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अब फिर तेज बारिश के आसार चक्रवाती सिस्टम बना,

बीते एक हफ्ते से जिले में बारिश कम हुई। वैसे मानसून तो जून के दूसरे हफ्ते के अंतिम दिनों में प्रवेश कर लिया था। शुरूआती दिनों मे बारिश हुई। इसके बाद अचानक से बारिश नहीं हो रही थी। ऐसे में अब फिर से बारिश होने की संभावना है। मानसून, द्रोणिका और चक्रवाती सिस्टम के चलते मंगलवार को जिले के कुछेक क्षेत्रों में हल्की बारिश जरुर हुई है।

मौसम विभाग के मुताबिक मानसून द्रोणिका बीकानेर, सीकर शिवपुरी, सीधी,डाल्टनगंज, वर्धमान कालासर, इंफाल होते हुए 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। एक चक्रवाती घेरा उत्तर छत्तीसगढ़ और उसके आसपास 3.1 से 4.5 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है।

वहीं आज जिले के कुछेक हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छीटे पड़ने की संभावना है। एक-दो स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। गरज-चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका है। प्रदेश में अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि आने वाले एक-दो दिनों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने या गरज-चमक के साथ छीटे पड़ने की संभावना है। एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ भारी बारिश होने तथा आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है। प्रदेश में अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।

मानसून के दौरान आकाशाीय बिजली गिरने से जान माल की हानि होती है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने मानसून के दौरान आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं की संभावनाओं को देखते हुए लोगों से सावधानियां बरतने के लिए आवश्यक जानकारी दी गई है।

आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं के समय यदि घर में हों तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुएं और उससे दूर रहें साथ ही बिजली से चलने वाले यंत्रों, उपकरणों को बंद कर दें। यदि दो पहिया वाहन,साइकिल, ट्रक, खुले वाहन, नौका आदि पर सवार हो तो तुरंत उतरकर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।

वज्रपात,आकाशीय बिजली के दौरान वाहनों पर सवारी न करें। धातु की डंडी वाले छाते का उपयोग न करें। टेलीफोन व बिजली के पोल, खम्भों तथा टेलीफोन व टेलीफोन टॉवर से दूर रहें। कपड़े सुखाने के लिए तार का प्रयोग न कर, जूट या सूत की रस्सी का उपयोग करें। बिजली की चमक देख तथा गड़गड़ाहट की आवाज सुनकर ऊंचे एवं एकल पेड़ों के नीचे नहीं जाएं ।

वैसे अब तक ज्यादातर आकाशीय बिजली गिरने की घटना वनांचल क्षेत्रों में ज्यादा होते है। वृक्षों, दलदल वाले स्थलों तथा जल स्त्रोतों से यथा संभव दूर रहे, परंतु खुले आकाश में रहने से अच्छा है कि, छोटे पेड़ों केनीचे रहें। खुले आकाश में रहने को बाध्य हो तो नीचे के स्थलों को चुने। एक साथ कई आदमी इक्ट्ठे न हो।

दो आदमी की दूरी कम से कम 15 फीट हो। तैराकी कर रहे लोग, मछुवारे आदि अविलंब पानी से बाहर निकल जाए। गीले खेतों में हल चलाते, रोपनी या अन्य कार्य कर रहे किसानों तथा मजदूरों या तालाब में कार्य कर रहे व्यक्ति तुरंत सूखे एवं सुरिक्ष्त स्थान पर चले जायें।