चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग के बीच मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने इसका समर्थन करते हुए ऐसा करने का फॉर्मूला भी सुझाया है। उन्होंने रविवार को कहा, भारतीय विनिर्माण को अधिक प्रतिस्पर्धी और व्यापक बनाना होगा।
उन्होंने यह चेतावनी दी कि पड़ोसी देश के उत्पादों का बहिष्कार करने के बाद लोगों को ज्यादा दाम चुकाने के लिए तैयार रहना होगा। भार्गव ने यह भी माना कि लंबे समय तक लगातार आयात वास्तव में किसी के भी व्यावसायिक हित में नहीं है।
जानिए भार्गव ने क्या कुछ कहा..
India की सबसे बड़ी कार कंपनी के चेयरमैन भार्गव ने जोर देते हुए कहा, कुछ उत्पादों का आयात जारी रहेगा, क्योंकि इस मामले में हमारे पास सीमित विकल्प हैं। दरअसल, ऐसे उत्पाद या तो भारत में उपलब्ध ही नहीं हैं या उनकी गुणवत्ता और कीमत बड़ा मुद्दा है।
भार्गव ने कहा, चीन के खिलाफ देशभर में बन रही भावना का जवाब यही है कि आप भारतीय विनिर्माण को ज्यादा प्रतिस्पर्धी, ज्यादा गहरा और व्यापक बनाएं। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस आत्मनिर्भर भारत की कल्पना पेश की थी, उसका मतलब भी यही है। अगर आप भारत में प्रतिस्पर्धी मूल्य पर सामान का उत्पादन चालू कर देंगे तो लोग उनका आयात नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि लद्दाख सीमा पर भारत-चीन तनाव की वजह से चीनी आयात के खिलाफ उठी आवाजों से वाहन और अन्य क्षेत्रों की कंपनियों का चिंतित होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा, यह सीमा पर जो हुआ, उसकी प्राकृतिक प्रतिक्रिया है।
पाकिस्तान के मामले में भी ऐसा हुआ था। हालांकि, यह नीति नहीं बन जाता है। मुझे लगता है कि कोई भी नीति बनाने या हटाने से पहले नीति निर्माता सावधानी से विचार करते हैं। वे भावनाओं के हिसाब से प्रतिक्रिया नहीं देते हैं।
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