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6 लंबित मामलों को नहीं निपटा रहा शिक्षा विभाग, शिक

उच्च न्यायालय के आदेश की भी कर रहा है अवहेलना
लंबित मामलों के निपटारे में सरकार की दिलचस्पी नहीं

Rajnish Prasad

Ranchi : राज्य सरकार का शिक्षा विभाग लंबित मामलों के निपटारा के लिए कोई पहल नहीं कर रहा है. विभाग के पास 6 मामले लंबित हैं, लेकिन वह इनके निपटारे में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. आलम यह है कि सरकार उच्च न्यायालय के आदेश की भी अवहेलना कर रही है. इस कारण शिक्षक-अभ्यर्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सीटेट और बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थी शिक्षक बहाली के लिए फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं, जिससे पिछले करीब 14 वर्षों से विश्वविद्यालय में शिक्षकों की बहाली नहीं हो सकी है. सरकारी अधिकारियों की लापरवाही के कारण शिक्षकों की प्रोन्नति भी लंबित है. झारखंड शिक्षक प्राधिकरण का अध्यक्ष पद रिक्त रहने से कई परेशानियां खड़ी हो गयी हैं.

इन मामलों का निपटारा नहीं कर रही है सरकार
सीटेट अभ्यर्थियों की मांग है कि झारखंड के शिक्षक बहाली में उनको भी बैठने दिया जाये. इस मांग को लेकर सीटेट के अभ्यर्थियों ने कई बार आंदोलन और बैठक की है. लेकिन इनकी मांगों को लेकर अब तक कुछ नहीं हुआ है.
2015 से 2021 के बीच स्नातक किये विद्यार्थी शिक्षक का फॉर्म नहीं भर पार रहे हैं. क्योंकि इस में दो जेनरिक पेपर मांगा जाता है. लेकिन यूनिवर्सिटी ने एक ही जेनरिक पेपर की परीक्षा ली है.
विश्वविद्यालयों में 2008 के बाद सहायक प्राध्यापकों की बहाली नहीं हुई है. जिससे विश्वविद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है.
झारखंड के मिडिल व हाई स्कूलों में शिक्षकों का प्रमोशन का काम सालों से रूका है.
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी झारखंड शिक्षक प्राधिकरण में अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया गया है.
हाई स्कूल में लगभग 98.01 फीसदी और मिडिल स्कूलों में 97.89 प्रतिशत हेडमास्टर के पद खाली है.