Ranchi : मानवशास्त्री तथा शिक्षाविद डॉ करमा उरांव के निधन पर रविवार को प्राध्यापक अनुबंध संघ (आवश्यकता आधारित) के द्वारा मोरहाबादी स्थित पार्क में शोक सभा की गयी. बहुआयामी प्रतिभा के धनी डॉ करमा उरांव की असामयिक निधन पर दो मिनट मौन रखा गया. सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ रांची विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. त्रिभुवन शाही ने कहा कि डॉ उरांव न केवल प्रतिभावान प्राध्यापक थे, बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता थे. उनकी प्रतिभा के कारण ही तात्कालिक बिहार सरकार उन्हें बीपीएससी का सदस्य बनाया था. संघ के महासचिव डॉ. रामकुमार ने कला कि डॉ करमा उरांव एक ख्यातिप्राप्त मानवशास्त्री थे, जो कई प्रकार के शोध कार्य कर मानवशास्त्र विषय में अपना योगदान देश तथा विश्व स्तर पर दिए. प्रिंस कुमार ने कहा कि झारखंड के जाने माने शिक्षाविद और सामाजिक क्रांतिकारी डॉ करमा उरांव सामाजिक जागरूकता के अगुवा थे. झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में भी अपना उल्लेखनीय योगदान दिया था. शोक सभा में डॉ. परिशांति सांगा, डॉ अंसुल, डॉ. संजय कुमार, डॉ.आशा कुमारी, डॉ सुषमा कुजूर समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.
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