए था. जो हर जगह होता है. यहां उल्टा हो रहा है.

चाईबासा :
जनसेवकों की हड़ताल पर जाने से कार्य प्रभावित हो रहे

चाईबासा में नवनियुक्त जन सेवकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण जिन-जिन विभागों में उनका डिप्टेशन किया गया था, उन विभागों के कार्य प्रभावित होने लगे हैं. सरकार द्वारा जनसेवकों के ग्रेड पे घटा दिए जाने के बाद पश्चिम सिंहभूम जिले में तैनात सभी 17 जनसेवक हड़ताल पर चले गए हैं. इन जनसेवकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण प्रखंडों में तथा पंचायतों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं. इनमें से कुछ जनसेवकों को जिला मुख्यालय में भी तैनात किया गया था, वहां भी कार्य प्रभावित हो रहा है. जनसेवकों की मांग है कि उनके कार्य पूर्ण रूप से तकनीकी हैं. उनके पद को तत्काल तकनीकी घोषित करते हुए उनका ग्रेड पे 4200 रुपये किया जाए. नहीं तो इस पर आगे आंदोलन और तेज होगा.

जनसेवकों का पद तकनीकी है, ग्रेड पे तो बढ़ाना चाहिए : नीरज कुमार

चाईबासा के जनसेवक नीरज कुमार ने कहा कि जनसेवकों का पद पूरी तरह से तकनीकी है. सरकार इस तकनीकी पद से हटाकर अन्य कार्य करवा रही है. इससे उन्हें दोहरी हानि हो रही है. उन्होंने सरकार से उनके पदनाम में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं करने की मांग की है. अब हमलोगों को ग्रेड पे में बढ़ोतरी की उम्मीद थी तो इसे घटाया जा रहा है. यह कहीं से भी उचित नहीं है. हमें विवश होकर हड़ताल पर जाना पड़ रहा है. सरकार को हमारी मांगों पर ध्यार देना चाहिए. जहां गलती है वहां सुधार करना चाहिए.

सरकार की दोहरी नीति के कारण जनसेवक हड़ताल पर हैं : दीपक

दीपक कुमार ने कहा कि सरकार की दोहरी नीति के कारण आज जनसेवक हड़ताल पर हैं. सरकार से हमें यह उम्मीद नहीं थी. हमलोग पूरी ईमानदारी के साथ काम करते हैं. लेकिन इसके बाद भी परिणाम उल्टा मिलता है. जहां ग्रेड पे बढ़ना चाहिए वहां घटाया जा रहा है. सरकार को हमारी मांगों को सुनना और समझना होगा, क्योंकि हमारी नियुक्ति जिस पद पर हुई है, उसके विरुद्ध हमसे कार्य करवाया जा रहा है. यह कहीं से भी उचित नहीं है. सरकार इस पर ध्यान नहीं देगी तो आंदोलन और तेज होगा. इससे असंतोष बढ़ेगा.

ग्रेड पे घटाना नियम के अनुकूल नहीं है, सरकार विचार करे : कृतिधर

जनसेवक कृतिधर महतो ने कहा कि जब हमें यह पता चला तो विश्वास ही नहीं हुआ. आखिर हम ग्रेड पे बढ़ने का इंतजार कर रहे थे. लेकिन यहां पर उल्टा हो रहा है. ग्रेड पे को घटा दिया गया है. हमारी मांग है कि जन सेवकों की नियुक्ति जिस नियमावली में की गई है, उन्हें उसी नियमावली में रहने दिया जाए. उसमें छेड़छाड़ नहीं की जाए. उन्होंने कहा कि हमारा ग्रेड पे 2400 रुपए है, जिसे घटाकर 2000 कर दिया गया है. यह नियम अनुकूल नहीं है. सरकार इस पर ध्यान दे और हमारी मांग सुने. नहीं तो आगे आंदोलन तेज होगा.

