कोरोना संकट के बिच “कोरोनिल’ को लेकर योगगुरू बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान योगगुरू बाबा रामदेव ने आयुर्वेद बीमारियों को जड़ से खत्म करने की प्रक्रिया है।
हमने योग और आयुर्वेद के माध्यम से लोगों को स्वस्थ होने की शिक्षा दी है, लेकिन फिर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। आयुष मंत्रालय ने भी कहा है कि पतंजलि ने कोविड के क्षेत्र में अच्छी पहल की है। इससे सभी विरोधियों के मंसूबों पर पानी फिर गया है।
बाबा रामदेव ने कहा कि अभी कोरोना के ऊपर क्लीनिकल ट्रायल हुआ है। दस से ज्यादा बीमारियों के तीन लेवल को हम पार कर चुके हैं। हृदय रोगियों, अस्थमा, हाइपेटाइटिस, डेंगू, चीकनगुनिया के रोगियों पर रिसर्च कर चुके हैं। पांच सौ से ज्यादा वैज्ञानिक हमारी रिसर्च टीम में शामिल हैं।
योगगुरू बाबा रामदेव ने कहा कि योग आयुर्वेद का काम करना एक गुनाह हो गया है। जैसे देशद्रोही और आतंकवादियों के खिलाफ एफआइआर होती है। वैसे ही हमारे के खिलाफ भी की जा रही है। स्वामी रामदेव जेल जाएंगे।
हमने मरीजों पर ट्रायल करके देखा, सभी चीजें कंट्रोल हो रही हैं।
पतंजलि ने करोड़ों लोगों को आयुर्वेद और योग के माध्यम से नया जीवन दिया है।
क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल की पूरी रिसर्च हमने आयुर्वेद मंत्रालय को भेजी है। जो पैरामीटर बनाए गए हैं, उसके अनुरूप ये रिसर्च की गई है।
- रोगमुक्ति के खिलाफ जारी रहेगा अभियान
बाबा रामदेव ने दावा किया कि हमने हैपेटाइटिस को भी नेगेटिव किया है। उस पर भी एफआइआर दर्ज करो। इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है। जो आजतक दुनिया में नहीं हुआ है वो योग ने कर दिखाया है। लाखों लोगों का बीपी योग से ही ठीक हुआ है। इसके लिए दवा लेने की जरूरत ही नहीं पड़ी। योग के द्वारा, अस्थमा, बीपी ठीक हुआ है। अगर इसे कोई गुनाह कहे तो हम इसके लिए भी तैयार हैं, लेकिन रोगमुक्ति के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।
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