Ranchi : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) साहेबगंज में हुए 1000 करोड़ के अवैध पत्थर खनन मामले की जांच मनी लांन्ड्रिंग के तहत कर रही है. इस मामले में दाहू यादव और सुनील यादव के खिलाफ सात महीने पहले वारंट जारी किया गया था. लेकिन अभी भी दोनों पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. ईडी की विशेष अदालत ने साहिबगंज पुलिस को निर्देश भी दिया है कि दोनों ही आरोपितों की गिरफ्तारी में वे ईडी का सहयोग करें. लेकिन फिर भी दोनों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. बता दें कि दाहू और सुनील यादव सगे भाई हैं. इनपर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के साथ मिलकर अवैध खनन, अवैध परिवहन और साहिबगंज में गंगा नदी पर अवैध तरीके से जहाज परिचालन का आरोप है.
500 रुपये प्रति ट्रक की दर से वसूली का है आरोप
दाहू यादव पर मेसर्स इंफ्रालिंक लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड का स्टीमर गलत तरीके से चलवाने का भी आरोप है. 23 मार्च 2022 को हुई दुर्घटना और अवैध स्टोन चिप्स ढुलाई मामले में ईडी ने इंफ्रालिंक के स्टीमर को जब्त कर लिया है. जिसे दाहू यादव और उसके भाई सुनील यादव की देखरेख में चलाया जाता था. दोनों भाईयों पर आरोप है कि वे स्टीमर के सहारे स्टोन चिप्स ढोनेवाले ट्रकों से पंकज मिश्रा के लिए 500 रुपये प्रति ट्रक की दर से वसूली करते थे. बच्चू यादव ने ईडी को दिये गये अपने बयान में इस बात को स्वीकार किया था.
जानें कब क्या हुआ
18 जुलाई 2022 को दाहू यादव ईडी के सामने उपस्थित हुआ.
29 अक्टूबर 2022 को दाहू यादव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया.
21 अप्रैल 2023 को दाहू यादव के पिता पशुपति यादव को गिरफ्तार किया गया
7 मई 2023 को दाहू यादव और सुनील यादव के घर की कुर्की की गयी.
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