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चालू खरीफ मौसम में धान सहित उड़द, मूंग की फसलों का बीमा 15 जुलाई तक किया जाएगा

चालू खरीफ मौसम में धान सहित उड़द, मूंग की फसलों का बीमा 15 जुलाई तक किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत इस वर्ष ऋणी-अऋणी सभी किसानों के लिए यह फसल बीमा ऐच्छिक कर दिया गया है। खरीफ फसलों के लिए किसान द्वारा देय प्रीमियम दर बीमित राशि का दो फीसद निर्धारित किया गया है।

इस वर्ष धान (सिंचित) पर प्रति हेक्टेयर बीमित राशि 45 हजार रुपए होगी, जिसके लिए किसान को 900 रुपए प्रीमियम देना होगा। धान (असिंचित) पर प्रति हेक्टेयर बीमित राशि 33 हजार रुपए होगी और बीमा प्रीमियम 660 रुपए निर्धारित किया गया है।

इसी तरह मूंग और उड़द की एक हेक्टेयर फसल का 15 हजार रुपए का बीमा 300 रुपए में होगा। इस वर्ष प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन एग्रीकल्चर इंश्योरेंश कंपनी आफ इंडिया लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। अपनी फसलों का बीमा कराने के लिए किसान निकटतम बैंक,सहकारी समिति, कृषि विभाग के कार्यालय से संपर्क कर सकते है। कृषि विभाग के उप संचालक ने बताया कि ऋणी किसान जो फसल बीमा योजना में शामिल नहीं होना चाहते, उन्हें भारत सरकार द्वारा जारी घोषणा पत्र खरीफ फसल के लिए आठ जुलाई तक संबंधित संस्थान में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। किसानों को बीमा कराने के लिए बी-1 की छायाप्रति,पहचान पत्र एवं बैक खाते के पासबुक की छायाप्रति, किसान पहचान पत्र की छायाप्रति एवं फसल बुआई प्रमाण पत्र के साथ जमा करना अनिवार्य होगा।

कलेक्टर किरण कौशल ने इस फसल बीमा योजना का लाभ उठाने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि वे नजदीकी बैंक एवं सहकारी समितियों से संपर्क कर फसल बीमा जरूर कराएं। कृषि विभाग द्वारा बीमा आवरण की जानकारी देते हुए उप संचालक ने बताया कि बीमाकृत क्षेत्र में कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसमी दशाओं में बुआई, रोपण नहीं होने पर हानि से यह बीमा सुरक्षा प्रदान करेगा।

इसके अलावा गैर बाधित जोखिम जैसे सूखा, शुष्क अवधि, बाढ़, जल भराव, कीट व्याधि, भू-स्खलन, प्राकृतिक अग्नि दुर्घटना, आकाशीय बिजली, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, आंधी, समुद्री तूफान, भंवर और बवंडर के कारण फसल को होने वाले नुकसान की सुरक्षा के लिए वृहत जोखिम बीमा दिया जाएगा।

यह बीमा आच्छादन अधिसूचित फसलों के कटाई के बाद अधिकतम दो सप्ताह (14 दिन) के लिए चक्रवात, चक्रवातीय वर्षा और बेमौसम वर्षा के मामले में दिया जाएगा, जिन्हें फसल कटाई के बाद खेत में सूखने के लिए छोड़ा गया हो। अधिसूचित क्षेत्र में पृथक कृषक भूमि को प्रभावित करने वाली ओलावृष्टि, भू-स्खलन और जलभराव के अभिचिन्हित स्थानीयकृत जोखिमों से होने वाले क्षति से भी यह सुरक्षा प्रदान करेगा। इस संबंध में बताया गया है कि युद्घ, नाभिकीय जोखिमों से होने वाली हानियों, दुर्भावनाजनित क्षतियों और निवारणीय जोखिमों को इस बीमा आवरण में शामिल नहीं किया गया है।