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शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के 71 दिन बाद आखिरकार उनकी पूरी टीम बन गई, लेकिन इसमें सिंधिया खेमा फायदे में रहा

गुरुवार को 28 मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें 9 सिंधिया खेमे से हैं, जबकि 7 शिवराज सरकार में पहले मंत्री रह चुके हैं। शपथ लेने वाले 28 नेताओं में से 20 को कैबिनेट और 8 को राज्य मंत्री बनाया गया है। 4 नेता ऐसे हैं, जो तीन महीने पहले तक कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे थे।

शिवराज की नई टीम में 41% पूर्व कांग्रेसी

  • शिवराज की टीम में अब उन्हें मिलाकर 34 मंत्री हैं। इनमें 59% मंत्री 2018 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते हुए हैं। बाकी 41% यानी 14 मंत्री पूर्व कांग्रेसी हैं। इनमें से अभी एक भी विधायक नहीं है। मध्यप्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब 14 मंत्री विधायक नहीं हैं।
  • बीते सौ दिन में सिंधिया समर्थकों और कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। कमलनाथ सरकार में 6 मंत्री सिंधिया समर्थक थे। शिवराज सरकार में 11 मंत्री सिंधिया कोटे से हैं। इनमें कांग्रेस छोड़कर आए और आज मंत्री बने 3 और नेताओं को जोड़ लें, तो इनकी संख्या 14 हो जाती है।
  • इस तरह सिंधिया समर्थकों और कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं को 230% का फायदा हुआ है।

सिंधिया खेमा इस तरह फायदे में

  • कमलनाथ सरकार में सिंधिया खेमे के 6 विधायक मंत्री थे। ये थे- गोविंद सिंह राजपूत, तुलसी सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी और महेंद्र सिंह सिसोदिया। ये सभी शिवराज की सरकार में अब कैबिनेट मंत्री बन चुके हैं। इनमें से राजपूत और सिलावट ने 21 अप्रैल को शिवराज की मिनी कैबिनेट में शपथ ले ली थी।
  • इनके अलावा 5 और नेता गुरुवार को शिवराज की टीम में मंत्री बने हैं। ये हैं- राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, बृजेंद्र सिंह यादव, गिर्राज दंडोतिया, सुरेंद्र धाकड़ और ओपीएस भदौरिया। राज्यवर्धन कैबिनेट मंत्री बने हैं। बाकी 4 राज्य मंत्री बनाए गए हैं।
  • इस तरह कमलनाथ सरकार में सिंधिया खेमे से 6 नेता मंत्री थे, जबकि शिवराज सरकार में उनके खेमे से 11 नेता मंत्री बन चुके हैं।

ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से 8 नेता मंत्री बने

  • ग्वालियर-चंबल की 16 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इस क्षेत्र में सिंधिया की मजबूत पकड़ है। इस क्षेत्र से 8 नेता गिर्राज दंडोतिया, ऐंदल सिंह कंसाना, सुरेश धाकड़, ओपीएस भदौरिया, महेंद्र सिंह सिसोदिया, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, भारत सिंह कुशवाह मंत्री बनाए गए हैं।
  • ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक ही जिले सागर से 3 मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह हैं। तीनों कैबिनेट मंत्री हैं।
  • पहली बार जबलपुर जिले और शहर से कोई मंत्री नहीं बना है। शिवराज की पिछली सरकार में शरद जैन और अंचल सोनकर मंत्री थे। जबलपुर से ही अजय विश्नोई भी शिवराज की सरकार में एक बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। कमलनाथ सरकार में जबलपुर से तरुण भनोट और लखन घनघोरिया को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।

20 नए कैबिनेट मंत्रियों में 5 सिंधिया खेमे से, 4 कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे, 7 शिवराज सरकार में पहले भी मंत्री रह चुके हैं

1गोपाल भार्गव    पहले भी मंत्री रहे
2विजय शाहपहले भी मंत्री रहे
3जगदीश देवड़ापहले भी मंत्री रहे
4बिसाहूलाल सिंहनया चेहरा, कांग्रेस से भाजपा में आए
5यशोधरा राजे    पहले भी मंत्री रहीं
6भूपेंद्र सिंहपहले भी मंत्री रहे
7ऐंदल सिंह कंसानानया चेहरा, कांग्रेस से आए, कभी दिग्विजय के करीबी थे
8बृजेंद्र प्रताप सिंहपहले मंत्री रहे
9विश्वास सारंगपहले भी मंत्री रहे, शिवराज के करीबी
10इमरती देवीसिंधिया खेमे से, कमलनाथ सरकार में मंत्री रहीं
11प्रभुराम चौधरीसिंधिया खेमे से, कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे
12महेंद्र सिंह सिसोदियासिंधिया खेमे से, कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे
13प्रद्युम्न सिंह तोमरसिंधिया खेमे से, कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे
14प्रेम सिंह पटेलनया चेहरा
15ओमप्रकाश सकलेचानया चेहरा
16उषा ठाकुरनया चेहरा
17अरविंद सिंह भदौरियानया चेहरा, ऑपरेशन लोटस के किरदार
18मोहन यादवनया चेहरा
19हरदीप सिंह डंगनया चेहरा, कांग्रेस से आए
20राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांवनया चेहरा, सिंधिया खेमे से

8 राज्य मंत्रियों में 4 सिंधिया खेमे से

1भारत सिंह कुशवाहनया चेहरा
2इंदर सिंह परमारनया चेहरा
3रामखिलावन पटेलनया चेहरा
4रामकिशोर कांवरेनया चेहरा
5बृजेंद्र सिंह यादवसिंधिया खेमे से, नया चेहरा
6गिर्राज दंडोतियासिंधिया खेमे से, नया चेहरा
7सुरेंद्र धाकड़सिंधिया खेमे से, नया चेहरा
8ओपीएस भदौरियासिंधिया खेमे से, नया चेहरा