जब तक मांगें पूरी नहीं होती हैं, तब तक जारी रहेगी हड़ताल : योगेंद्र सुंडी

जनसेवक योगेंद्र सुंडी ने कहा कि सरकार जब तक हमारी 11 सूत्री मांगों पर सुनवाई नहीं करती जनसेवकों की प्रस्तावित हड़ताल जारी रहेगी. सरकार ग्रेड पे घटाकर गलत कर रही है. यह तकनीकी पद है. जनसेवकों का ग्रेड पे घटाने के बजाए बढ़ाया जाना चाहिए. जनसेवकों मांग है कि उनकी नियुक्ति जिस नियमावली में की गई है, उन्हें उसी नियमावली में रहने दिया जाए. उसमें बदलाव नहीं की जाए. बल्कि सुधार कर जो बेहतर हो वह किया जाय. ग्रेड पे घटाना कहीं से भी उचित नहीं है. इसे और बढ़ाना चाहिए.

हजारीबाग :
विभागों के कामकाज प्रभावित

जनसेवकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से पहले दिन से ही कई विभागों के काम-काज प्रभावित हो गए हैं. प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी और प्रखंड पर्यवेक्षक पदाधिकारी समेत विभिन्न कार्यालयों के कामकाज पर असर पड़ रहा है. जनसेवकों का कहना है कि सरकार उनकी मांगें माने, नहीं तो हड़ताल लंबी खि‍ंचेगी.

राज्य सरकार की नीति गलत : श्रीकांत कुमार

जनसेवक संघ के प्रमंडलीय सचिव श्रीकांत कुमार ने बताया कि पूरे राज्य भर में 1500 जनसेवकों की बहाली 2011 में निकाला गया था और बहाली प्रक्रिया 2012 में पूरा किया गया. इस दौरान हम लोगों का ग्रेड पे 2400 रुपया था और अचानक कृषि विभाग ने अधिसूचना जारी कर ₹2000 ग्रेड पे करने का आदेश जारी किया है. उनका कहना है कि यह सरकार की गलत नीति है. हम लोगों का अब प्रमोशन का समय आ रहा था. हमारा ग्रेड पे 4200 हो जाता है. लेकिन यहां पर उल्टी ही हो गया.

आदेश जल्द निरस्त करे सरकार : रवि राज

केरेडारी में सेवा देनेवाले जनसेवक रवि राजा ने कहा कि संघ ने सरकार के आदेश को निरस्त करने की मांग की है. साथ ही जनसेवक का पद तकनीकी होने के कारण 4200 रुपए ग्रेड पे करने की मांग की है. इसके अलावा जन सेवकों को गैर कृषि कार्यों से मुक्त करने की बात भी कही गई है. जनसेवक संवर्ग का पद नाम बदलकर कृषि प्रसार या प्रखंड उप कृषि पदाधिकारी करने की भी मांग की गई है. जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी हमलोग बेमियादी हड़ताल पर रहेंगे. इसे लेकर सभी एकजुट हैं.

सरकार के रवैये से है नाराजगी : अशोक

जनसेवक अशोक कुमार यादव ने कहा कि झारखंड में जनसेवक के पद पर सेवा देने वाले कर्मी इन दिनों सरकार के रवैए से बेहद नाराज हैं. यहां 12 साल तक सरकारी विभाग में सेवा देने के बाद ग्रेड पे ही कम कर दिया गया. देश में अन्य किसी राज्यों में शायद ही ऐसा किया गया है. हमेशा कर्मियों का ग्रेड पे समय अंतराल में बढ़ाया जाता है. लेकिन झारखंड में सेवा देने वाले जन सेवकों की बहाली 2012 में 2400 ग्रेड पे पर किया गया था. फरमान जारी कर 12 साल सेवा देने के बाद ग्रेड पे घटाकर ₹2000 कर दिया है.

चांडिल :

चांडिल और ईचागढ़ के एक-एक जनसेवक हड़ताल पर, काम पर असर नहीं

 

