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श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती आज, प्रधान मंत्री मोदी समेत इन नेताओं ने ऐसे किया याद

भारतीय जनसंघ के संस्थापक, प्रखर राष्ट्रवादी और स्वतंत्रता सेनानी डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की आज जयंती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई केंद्रीय मंत्री और अन्य भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने इस मौके पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी है. वे एक मुखर राजनीनिज्ञ थे जिन्होंने राष्ट्रीय एकता के सवाल पर कोई समझौता नहीं किया और अपनी बात को स्पष्ट तरीके से जनता और सरकार से समक्ष रखा. बता दें कि कश्मीर में धारा 370 को खत्म करने या उस पर बहस की शुरुआत सबसे पहले श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने ही की थी.

उनकी जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया है कि मैं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर नमन करता हूं. एक देशभक्त, उन्होंने भारत के विकास के लिए अनुकरणीय योगदान दिया. उन्होंने भारत की एकता को आगे बढ़ाने के लिए साहसी प्रयास किए. उनके विचार और आदर्श देश भर में लाखों लोगों को ताकत देते हैं.

गृहमंत्री अमित शाह ने डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती पर ट्वीट कर लिखा है कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के रूप में देश को एक ऐसा दूरदर्शी नेता मिला जिसने भारत की समस्याओं के मूल कारणों व स्थायी समाधानों पर जोर दिया और उनके लिए जीवन पर्यन्त संघर्ष किया . सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर केन्द्रित जन संघ और आज की भाजपा डॉ. मुखर्जी की ही दूरदर्शिता का परिणाम है. डॉ.मुखर्जी ने शिक्षा और औद्योगिक क्षेत्र में सुधार के लिए भी बहुत अभिनव कार्य किये. वह शिक्षा की गुणवत्ता और शोध कार्यों के भी बहुत बड़े पक्षधर थे. कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाए रखने एवं देश की एकता और अखंडता के लिए उनका समर्पण और बलिदान देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि मां भारती के अमर सपूत,राष्ट्रवादी चिंतक,महान शिक्षाविद्,लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रबल समर्थक,’एक विधान-एक निशान-एक प्रधान’ सिद्धांत के शिल्पकार डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन. राष्ट्रीय एकता व अखंडता हेतु आपका योगदान समस्त देशवासियों के लिए प्रेरणा है.

डॉक्टर मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई, 1901 को एक बंगाली परिवार में हुआ था. उनकी माता का नाम जोगमाया देवी मुखर्जी था और पिता आशुतोष मुखर्जी बंगाल के एक जाने-माने व्यक्ति और कुशल वकील थे. डॉ. मुखर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्रथम श्रेणी में 1921 में प्राप्त की थी. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जवाहरलाल नेहरू से अलग होकर 1951 में भारतीय जन संघ की नींव रखी थी. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 का विरोध शुरू किया.