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हाई कोर्ट ने बदला कुटुम्ब न्यायालय का फैसला मां की गोद में खेलते और खुश होते बच्चे को देख

कोर्ट रूम खुलते ही तीन साल का बच्चा दौड़कर मां के पास चले गया और गोद में खेलने लगा। मां ने उसे दुलार किया तो वह काफी खुश हो गया। यह देख कोर्ट ने बच्चे की कस्टडी पिता से लेकर मां को सौंपने का आदेश सुनाया। जनवरी 2020 में ही कुटुम्ब न्यायाल ने बच्चे की कस्टडी पिता को सौंपी थी। 


मामला मंदसौर की सोनी भाटी और उनके पति सूरज भाटी का है। 3 मई 2015 को दोनों का विवाह हुआ था और 10 अप्रैल 2017 को बेटा हुआ। इसी मध्य पति-पत्नी में अनबन प्रारंभ हो गई और उनके मध्य अकसर विवाद होने लगा। और दोनों अलग-अलग रहने लगे। बच्चे की कस्टडी को लेकर मामला मंदसौर कुटुम्ब न्यायाल पहुंचा। 6 जनवरी 2020 को कुटुम्ब न्यायाल ने फैसला सुनाते हुए बच्चे की कस्टडी मां के बजाय पिता को सौंप दी। कुटुम्ब न्यायाल ने यह व्यवस्था बनाई कि हर दूसरे शनिवार को तय स्थान पर मां अपने बच्चे से मिल सकती है। फैसले के कुछ दिन तो यह व्यवस्था कायम रही लेकिन कोरोनावायरस के चलते मार्च के अंत में देशभर में लॉकडाउन लग गया जिसके चलते मां बच्चे से नहीं मिल सकी। लॉकडाउन के दौरान पत्नी ने पति को वीडियो कॉल किया ताकी वह बच्चे का चेहरा देख उससे बात कर सके लेकिन पति ने पत्नी का नंबर ब्लॉक कर दिया।


इस पर पत्नी ने एडवोकेट ऋतुराज भटनागर और प्रसन्ना भटनागर के माध्यम से मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की। याचिका पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस एससी शर्मा ने 6 जनवरी 2020 को मंदसौर कुटुम्ब न्यायाल द्वारा सुनाए गए फैसले को पलट दिया। कोर्ट ने कहा कि एक मां से बेहतर बच्चे की देखभाल कोई नहीं कर सकता। कोर्ट रूम खुलते ही बच्चा मां के पास आकर बैठ गया और काफी खुश है। 


अब पिता हर दूसरे सप्ताह मिल सकेगा बच्चे से
फैसले में कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जिस तरह से कुटुम्ब न्यायालय ने व्यवस्था की थी कि हर दूसरे शनिवार को बच्चे की मां दो घंटे के लिए उससे मिल सकती है उसी प्रकार अब यह व्यवस्था की जाती है कि प्रत्येक दूसरे सप्ताह पिता दो घंटे के लिए बच्चे से मिल सकता है।