जनसेवकों का ग्रेड पे 2400 रुपये से घटा कर 2000 रुपये कर दिया गया है. 12 साल सरकारी विभाग में सेवा देने के बाद ग्रेड पे कम करने से जनसेवक नाराज हैं. ग्रेड पे घटाने का विरोध करते हुए झारखंड राज्य जनसेवक संघ के बैनर तले जनसेवक बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं. हालांकि चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में जनसेवकों की हड़ताल का कोई असर नहीं पड़ रहा है. अनुमंडल क्षेत्र के चांडिल और ईचागढ़ प्रखंड के एक-एक जनसेवक हड़ताल पर हैं. वहीं नीमडीह प्रखंड के एक भी जनसेवक हड़ताल पर नहीं हैं. चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के कुकड़ू प्रखंड में एक भी जनसेवक कार्यरत नहीं हैं. 11 सूत्री मांगों के समर्थन में ईचागढ़ प्रखंड में पदस्थापित 2012 बैच के एकमात्र जनसेवक रजनीकांत सिंह सरदार और चांडिल प्रखंड में पदस्थापित जनसेवक रामकृष्ण महतो हड़ताल पर हैं. दोनों ने हड़ताल पर रहने की सूचना अपने अधिकारियों को दी है. ईचागढ़ प्रखंड में कुल आठ जनसेवक पदस्थापित हैं, वहीं चांडिल प्रखंड में कुल 10 जनसेवक पदस्थापित हैं. हड़ताल के बाद ईचागढ़ में सात और चांडिल में दो प्रतिनियुक्त जनसेवक को छोड़कर सात जनसेवक काम कर रहे हैं. जनसेवकों की हड़ताल के कारण चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में अब तक किसी प्रकार के कार्य में दिक्कत नहीं आई है. झारखंड राज्य जनसेवक संघ के बैनर तले हड़ताल कर रहे ईचागढ़ प्रखंड के एकमात्र जनसेवक रजनीकांत सिंह सरदार ने कहा कि संघ की मांगें पूरी होने तक जनसेवकों की हड़ताल जारी रहेगी. उन्होंने बताया कि जिले के कुल छह जनसेवक ही हड़ताल पर हैं, जो 2012 बैच के हैं.

जमशेदपुर :
11 सूत्री मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे जनसेवक

जनसेवक संवर्ग के खिलाफ कृषि विभाग द्वारा नियुक्ति नियमावली एवं ग्रेड-पे संबंधी अवांछनीय छेड़छाड़ पर तत्काल रोक लगाई जाये, जनसेवक को पूर्व की भांति तकनीकी पद मानते हुए ग्रेड-पे 4200 किया जाये, 2012 में नियुक्त सभी जिले में जनसेवकों को तत्काल एमएसीपी का लाभ प्रदान किया जाये, 2012 में नियुक्त जनसेवकों सहित राज्यस्तरीय वरीयता सूची अविलंब प्रकाशित की जाये, जनसेवकों की संपूर्ण सेवा 2011 जनसेवक भर्ती नियमावली के तहत कृषि विभाग में वापस लेते हुए डीडीओ परिवर्तन का पत्र अविलंब निर्गत किया जाये.

ग्रेड पे घटाना जनसेवकों के साथ अन्याय है : संजय

झारखंड राज्य जनसेवक संघ पूर्वी सिंहभूम जिला इकाई के अध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि झारखंड सरकार ने ग्रेड पे बढ़ाने की बजाय घटाने का आदेश दिया है. वह सरकार का मनमाना फैसला है. यह कहीं से भी न्यायोचित नहीं है. जहां इसे बढ़ाया जाना चाहिए वहीं घटना दिया गया है. वर्षों से जनसेवक 2400 रुपए ग्रेड पे पर काम कर रहे हैं. इसमें बढ़ोतरी होनी चाहिए, लेकिन सरकार इसमें कटौती करने की बात कह रही है. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार अपना आदेश वापस नहीं लेती है तो हड़ताल में रहेगी.

हड़ताल से काम-काज होगा प्रभावित : नवीन

जनसेवक सह दक्षिण हलुदबनी पंचायत के पंचायत सचिव नवीन कुमार ने कहा कि राज्य सरकार निचले स्तर के कर्मचारियों का शोषण कर रही है. जनसेवक जमीन से जुड़ा कर्मचारी होता है. उसके ऊपर काम का भारी बोझ होता है. उसे सरकार की हर योजना के क्रियान्वयन में मदद करनी होती है. लेकिन उसके साथ अन्याय हो रहा है. जो ग्रेड-पे बढ़कर 4200 रुपए होना चाहिए, उसे सरकार 2400 से भी कम करना चाहती है. यह जनसेवकों के साथ सरासर अन्याय है. सभी जनसेवक सरकार के फरमान के खिलाफ हैं.

