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प्रदेश के 80 %उद्योगों में उत्पादन शुरू, 150 लाख से ज्यादा लोगों को मिल रहा रोजगार

अनलॉक के बाद छत्तीसगढ़ में औद्योगिक गतिविधियों ने फिर तेजी आ गई है। इन दिनों न केवल उद्योगों में उत्पादन में तेज हो गया है साथ ही बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी निर्मित हो रहे हैं। अब तक राज्य की 80 प्रतिशत औद्योगिक इकाइयों सक्रिय हो चुकी हैं और डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं।
लॉकडाउन के दौरान ही सीएम बघेल की योजना के मुताबिक औद्योगिक गतिविधियों को संचालित करने की रणनीति तैयार कर ली गई थी। इसका असर यह हुआ कि अनलॉक होते ही पड़ोसी राज्यों से सबसे पहले छत्तीसगढ़ में उद्योग शुरू हो गए। इसका मुख्य कारण उद्योगों को दी गई रियायतें रहीं। प्रदेश में बड़े उद्योग लॉकडाउन के दौरान भी कम क्षमता के साथ संचालित हो रहे थे। चाहे भिलाई इस्पात संयंत्र हो या फिर बाल्को या एसईसीएल हो, खदानें भी कम उत्पादन क्षमता के साथ संचालित हो रहीं थी। एक बयान के मुताबिक मार्च के अंत में जो औद्योगिक इकाइयां बंद हो गई थीं, वे 23 अप्रैल से संचालित होना शुरू हो गई। राज्य सरकार ने अति आवश्यक मेडिकल तथा खाद्य आधारित ईकाइयों का निर्बाध संचालन होता रहा।

मार्च से जून तक 550 करोड़ रुपए का निवेश भी हुआ   
इतना ही नही‌ं मार्च से जून 2020 के मध्य 258 नए उद्योगों  में लगभग 550 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश किया गया, जिसमें 3360 व्यक्तियों को रोजगार के अवसर मिला हैं। इस अवधि में राज्य के इस्पात उद्योगों ने 27 लाख मीट्रिक टन लोहे का उत्पादन किया। इस अवधि में बैंकों के माध्यम से 2 हजार लघु एवं सूक्ष्म ईकाइयों के लिए लगभग 36 करोड़ रुपए कर्ज भी दिया गया। इसी प्रकार सरकार ने 848 औद्योगिक ईकाइयों को 103 करोड़ रुपए का अनुदान, 282 औद्योगिक इकाइयों को स्टाम्प शुल्क से छूट दी गई। 
इसी तरह राज्य सरकार द्वारा 101 स्थानों पर फूडपार्क के लिए 1300 हेक्टेयर भूमि चिन्हित कर 15 स्थानों पर 200 हेक्टेयर भूमि का हस्तांतरित की गई, जहां फूडपार्क की स्थापना के कार्य शुरू कर दिए गए हैं।