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(इंदौर) मोबाइल व्यापारी आत्महत्या मामला पुलिस पूछताछ में बोली पत्नी – मेरे पति को इंसाफ दिलाया जाए

  • 21-Jun-2023

इंदौर,२१ जून । जीते जी कोई भी हेल्प नहीं करता। मेरे पति ने बहुत प्रयास किए, लेकिन किसी ने उनकी हेल्प नहीं की। मैं इंसाफ चाहती हूं, मेरे पति को इंसाफ दिलाया जाए। फर्जी दस्तावेज बनाकर हम लोगों पर झूठा केस दर्ज कर दोनों पति-पत्नी को जेल भेज दिया। उस समय पुलिस-प्रशासन कहां था।त ब जांच क्यों नहीं की थी? आज जब सच बताकर आदमी चला गया तो अभी भी पुलिस-प्रशसन जांच नहीं कर रहा है। सभी से हाथ जोड़कर निवेदन है कि मेरे पति को इंसाफ दिलाया जाए। उल्लेखनीय है कि पिछजले सप्ताह राजीव ने एक निजी होटल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। राजीव के पास पांच पन्ने का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें पुलिस के एसआई महेश चौहान, सिपाही प्रशांत परिहार, शोरूम मालिक अशोक गोयल, दुकान के कर्मचारी विकास डोडिया और उसकी मां नर्मदा बाई सहित कई लोगों के नाम लिखे हैं। निशा का कहना है कि एसआई महेश चौहान और प्रशांत परिहार ने जांच अधिकारी को अपने पक्ष में लेकर षडय़ंत्र रचा और हमारी झूठी एफआईआर कर दी। मकान के फर्जी दस्तावेज बनाकर आरोप लगाया कि हमने रुपए ले लिए, लेकिन मकान नहीं दे रहे हैं। हम लोग गाजियाबाद में थे। तब पुलिस बिना अरेस्ट वारंट और लेडी पुलिस के आई। मैंने जांच अधिकारी महेश चौहान को कहा भी लेडी पुलिस आपके साथ नहीं है। अरेस्ट वारंट भी नहीं है, मैं नहीं जाऊंगी तो बोलने लगा-बुलाऊं लेडिज पुलिस को। अभी चोटी से घसीट कर ले जाएंगी। ये सुनकर हम डर गए और इनके साथ चले गए। तब भी प्रशांत ने पैसे की डिमांड की थी। उसने कहा था-पैसे लकर ककेस रफा-दफा कर देंगे। जांच अधिकारी चौहान को यहीं से भिजवा देंगे। हमने कहा कि पैसे कहां से लाकर दूं। हमें लाकर थाने पर दो दिन रखा। इनको (पति राजीव) हर जगह लेकर घूमता रहा कि बता पैसे कहां हैं। इस दौरान हमारे घर का इन लोगों ने दो बार ताला भी तोड़ा। कॉलोनी वालों ने इन लोगों को बाहर भी किया, लेकिन आज कॉलोनी का कोई भी गवाही देने के लिए तैयार नहीं है। क्योंकि कोई भी पुलिस केस में पडऩा नहीं चाहता। जांच अधिकारी को तब हमने कहा भी था कि मकान के एग्रीमेंट पेपर्स फर्जी हैं।