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अब झारखंड में दिव्यांगों के लिए अलग आवासीय विद्य

स्कूलों में लगेंगे वाईफाई
स्कूली शिक्षा, साक्षरता विभाग की समीक्षा, सीएम ने दिए कई निर्देश

Ranchi: अब झारखंड में दिव्यांगों के लिए अलग से आवासीय विद्यालय खुलेंगे. साथ ही स्कूलों में बेहतर शैक्षणिक महौल बनाने के लिए वाईफाई की भी व्यवस्था होगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की समीक्षा के दौरान इसकी घोषणा की. कहा-अफसर दिव्यांग बच्चों के लिए अलग आवासीय विद्यालय खोलने की कार्ययोजना बनाएं. जहां बच्चों के पठन-पाठन के साथ-साथ खेल, संगीत, फिजिकल एजुकेशन की अच्छी व्यवस्था हो, ताकि दिव्यांग बच्चे- बच्चियों की जो प्रतिभा है, उसे निखार कर सामने लाया जा सके. उन्होंने राज्य भर के दिव्यांग बच्चों को चिह्नित कर उनका नामांकन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया. कहा कि दिव्यांग विद्यार्थियों को पढ़ने का बेहतर माहौल मिलना चाहिए. इसके लिए जिलों में रीडिंग रूम की व्यवस्था सुनिश्चित करें सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ वाईफाई की भी व्यवस्था सुनिश्चित करें. राज्य के बच्चों को बेहतर और गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. सरकारी विद्यालयों को मजबूत किया जा रहा है.

सहायक आचार्य के 26 हजार पदों पर बहाली प्रक्रिया जल्द शुरू होगी

प्राथमिक, माध्यमिक और प्लस- टू विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेज करने को कहा गया है, ताकि स्कूलों में पढ़ाई बेहतर ढंग से पढ़ाई हो सके. विभाग के सचिव के रवि कुमार ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्लस- टू विद्यालयों में प्रधानाचार्य, शिक्षक और प्रयोगशाला सहायक के पदों पर नियुक्ति के लिए जेएसएससी ने अधियाचना जारी कर दी है. माध्यमिक विद्यालयों, मॉडल स्कूलों और अन्य श्रेणी के स्कूलों के लिए शिक्षक एवं प्रयोगशाला सहायक के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. सहायक आचार्य के 26 हज़ार पदों पर बहाली की प्रक्रिया भी जल्द शुरू हो जाएगी.

स्कूलों में बच्चों के लिए एक्टिविटिज हों

सीएम ने कहा कि बच्चों के ओवरऑल डेवलपमेंट के लिए स्कूलों में पठन-पाठन के अलावा खेल- संगीत जैसी एक्टिविटीज निरंतर चलनी चाहिए. बच्चों के बीच तरह -तरह की प्रतियोगिताएं हों, ताकि वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें.

सत्र शुरू होते ही टेक्सट बुक और यूनिफॉर्म मिले

विद्यार्थियों को पठन-पाठन से संबंधित सामग्री और यूनिफॉर्म सत्र शुरू होने के समय ही उपलब्ध कराना को कहा गया. सीएम ने कहा कि जिस तरह एकेडमिक कैलेंडर जारी किया जाता है, उसी तरह पठन-पाठन सामग्री और यूनिफॉर्म वितरण का कैलेंडर जारी किया जाना चाहिए. बच्चों को पठन-पाठन सामग्री, यूनिफॉर्म, छात्रवृत्ति राशि और अन्य योजनाओं का लाभ देने की समय सीमा तय होनी चाहिए.

स्कूल वनों की मैपिंग हो, जर्जर भवनों की मरम्मत कराई जाए

राज्य के सभी सरकारी स्कूलों की फिजिकल मैपिंग कराने का निर्देश सीएम ने दिया. कहा कि जो भी स्कूल भवन जर्जर हैं, उसकी मरम्मत कराई जाए. और इसमें गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जाए. हर 3 वर्ष पर स्कूल भवनों का मेंटेनेंस होना चाहिए. सीएम ने अधिकारियों से कहा कि वे सरकारी स्कूलों के कैंपस में पौधे भी लगवाएं. इसके लिए वन विभाग को भी अपने साथ जोड़ें. इससे स्कूलों में हरियाली बनी रहेगी.

स्कूल ऑफ एक्सीलेंस और मॉडल स्कूलों की समीक्षा हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने जिस मकसद से स्कूल ऑफ एक्सीलेंस और मॉडल स्कूल खोले हैं ,उसके सार्थक परिणाम आने चाहिए. अधिकारियों को निर्देश दिया कि समय-समय पर इन स्कूलों का निरीक्षण कर यहां की व्यवस्था का जायजा लें. विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों से संवाद करें और यहां के पठन-पाठन, रखरखाव और मिल रही सुविधाओं की जानकारी लें. अगर इसमें किसी भी प्रकार की खामी मिलती है, तो उसके त्वरित निपटारे की व्यवस्था होनी चाहिए.

नेतरहाट स्कूल की तर्ज बच्चों का स्किल डेवलपमेंट हो

नेतरहाट आवासीय विद्यालय के बच्चे जिस तरह पढ़ाई के साथ -साथ कृषि और बागवानी करते हैं, उसी तरह कुछ सरकारी विद्यालयों को भी चयनित कर वहां के विद्यार्थियों के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था शुरू करने का निर्देश सीएम ने दिया, ताकि उनका कौशल विकास हो सके.

इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय की खामियों को दूर करें

इंदिरा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, हजारीबाग राज्य के सबसे उत्कृष्ट विद्यालयों में एक है. यहां का बोर्ड का परिणाम शुरू से शानदार रहा ह. विद्यालय की बच्चियां हर वर्ष मैट्रिक बोर्ड की मेधा सूची में अपना नाम दर्ज कराती रही हैं. लेकिन, वर्तमान में यहां की पढ़ाई की गुणवत्ता कुछ वजहों से प्रभावित होने की बात सामने आई है. सीएम ने अधिकारियों से कहा कि वे विद्यालय में जाकर पूरी व्यवस्था का आकलन करें और जो भी खामियां हैं, उसे दूर करें, ताकि इस स्कूल की उत्कृष्टता हमेशा की तरह बरकरार रहे.

समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार, झारखंड शिक्षा परियोजना की निदेशक किरण पासी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सुनील कुमार, प्राथमिक शिक्षा निदेशक नेहा अरोड़ा और अपर सचिव कुमुद सहाय आदि मौजूद थे.