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प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण मामला, जिलों की लेटलतीफी से कम आवासों को मंजूरी

जयपुर: ग्रामीण आवासों में इस वित्तीय वर्ष में लक्ष्य की तुलना में बहुत कम आवासों को मंजूरी देने पर ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने नाराजगी जताई है। अब विभाग ने शेष 2.71 लाख आवासों को पांच जुलाई तक स्वीकृति देने के जिला कलेक्टरों को जिम्मेदारी सौंपी है। पीएम आवास योजना ग्रामीण में वर्ष 2020-21 में चार लाख 32 हजार 655 आवास निर्माण का लक्ष्य जिलेवार तय किया था। इसके बाद चार जून तक महज 44 हजार 785 (10.35 प्रतिशत) स्वीकृतियां ही जारी हो पाई, विभाग ने जिलों को 11 जून तक समय और दिया। इस समय में भी जिले मात्र 87 हजार 909 परिवारों की स्वीकृतियां ही जारी कर पाए। ये स्वीकृतियां कुल लक्ष्य की तुलना में बहुत कम हैं। मूल वरीयता सूची में से रिमाण्ड मॉड्यूल पर दर्ज परिवारों के अतिरिक्त दो लाख 71 हजार 668 स्वीकृतियां जारी किया जाना अभी भी शेष है।

कलेक्टर्स को देना होगा प्रमाण पत्र
मूल वरीयता सूची में शामिल नहीं लेकिन योजना की पात्रता रखने वाले अतिरिक्त चिन्हित वंचित पात्र परिवार जो आवास प्लस एप पर दर्ज हैं, उनको लाभान्वित करने की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर्स को दी है। मूल वरीयता सूची के शत प्रतिशत परिवारों को लाभान्वित कर दिए जाने का प्रमाण पत्र कलेक्टर्स को जारी करना होगा। उसके बाद ही ग्रामीण विकास मंत्रालय को अनुमति के प्रस्ताव भेजे जाएंगे।

अपात्र व्यक्तियों के नाम हटाए जाएं
विभाग के एसीएस राजेश्वर सिंह ने जिला कलेक्टर्स को जारी पत्र में कहा है कि रिमाण्ड मॉड्यूल के माध्यम से अपात्र व्यक्तियों के नाम योजना की वरीयता सूची से हटाए जाने के लिए की कार्रवाई पूरी करें। इन नामों के राज्य स्तर से अनुमोदन के बाद प्रकरणों को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही भेजा जाए।