Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

EXCLUSIVE: अवैध खनन से पंकज मिश्रा, अभिषेक पिंटू को मिलत

 Vinit Abha Upadhyay

Ranchi : साहेबगंज जिले में अवैध खनन के केस में रांची PMLA के विशेष कोर्ट में ट्रायल चल रहा है. इस केस में ED के दूसरे गवाह विनोद जायसवाल की गवाही और गवाह का क्रॉस एग्जामिनेशन (प्रतिप्रेक्षण) पूरा कर लिया गया है. विनोद जायसवाल साहेबंगज के खनन व्यवसायी है. अपनी इस खबर में हम आपको उनके द्वारा ED को दिये गये बयान और कोर्ट में दिये गये बयान के महत्वपूर्ण अंश बता रहे हैं.

यह पैसा पंकज मिश्रा और अभिषेक पिंटू को दिया जाता था

विनोद जायसवाल ने कोर्ट में यह बयान देने से पहले ED के समक्ष अपना बयान दर्ज करवाया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि साहेबगंज जिले में क्रशर चलाने के एवज में 200-250 क्रशर संचालकों से गैरकानूनी तरीके से 1 लाख रुपए हर महीने लिये जाते थे. यह पैसा पंकज मिश्रा और अभिषेक पिंटू को दिया जाता था. वहीँ रोजाना साहेबगंज जिले से करीब 1500 ट्रक पत्थर अन्य जिलों और दूसरे राज्यों में भेजे जाते थे. उन ट्रक संचालकों से प्रति ट्रक 1500 रुपए की वसूली की जाती थी, जो करीब 20 लाख रुपए प्रति दिन होता थे.

इस खेल में साहेबगंज केजिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार भी शामिल हैं

इस पूरे खेल में साहेबगंज के DMO (जिला खनन पदाधिकारी) विभूति कुमार भी शामिल हैं. जो भी अवैध कमाई होती थी, उसमें उनका भी हिस्सा होता था. इन्हीं बातों का समर्थन करते हुए विनोद जायसवाल ने कोर्ट में बयान दर्ज करवाया, लेकिन जब बचाव पक्ष यानि पंकज मिश्रा के अधिवक्ता ने उनका क्रॉस एग्जामिनेशन (प्रतिप्रेक्षण) किया तो उन्होंने अपने बयान में कहा कि वह अब तक ED को कोई ऐसा साक्ष्य नहीं दे पाये हैं जिससे यह साबित हो सके कि पंकज मिश्रा के लिए वसूली की जाती थी और इसमें अभिषेक प्रसाद, पिंटू को भी हिस्सा दिया जाता था. इसके साथ ही विनोद जायसवाल ने अरुण सिंह के जरिये पंकज मिश्रा को 15 लाख रुपए नकद दिये जाने के संबंध में भी कोई साक्ष्य ED को अब तक नहीं दिया.

 अब इस मामले में 24 जुलाई को PMLA कोर्ट में सुनवाई होगी

गवाही और क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान ED की ओर से विशेष लोक अभियोजक आतिश कुमार और पंकज मिश्रा की ओर से अधिवक्ता राजेश कुमार और प्रदीप चंद्रा मौजूद रहे. अब इस मामले में 24 जुलाई को PMLA कोर्ट में सुनवाई होगी. अब तक ED इस केस से जुड़े 40 से ज्यादा गवाहों की सूची अदालत को दे चुकी है, जिनका एक एक कर बयान दर्ज किया जायेगा. ईडी ने बड़हरवा टेंडर विवाद में 22 जून 2020 को दर्ज बड़हरवा थाना कांड संख्या 85/2020 के आधार पर आठ मार्च 2022 को ईसीआइआर 04/2022 दर्ज किया था. यह केस पंकज मिश्रा व अन्य के विरुद्ध दर्ज है, जिसे शंभू नंदन कुमार ने दर्ज कराया था.

पंकज मिश्रा व अन्य चाहते थे कि सभी टोल पर उनका नियंत्रण हो

बड़हरवा टोल के टेंडर में विवाद, मारपीट व धमकी मामले में यह केस दर्ज कराया गया था. ईडी ने छानबीन में पाया कि पंकज मिश्रा व अन्य चाहते थे कि सभी टोल पर उनका नियंत्रण हो, ताकि वे आसानी से अपने अवैध पत्थर खनन के धंधे की निगरानी कर सकें. इस इलाके से बिहार व बंगाल के अधिसंख्य ठिकानों पर पत्थर की सप्लाई होती थी. पंकज मिश्रा सीधे तौर पर अवैध खनन को संचालित कर रहा था. वैसे अवैध खनन के पत्थरों की ढुलाई में उसे कृष्णा कुमार साहा, भगवान भगत, टिंकल भगत, विष्णु कुमार यादव व अन्य सहयोग करते थे.