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झारखंड के एक और IAS गए जेल, वारंट के बाद थे फरार

Ranchi: झारखंड के एक और आईएएस अधिकारी और पलामू के पूर्व बंदोबस्त पदाधिकारी अनिल कुमार को जेल जाना पड़ा है. मंगलवार को अनिल कुमार ने साहिबगंज कोर्ट में सरेंडर कर दिया. जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया. साहिबगंज कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद वे पिछले साल नवंबर 2022 से ही फरार चल रहे थे. साहिबगंज कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद अनिल कुमार जमानत के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे. हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी. अर्जी खारिज होने के बाद मंगलवार को साहिबगंज कोर्ट में उन्होंने सरेंडर किया. सीजेएम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया. अनिल कुमार बिहार प्रशासनिक सेवा के 37वें बैच (अब झारखंड प्रशासनिक सेवा) के अधिकारी थे. उन्हें पिछले साल भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति मिली थी.

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शिक्षा विभाग में हुई अवैध नियुक्ति की फाइल गायब करने में आया था नाम

जानकारी के मुताबिक, पूर्व बंदोबस्त पदाधिकारी अनिल कुमार का नाम शिक्षा विभाग में हुई अवैध नियुक्ति की फाइल गायब करने में आया था. साल 2014 में साहिबगंज जिले के जिरवाबाड़ी ओपी में इससे संबंधित मामला दर्ज हुआ था.

अनिल कुमार साहिबगंज में जिला आपूर्ति पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित थे. उन्हें  शिक्षा विभाग में नियुक्ति में घोटाले की जांच का जिम्मा मिला था. हालांकि, यह मामला दब गया. 2014 में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी भलेरियन तिर्की के समय में फिर से किसी ने इसकी शिकायत की थी. इसके बाद पुरानी फाइल की खोज शुरू हुई, लेकिन वह फाइल अबतक नहीं मिली.

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फाइल नहीं मिलने पर तत्कालीन डीईओ भलेरियन तिर्की ने शिक्षा विभाग के प्रधान लिपिक गोपाल चंद्र सिंह, लिपिक पंचानन महतो, राहुल आनंद सिंह, दिलीप कुमार पांडेय और आरईओ सतीश चंद्र सिंकू के खिलाफ जिरवाबाड़ी ओपी में मामला दर्ज कराया था. इस मामले की जांच के दौरान यह बात सामने आयी कि अनिल कुमार जांच के क्रम में फाइल ले गए थे. इसके बाद उनके अलावा पूर्व डीईओ सुशील कुमार राय को भी अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया है.