हड़ताल के लिए सरकार है जिम्मेदार : अभय कुमार

झारखंड राज्य जनसेवक संघ पूर्वी सिंहभूम जिला इकाई के कोषाध्यक्ष अभय कुमार ने बताया कि जनसेवकों के हड़ताल पर जाने के लिए पूरी तरह से सरकार दोषी है. सरकार को ग्रेड पे समेत 11 सूत्री मांगों से पूर्व में अवगत करा दिया गया था. साथ ही पांच दिनों का सांकेतिक आंदोलन चलाकर सरकार को आगाह किया गया. इसके तहत 2-3 मई को काला बिल्ला लगाकर कार्य किया गया. 4 मई को जिला स्तरीय धरना दिया गया. 6 मई को राज्यस्तरीय धरना, 8 मई को जिला मुख्यालयों में मशाल जुलूस निकाला गया. ताकि सरकार सुने.

हमारी बहाली जब हुई तब ग्रेड पे 2400 था: उपेंद्र कुमार

झारखंड राज्य जन सेवक संघ के प्रांतीय प्रवक्ता उपेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि जब हमारी बहाली जनसेवक के लिए हुई थी तब नोटिफिकेशन में 2400 ग्रेड पे और वेतनमान 5200 से 20200 तक था. हमारे नियुक्ति के लिए विज्ञापन 2011 में आया और 2012 में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली गई. हमें नियुक्त कर दिया गया. आज 10 साल के एक्सपीरियंस होने के बाद कृषि विभाग 25 अप्रैल 2023 को एक पत्र जारी करती है. कहा 24 00 ग्रेड पे गलती से हो गया था. अब ग्रेड पे 2000 किया जाएगा.

11 साल काम करने के बाद डिमोट कर दिया गया है: हीरा

महिला जन सेवक हीरा एस गुड़िया ने कहा कि हमारी नियुक्ति जब हुई थी उस वक्त नोटिफिकेशन में 2400 ग्रेड पे था. हमलोग 11 साल तक कम कर लिए. जिसके बाद हमारा प्रमोशन होना चाहिए और ग्रेड पे भी बढ़ना चाहिए. लेकिन यहां सरकार हमें प्रमोशन और ग्रेड पे बढ़ाने की बजाय ग्रेड पे घटा रही है. जहां हमें प्रमोशन होना था, वो नहीं हो रहा है. आज ऐसा लग रहा है कि धोखा हुआ है. अगर भूल सरकार की थी तो हम क्यों भुगतें. हमारी ओर से कोई गलती नहीं हुई है. ऐसा कहना कि भूल से आप लोगों को ज्यादा पैसा दे दिया गया है.

काम के बदले हमें अच्छा वेतन मिलना चाहिए: रीना लकड़ा

रीना लकड़ा ने बताया कि काम के बदले हमें अच्छा वेतन मिलना चाहिए. हमसे ब्लॉक के सारे काम करवाए जाते हैं. हम अच्छे से करते भी हैं. हमें कृषि विभाग से ग्रामीण विकास विभाग में काम करवाया जा रहा है. हमारे काम के बदले अब हमारा ग्रेड पे घटाया जाएगा. यह तो ठीक नहीं है. यह कौन सा न्याय है. 11 साल तक हमलोगों ने काम कर लिया. अपनी सेवा दी. इसी के भरोसे आगे बढ़े. सारे काम ईमानदारी और मेहनत से करते रहे, लेकिन क्या मिला. अब जहां प्रमोशन होना चाहिए था, वहां डिमोशन किया जा रहा है.

हमलोगों का वेतन घटाने की तैयारी की जा रही है: राजीव

जनसेवक राजीव कुमार ने कहा कि जब हम नौकरी के लिए आवेदन कर रहे थे तो हमने नोटिफिकेशन पढ़ा था. उसमें 2400 ग्रेड पे था. हमें यह अब तक मिल रहा है. यह आगे भी मिलना चाहिए. इतने नौकरी करते हुए बीत गये. हमें तो प्रमोशन का इंतजार था. ग्रेड पे बढ़ाना चाहिए था. लेकिन यहां उल्टा हो रहा है. 10 साल के एक्सपीरियंस के बाद हमें हमारा ग्रेड पे बढ़ाया नहीं जा रहा है, बल्कि इसे घटाने की तैयारी की जा रही है. यह कहीं से भी न्यायोचित नहीं है. इसमें कहीं गलती है तो यह विभाग की है. विभाग को सोचना चाहिए.

