Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

सिंधिया ने कहा- टाइगर अभी जिंदा है जातियों को साधने 8 वर्गाें से 6 मंत्री

Default Featured Image

भाजपा सूत्र बताते हैं कि ग्वालियर-चंबल की ज्यादातर सीटों पर उपचुनावों को देखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार में सिंिधया की ज्यादा चली। उन्होंने जिसे कहा, मंत्रिमंडल में उसको शामिल कर लिया गया, ताकि चुनाव में जाते समय किसी तरह की कोई हिचकिचाहट न रह जाए। टीम शिवराज में अब सिंधिया समर्थक 11 मंत्री हैं। इसके अलावा ग्वालियर-चंबल की जिन सीटों पर उप चुनाव हैं, वहां ठाकुर, ब्राह्मण, कुशवाह, गुर्जर, दलित और किरार समाज के लोग हैं। इसीलिए गिर्राज दंडोतिया (ब्राह्मण), एंदल सिंह कंसाना (गुर्जर), सुरेश धाकड़ (किरार समाज), ओपीएस भदौरिया (ठाकुर), महेंद्र सिंह सिसोदिया (ठाकुर), इमरती देवी (दलित), प्रद्युम्न सिंह तोमर (ठाकुर), भारत सिंह कुशवाह (कुशवाह समाज) को साधने की कोशिश की गई है।

सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ने वाले अनुसूचित जाति के कई विधायक थे। इनमें कमलेश जाटव, जसवंत जाटव, रणवीर जाटव के नाम प्रमुख हैं।  ग्वालियर-चंबल संभाग में जाटव समाज का वर्चस्व भी है। उम्मीद लगाई जा रही थी कि इन तीन जाटवों में किसी को मौका मिलेगा। गोहद से रणवीर जाटव तो दूसरी बार चुनाव जीते थे। रणवीर को मंत्री बनाए जाने की अटकलें भी लगाई जा रहीं थी। पर ऐसा नहीं हुआ। भाजपा से गोपीलाल जाटव का नाम था, लेकिन राज्यसभा चुनाव में क्राॅस वोटिंग के बाद कट गया।

संगठन के दबाव में कटे नाम
पुराने चेहरों में पारस जैन, गौरीशंकर बिसेन, रामपाल सिंह, राजेंद्र शुक्ला, संजय पाठक, जालम सिंह पटेल और सुरेंद्र पटवा के नाम संगठन के दबाव में कटे। इसके अलावा अजय विश्नोई की स्थानीय नेताओं के साथ पटरी नहीं बैठी। राजेंद्र शुक्ला के विरोध में विंध्य के नेता उतर आए। इन नेताओं के नाम कटने की एक और वजह थी। दिल्ली चाहती थी कि नए लोगों को माैका दिया जाए। 

सिंधिया ने कहा… ‘टाइगर अभी जिंदा है’

सिंधिया ने कमलनाथ-दिग्विजय पर हमला बोला। कहा- मैं देख रहा हूं कि पिछले दो माह से ये लोग (कांग्रेस) चरित्र को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं। इन्हें कहना चाहता हूं कि टाइगर अभी जिंदा है।