भारतीय रेलवे में पहली बार रायपुर मंडल ने तीन भरी हुई मालगाड़ियों को एक साथ जोड़कर (सुपर एनाकोंडा) 325 किलोमीटर तक चलाया। यह मालगाड़ी छत्तीसगढ़ से ओडिशा तक चलाई गई। 325 किलोमीटर की दूरी तय करने के दौरान इस सुपर एनाकोंडा ने 100 से अधिक उतार-चढ़ाव एवं विषम परिस्थिति वाले रेलवे ट्रैक को पार किया। इस गाड़ी में करीब 4000 टन से अधिक क्लिंकर, 2800 टन से अधिक सीमेंट, 2800 टन फूड ग्रेंस आदि भरे थे। रायपुर रेल मंडल ने सबसे पहले ट्रिपल लॉन्ग हॉल एनाकोंडा ट्रेन के खाली रेक को चलाने की उपलब्धि भी हासिल की है।
मंडल रेल प्रबंधक श्याम सुंदर गुप्ता ने बताया कि मंडल की मालगाड़ियों के परिचालन में अभूतपूर्व इजाफा हुआ है। पहले लोड गाड़ियों की परिचालन की गति 20 किलोमीटर प्रति घंटा रहती थी, लेकिन रायपुर रेल मंडल के परिचालन विभाग की दक्षता एवं कार्यकुशलता के कारण यह गति लगभग 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई है।
सुधार एवं नवाचार से रेल परिचालन की गतिशीलता में अहम भूमिका निभा रहे हैं। रेल परिचालन की गति का स्पीड गन द्वारा समय-समय पर औचक निरीक्षण कर जांच की जाती है, ताकि मालगाड़ियों की रफ्तार अच्छी बनी रहे।
सभी स्तरों पर मालगाड़ी की गति बढ़ाने में सजगता बरती जा रही है। इसी का परिणाम है कि पिछले दिनों में खाली मालगाड़ियों की गति औसतन 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा रहती थी वह बढ़कर अब 80 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई है। रायपुर रेल मंडल के परिचालन विभाग का कार्यभार वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक (समन्वय) डॉ. प्रकाश चन्द्र त्रिपाठी देख रहे हैं।
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