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कंडम खटारा गाड़ियों से कचरे के उठाव- एक 4 / 4 स्पेस की गाड़ी पर 815 घरों से कचरा उठाने की जिम्मेवारी

रांची नगर निगम
कभी 7 दिन, तो कभी 15 दिनों पर आती है कचरा गाड़ियां, दुबारा कब आएंगी, पता नहीं
कचरा ढोने को 300 से अधिक गाड़ियां, आधी से ज्यादा कंडम, जो चालू वो भी हांफती हैं
4 / 4 की गाड़ी = 80
4/6 की गाड़ी = 215
ट्रैक्टर 10 / 4 = 33
170 ट्रैक्टर किराए पर लिया निगम ने

Tarun Kumar Chaibey

Ranchi : रांची नगर निगम शहर में डोर टू डोर कचरा उठाने के लिए निजी ठेका कंपनियों को जिम्मेवारी दी थी. तीन-तीन ठेका कंपनियां आईं, कचरा उठा न पाईं, तो निगम ने पहले चेताया, फिर मनाया कोई असर न पड़ा, तो खिसका दिया. टेंडर कैंसिल. खुद कचरा उठाने की जिम्मेवारी तो ले ली, लेकिन शहर का बेड़ा गर्क कर दिया. डोर टू डोर कचरा उठाने में निगम के सफाईकर्मी भी हांफने लगे. हांफें भी क्यों न. शहर के विभिन्न वार्डों में जितने मकान हैं, उतने मकानों से कचरा उठाने को गाड़ियां भी नहीं हैं. निगम के पास कहने को तो 300 गाड़ियां हैं, लेकिन लगभग आधी या तो खराब हैं या जर्जर हालत में हैं. यानि कचरा उठाने के बाद कब रास्ते में बैठ जाए, कहा नहीं जा सकता है. निगम के सफाई कर्मी ऐसी ही कचरा गाड़ियों से कचरे का उठाव करने का दावा करते हैं.

10 घर का कचरा उठाते-उठाते गाड़ी फुल

शहर की सफाई के लिए शहर को अलग-अलग 4 जोन में बांटा गया है. 4 / 4 की 80 और 4/6 की 215 गाड़ियां हैं निगम के पास. अपना 33 ट्रैक्टर है. 170 किराए का ट्रैक्टर है.निगम की एक छोटी गाड़ी (4/4) पर 815 घरों से कचरा उठाने की जिम्मेवारी है. लेकिन यह संभव नहीं हो पाता. कचरा गाड़ियां, निगम के सफाईकर्मी हांफ जाते हैं. एक 20-25 घर के मुहल्ले में ही 10 घर का कचरा उठाते-उठाते गाड़ी फुल. क्योंकि सप्ताह- 15 दिन बाद गाड़ी जाएगी, तो दो-चार घरों में डंप कचरा उठाते ही छोटी गाड़ी जल्द ही फुल होगी ही. मुहल्ले से कचरा लेकर निकली गाड़ी, फिर कब आएगी, ये निगम के सफाईकर्मी भी नहीं बता पाते.

रांची नगर निगम क्षेत्र में 207,636 लाख घर हैं

नगर निगम क्षेत्र में 207,636 लाख घरों से कचरा उठाने के लिए कहने को तो निगम के पास 300 से अधिक गाड़ियां है, लेकिन आधी ही काम लायक हैं. में उपयोग हो रही है. लगभग 70 गाड़ियां कबाड़ के रूप में निमग के अलग-अलग डिपो में खड़ी हैं. निगम से मिली जानकारी के अनुसार, वर्तमान में डोर टू डोर कचरा उठाने वाली 70 गाड़ियां खराब हैं. अधिकारियों ने बताया कि हर दिन औसतन 50 से अधिक गाड़ियां खराब रहती है.

निगम प्रशासक दे रहे निर्देश, पर धरातल पर कोई असर नहीं

नगर निगम द्वारा सफाई तो होकर रहेगी अभियान 3.0 चलाया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि पूरे शहर में विशेष सफाई अभियान चला रहा है. नगर प्रशासक शशि रंजन अभियान की समीक्षा समय-समय पर करते रहते हैं और अधिकारियों और वार्ड सुपरवाइजर को जरूरी दिशानिर्देश देते रहते हैं. फिर भी लोगों के घरो से रोज कूडा उठाना मुमकिन नहीं हो पा रहा है.

निगम के अफसर कहते हैं- ऑल इज वेल

शहरवासी कूड़ा न उठने की शिकायत करते रहते हैं, पर निगम के अफसर कहते हैं -ऑल इज वेल. उन्हें बताया जता है कि शहर के हर मुहल्ले में डोर टू डोर कचरा उठाया जा रहा है.

जानें लोग क्या कहते हैं
चुटिया निवासी रोहित यादव ने बताया की निगम की कूड़ा उठाने वाली गाड़ी कभी सात दिन तो कभी 10 दिन पर आती है. घर पर कूडे का अंबार लग जाता है, हालत यह है बरसात के कारण दरवाजे पर पडे-पडे कूड़े से बदबू उठने लगती है. बार-बार निगम के कंट्रोल रूम को फोन करना पड़ता है. यदि शिकायत के बाद भी गाड़ी आ गयी, तो गनीमत है.
हिंदपीढ़ी के जहांगीर ने कहा कि निगम की गाडी रोज नहीं आती है. घर पर कूड़ा रखने से बदबू फैलती है, इसलिए मजबूरी में हमें कूड़ा गली के चौराहे पर डालना पड़ता है. गाडी वाले भी बख्शीस तो ले लेते है, लेकिन रोज कूड़ा उठाने नहीं आते हैं. फोन करने पर कहते हैं, गाडी खराब है, नहीं आ सकते..
रातू रोड निवासी प्रेम कुमार ने कहा कि निगम को रोज कूड़ा उठाना यह बात हमने आपके मुंह से सुनी है. यहां तो हफ्ते में एक बार गाडी आती है. वह भी इतनी भरी होता है कि ज्यादा कूडा अंटता ही नहीं है. हमें मजबूरी में रात को सड़क किनारे कूडा फेंकना पड़ता है.
बिरसा चौक निवासी अरुण सिंह ने कहा कि रोज गाड़ी नहीं आती है. जब घर में ज्यादा कूड़ा हो जाता है तो वार्ड सुपरवाइजर को फोन कर गाड़ी बुलवानी पड़ती है.अगर गाडी रोज आए, तो मुहल्ले- गली के कोनों से कूड़ा साफ हो जाएगा.

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