वाराणसी । सावन के पहले सोमवार पर काशीपुराधिपति की नगरी में पहली बार कंकर-कंकर शिवमय का नजारा नहीं दिखा। वैश्विक महामारी कोरोना संकट के चलते बाबा विश्वनाथ के दरबार में कांवड़ियों के बोलबम और हरहर महादेव का गगनभेदी उद्घोष नहीं गूंजा। फीके माहौल में अपेक्षाकृत बहुत कम शिवभक्तों ने मुंह पर मास्क लगाने के साथ शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कर सैनिटाइज होने के बाद रेड कार्पेट पर चलकर बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। इस दौरान पूरे मंदिर परिक्षेत्र में सुरक्षा का व्यापक प्रबंध किया गया। एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी और दशाश्वमेध सीओ अवधेश पांडेय खुद फोर्स के साथ मंदिर परिक्षेत्र में चक्रमण करते दिखे।
सावन के पहले सोमवार पर बाबा की एक झलक पाने के लिए शिवभक्त अलसुबह से ही कतार बद्ध होने लगे। उमस और गर्मी के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह आसमान छू रहा था। चंहुओर ओर हर-हर महादेव का उद्घोष, बाबा के भक्तों का उनके प्रति प्रेम का भाव अपने आप महसूस हो रहा था। इसके पूर्व रात 3.30 पर बाबा की विधि विधान वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भव्य श्रृंगार मंगला आरती के बाद मंदिर का पट शिवभक्तों के लिए खुल गया। कोरोना के चलते मंदिर के तीनों प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्कैनर से होकर शिव भक्तों को गुजरना पड़ रहा है। मंदिर में प्रवेश से पहले उन्हें सैनिटाइज कर शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कराते हुए मंदिर में एक बार में केवल 5 ही लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है। शिव भक्तों को दरबार में बाबा का सिर्फ झांकी दर्शन ही मिल रहा है और स्पर्श दर्शन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है।
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