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भोपाल में मास्क नहीं पहना तो करनी पड़ेगी ‘कोरोना ड्यूटी’

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भोपाल से पहले ग्वालियर कलेक्टर ने भी ऐसा ही आदेश निकाला है जिसमे सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वालों को 3 दिन के लिए कोरोना वालंटियर के रूप में काम करना होगा.

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब मास्क नहीं पहनने या कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर आपको कोरोना ड्यूटी करनी पड़ सकती है.

भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने सोमवार को ज़िले में कोरोना को लेकर बैठक की और धारा 144 के तहत आदेश जारी करते हुए कहा कि ‘कोविड-19 में जारी प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर अब संबंधित शख्स को कोरोना वॉलिंटियर्स के रूप में ड्यूटी करनी होगी’.

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भोपाल कलेक्टर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने सोमवार रात को इस बाबत एक ट्वीट भी पोस्ट किया गया है. दरअसल, अनलॉक होने के बाद से भोपाल में कोरोना के मामले कम होने के बजाय तेजी से सामने आ रहे हैं.

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सोमवार 6 जुलाई के बुलेटिन के मुताबिक भोपाल में अबतक 3155 कोरोना के मरीज़ सामने आ चुके हैं और करीब 113 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं औसतन रोजाना 20 से 30 नए मामले सामने आ रहे हैं.

बता दें कि भोपाल से पहले ग्वालियर कलेक्टर ने भी ऐसा ही आदेश निकाला है जिसमे सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वालों को 3 दिन के लिए कोरोना वालंटियर के रूप में काम करना होगा. ऐसे वालंटियर्स की ड्यूटी जिला प्रशासन के चेकपोस्ट, अस्पताल और दूसरे संस्थानों में लगाई जा सकती है.

किल कोरोना अभियान

इस बीच, मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश से कोरोना को खत्म करने के लिए ‘किल कोरोना’ अभियान शुरू किया. सूबे की राजधानी भोपाल में सर्वे के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम युद्ध स्तर पर सर्वे और सैंपलिंग में जुट गई है.

स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन की ओर से कोरोना के खिलाफ चलाए जा रहे इस अभियान की हकीकत देखने के लिए आजतक की टीम भोपाल के सबसे बड़े हॉटस्पॉट में से एक बाणगंगा इलाके में पहुंची. बाणगंगा इलाके में किल कोरोना अभियान के तहत सर्वे किया जा रहा था. यहां बीते दिनों अचानक से पॉजिटिव केसे आने की संख्या बढ़ गई है. लिहाजा ये इलाका पहले से ही प्रशासन की सख्त निगरानी में है.