कई प्रक्रिया से होकर पेपर गुजरता है: हरिनाथ पांडे

जनसेवक हरि नाथ पांडे ने कहा कि सरकार जब किसी भी वैकेंसी को निकलती है तो उस वक्त कई प्रक्रिया से सारा पेपर गुजरता है. कई अधिकारी और मंत्री बैठक करते हैं. उस पर विचार किया जाता है. उसके बाद रिक्तियां निकाली जाती हैं. ऐसे में अगर गलती होती है तो इसके दोषी हम नहीं हैं. वे दोषी हैं जो इसे सही तरीके से नहीं किये. हमने तो 2400 ग्रेड पे नोटिफिकेशन में देखा. हमें उतनी पैसा अब तक मिल रहा है. लेकिन अब इसे अगर घटा दिया जाएगा तो हमारे साथ अन्याय होगा. सरकार को विचार करना चाहिए.

रजनीश प्रसाद :  झारखंड के लगभग 1800 जनसेवक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. जनसेवक आंदोलन का कारण कृषि विभाग द्वारा द्वारा जारी लेटर संख्या 55 को बता रहे हैं. बता दें कि 25 अप्रैल को कृषि विभाग द्वारा एक लेटर जारी किया गया है, जिसमें लिखा है कि 2400 ग्रेड पे और वेतनमान 5200 से 20200 तक था. अब ग्रेड पे 2000 करने के लिए पत्र जारी किया गया है. इनकी नियुक्ति 2011-12 में की गयी थी. विभाग का पत्र जारी होने के बाद झारखंड के सभी जनसेवक आक्रोशित हैं. आंदोलन शुरू कर दिया है. जनसेवकों ने बताया कि निदेशालय घेराव के बाद विभाग ने लेटर नंबर 55 को रद्द करके लेटर नंबर 44 को जारी कर दिया. वहीं जनसेवकों का आरोप है कि लेटर नंबर 44/2022 का है, जिसे तत्कालीन निदेशक ने रिलिज ही नहीं किया था.

जानिए कब-कब क्या हुआ
28 अप्रैल को निदेशालय घेराव
2, 3 मई को काला बिल्ला लगा कर काम किया
4 मई जिलावार प्रदर्शन
6 को राजभवन के सामने धरना प्रदर्शन
8 मई को मशाल जुलूस
9 मई से अनिश्चितकालिन धरना
क्या हैं मांगें
जनसेवक संवर्ग के खिलाफ कृषि विभाग द्वारा नियुक्ति नियमावली एवं ग्रेड-पे संबंधी अवांछनीय छेड़-छाड़ और षड्यंत्र तत्काल स्थाई रूप से बंद किया जाए.
 जनसेवक संवर्ग को पूर्व की भांति तकनिकी पद मानते हुए ग्रेड-पे 4200/- किया जाए.
2012 में नियुक्त सभी जिले में जनसेवकों को तत्काल एमएसीपी का लाभ दिया जाए.
2012 में नियुक्त जनसेवकों सहित राज्य स्तरीय वरीयता सूची अविलंब प्रकाशित किया जाए.
जनसेवकों की सम्पूर्ण सेवा 2011 जनसेवक भर्ती नियमावली के तहत कृषि विभाग में वापस लेते हुए डीडीओ परिवर्तन का पत्र अविलंब निर्गत किया जाए.
जनसेवक संवर्ग का पदनाम बदल कर कृषि प्रसार पर्यवेक्षक / प्रखण्ड कृषि प्रसार पर्यवेक्षक किया जाए.
जनसेवक संवर्ग को सीमित परीक्षा में बैठने की पुन अनुमति दी जाए.
सभी जिलों में 2401 वेतन शीर्ष सृजित कर हमें समान शीर्ष से वेतन भुगतान की जाए.
झारखंड कृषि शिक्षा पर्षद का अविलम्ब गठन करते हुए जनसेवकों की प्रोन्नति प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी एवं समकक्ष सभी पर्वेक्षकीय पदों में की जाए.
जनसेवकों को गैर कृषि कार्यों से मुक्त किया जाए.
पूर्व की भांति जनसेवकों के लिए निशुल्क कृषि स्नातक की पढाई करने की व्यवस्था की जाए.