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बैन चीनी ऐप Weibo से हटे पीएम मोदी, पोस्ट डिलीट कर चीन को सीधा संदेश

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भारत सरकार ने जिन 59 चीनी ऐप्‍स को बैन करने का फैसला किया, उनमें से एक Weibo पर पीएम नरेंद्र मोदी का आधिकारिक अकाउंट है। बुधवार को लोग तब हैरान हो गए जब अकाउंट से फोटो, पोस्‍ट्स और कमेंट्स गायब हो गए। कई लोगों ने अंदाजा लगाया कि चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए Weibo से ऐसा करवाया जो कि सच नहीं। दरअसल पीएम मोदी ने चीनी ऐप्‍स बैन होने के बाद तय किया वे Weibo छोड़ देंगे। इसी के बाद उनके अकाउंट को डिलीट करने की प्रक्रिया शुरू हुई। वीआईपी अकाउंट्स के लिए Weibo छोड़ना बेहद जटिल प्रोसीजर है इसलिए आधिकारिक रूप से पूरा प्रोसेस शुरू किया गया।

115 में से 113 पोस्‍ट्स हो गई थीं डिलीट…
चीन की तरफ से बेसिक परमिशन देने में भी देरी की गई। पीएम मोदी के Weibo अकाउंट पर कुल 115 पोस्‍ट्स थीं। तय हुआ कि इन्‍हें मैनुअली डिलीट किया जाएगा। काफी कोशिशों के बाद 113 पोस्‍ट्स डिलीट कर दी गईं। दो पोस्‍ट्स अब भी बाकी रह गई थीं जिनमें राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के साथ पीएम मोदी की तस्‍वीरें थीं। Weibo पर चीनी राष्‍ट्रपति वाली तस्‍वीरें हटाना मुश्किल है। खैर किसी तरह उसे भी हटाया गया। अब पीएम मोदी के अकाउंट पर कुछ भी नहीं है। हालांकि जब पोस्‍ट्स डिलीट करना शुरू किया गया, तब पीएम मोदी के 2,44,00 फॉलोअर्स थे।

चीन की ऐसी हरकतों के चलते लगा बैन
कुछ दिन पहले, चीन की मशहूर ऐप WeChat से भारतीय दूतावास के आधिकारिक अकाउंट से तीन भारतीय बयान डिलीट कर दिए गए थे। इनमें से एक प्रधानमंत्री मोदी का बयान भी था। चीन की ऐसी हरकतों और उनकी ऐप्‍स को लेकर सिक्‍योरिटी और प्राइवेसी से जुड़ी चिंताओं को देखते हुए भारत सरकार ने सोमवार को TikTok, Weibo, Helo, WeChat जैसी 59 चीनी ऐप्‍स पर बैन लगा दिया था। अब यह ऐप्‍स गूगल प्‍ले स्‍टोर और ऐप्‍पल प्‍ले स्‍टोर से हटाई जा चुकी हैं।

LAC पर चीन ने पैदा किया तनाव
भारत और चीन के बीच, लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल के वेस्‍टर्न सेक्‍टर में भारी तनाव बना हुआ है। दोनो देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15-16 जून को आमने-सामने आ गई थीं। हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए। चीन ने नहीं बताया कि उनके कितने सैनिक मारे गए। पैंगोंग त्‍सो में भी चीनी सेना ने घुसपैठ की है और डेपसांग प्‍लेन्‍स में भी उसके सैनिक मौजूद हैं। दोनों देशों के बीच सीनियर मिलिट्री कमांडर लेवल की बातचीत हुई है मगर कोई ठोस सहमति नहीं बन सकी है।