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जिले में हो रही झमाझम बारिश से किसानों में उत्साह बना 70 फीसदी बुआई हुई, खिले किसानों के चेहरे

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जिले में हो रही झमाझम बारिश से किसानों में उत्साह बना हुआ है। खरीफ फसल के लिए बुआई का काम 60 फिसदी पूरा हो चुका है। वहीं रोपाई का काम इन दिनों तेजी से चल रहा है। कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई माह के पहले सप्ताह में धान की रोपाई का काम 10 प्रतिशत तक हो चुका है। मानसून की स्थिति को देखते हुए कृषि विभाग इस बार धान सहित खरीफ के अन्य फसलों का बम्पर पैदावार होने का अनुमान लगा रहा है।

प्रशासन की निगाहें इस बार, जिले में दलहन और तिलहन के उत्पादन पर टिकी हुई है। प्रदेश सरकार ने चालू खरीफ सीजन के लिए इन फसलों की बुआई क्षेत्र में 5 प्रतिशत बढ़ोतरी करने का लक्ष्य रखा है। भू अभिलेख शाखा से प्रा’त जानकारी के मुताबिक जिले में अब तक 410 मिली मीटर बारिश किार्ड दर्ज किया जा चुका है।

आंकड़ों के मुताबिक जशपुर तहसील में 587।2 मिमी, मनोरा में 321।6 मिमी, कुनकुरी में 406।2 मिमी, दुलदुला में 585।8 मिमी, फरसाबहार में 365।2 मिमी, बगीचा में 334।1 मिमी, कांसाबेल में 257।5 मिमी एवं पत्थलगांव में 428।6 मिमी वर्षा हो चुकी है। लगातार हो रही बारिश से रोपाई के लिए खेत में पर्या’त मात्रा में पानी मौजूद है। पौधे तैयार होने के बाद इन दिनों किसान, मजदूरों के साथ सुबह से रोपाई में जुटे हुए हैं।

कृषि विभाग के उप संचालक एमआर भगत ने बताया कि जिले में खरीफ फसल का रकबा तकरीबन 2 लाख 60 हजार हेक्टेयर का है। कृषि विभाग के इस आंकड़ें में राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज कृषि भूमि के अतिरिक्त पड़ती भूमि, वन भूमि, बेजा कब्जा और मनरेगा का मेढ़ भी शामिल है।

उन्होंने बताया कि अच्छी बारिश होने की वजह से बुआई का काम अंतिम चरण में हैं। धान की बुआई का काम तकरीबन पूर्ण हो चुका है। दलहन और तिलहन के फसल की बुआई,50 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। इस तरह पूरे खरीफ फसल की बुआई 70 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। कृषि विभाग का अनुमान है कि चालू पखवाड़े के अंतिम तक, जिले में बोनी और दूसरे पखवाड़े के पहले सप्ताह तक रोपाई पूरी हो जाएगी।

उन्होनें बताया कि खरीफ वर्ष 2019-20 में जिले में धान की बुआई का रकबा 1 लाख 72 हजार हेक्टेयर दर्ज किया गया था। विभाग का अनुमान है कि जिले में यह इस साल घट कर 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर हो जाएगा। धान के रकबे में जो कमी आएगी, उसमें मा, अरहर, मूंग, उड़द और रामतील की बुआई की जाएगी। इन फसलों से किसानों को जोड़ने के लिए राजीवगांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से प्रेरित की किया जा रहा है।

इस योजना में धान छोड़ कर दलहन, तिलहल, माक्का और गन्ना की फसल लेने वाले किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि के साथ विशेष अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। दलहन, तिलहन की बुआई के लिए कृषि विभाग किसानों को विशेष कीट उपलब्ध करा रहा है।

इस कीट में बीज, कीटनाशक दवाओं को शामिल किया गया है। प्रदेश सरकार की योजना के तहत प्राप्त कीट के अलावा खनिज न्यास नीधि की राशि से जिले में 19 क्विंटल अतिरिक्त बीज की व्यवस्था,-षि विभाग ने किया है। इन दिनों पंचायतों के माध्यम से किसानों को कीट का वितरण किया जा रहा है। कृषि अधिकारी श्री भगत ने बताया कि कीट उन्हीं किसानों का दिया जा रहा है,जिन्होनें राजीवगांधी न्याय योजना के तहत पंजिकरण कराया है।