मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल राजधानी रायपुर के हृदय स्थल में लगभग 11 करोड़ रूपए की लागत राशि से 19 एकड़ रकबा में विकसित हो रहे ऑक्सीजोन का 2 जुलाई को दोपहर 12 बजे शुभारंभ करेंगे। इसके प्रथम चरण में 12 एकड़ में अभी तक 4 करोड़ रूपए की राशि व्यय कर 75 प्रजातियों के 4 हजार से अधिक पेड़-पौधे लगाए गए हैं।
इनमें आम, जामुन, सीताफल, आंवला तथा अमरूद जैसे फलदार वृक्ष और तितलियों को आकर्षित करने के लिए जारूल, अमलतास, कचनार, मौलश्री, आकाशनीम जैसे फूलदार पौधे को शामिल किया गया है। साथ ही ऑक्सीजोन में 503 पुराने वृक्षों को संरक्षित किया गया है और यहां पार्किंग पाथवे वाटर बॉडी में आने वाले पेड़ों को भी नहीं काटा गया है। ऑक्सीजोन में 3 किलोमीटर से अधिक लम्बाई में पाथवे और पगड़ंडियां तैयार की गई है। इसके अलावा यहां दो वाटर बॉडी है। जिसमें से एक प्राकृतिक और दूसरी निर्मित की गई है। वर्षा का सारा पानी चैनल से बांधकर इसमें इकठ्ठा होता है और इससे पौधों की सिंचाई की जाती है। साथ ही एक प्राकृतिक वाटर फॉल बनाया गया है, जो रात में लाईट्स में बड़ा सुन्दर दिखता है। यहां बांस निर्मित 8 पगौडा बनाए गए हैं और जगह-जगह छोटी चट्टानों और पत्थरों से संरचनाएं भी तैयार की गई है।
ऑक्सीजोन में बच्चों के खेलने के लिए झूले, फिसलपट्टी और व्यायाम के उपकरण भी लगाए गए हैं। ऑक्सीजोन में पौध रोपण और संरक्षण के प्रयासों के कारण एक वर्ष में ही हरियाली दिखने लगी है और पक्षी तथा तितलियां बड़ी संख्या में अपना बसेरा बनाने लगे हैं। इसकी सुन्दरता और हरीतिमा का आनंद लेने के लिए लोग आने लगे हैं। ऑक्सीजोन में लॉन विकसित किए गए हैं और छोटा गुलाब गार्डन भी लगाया गया है।
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