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अब पार्षदों के लिए भी चुनाव खर्च की सीमा तय पानी की तरह पैसा बहाकर नहीं चढ़ सकेंगे राजनीति की सीढ़ी

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नगरीय निकाय के चुनाव में अब पार्षद पद के प्रत्याशी रैली, माइकिंग समेत अन्य तरीकों से बेहिसाबी धन खर्च नहीं कर सकेंगे। मप्र राज्य निर्वाचन आयोग ने हालिया निर्णय के तहत नगरों की आबादी के आधार पर पार्षद पद का चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों के लिए खर्च की अलग-अलग सीमा तय की है। बता दें कि निर्वाचन आयोग ने पूर्व में ही नगर पंचायत, पालिका और निगम के अध्यक्ष-महापौर के लिए पूर्व से ही खर्च की सीमा तय कर रखी है।

नगर पंचायत में 75 हजार, महानगर में 8.75 लाख रु. खर्च कर पाएंगे
शासन ने नगरीय निकाय के चुनावों में आबादी के हिसाब से खर्च की अलग-अलग सीमा तय की है। उदाहरण के लिए नगर पंचायत के पार्षद के लिए खर्च का दायरा 75 हजार रु. तक रहेगा जबकि महानगर के पार्षद के पास 8 लाख 75 हजार रुपये खर्च करने का अधिकार रहेगा। प्रदेश के नगरीय निकायों में साढ़े पांच हजार वार्ड हैं, जहां से चुनाव लड़ने वालों को अब तय सीमा के भीतर राशि खर्च करना होगी।

खर्च का लेखा-जोखा रखकर ब्योरा देना होगा

चुनावों में प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव खर्च का ब्यौरा प्रस्तुत करना होगा। इसके लिए उम्मीदवार को रोजाना के चुनावी व्यय का प्रतिदिन का लेखा रजिस्टर, निर्वाचन व्यय का नकद रजिस्टर और निर्वाचन व्यय का बैंक रजिस्टर तथा इन सारे खर्चों को लेकर शपथपत्र भी देना होगा। इसमें खर्च का विवरण, खर्च की गई राशि और बकाया राशि का भी प्रतिदिन का हिसाब देना होगा। खर्च का ब्यौरा चुनाव आयोग कभी भी देख सकेगा। नगद व्यय रजिस्टर में भी सारी जानकारियां चुनाव आयोग को देना होगा। उम्मीदवार को चुनाव खर्च का ब्यौरा चुनाव की तारीख से तीस दिन के अंदर जिला निर्वाचन अधिकारी को देना होगा।

नगर निगम और नगर पालिकाओं में ये रहेगी खर्च की सीमा

प्रदेश में ऐसे सभी नगर पालिक निगम जिनकी आबादी दस लाख से अधिक है उनमें वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ने वाले पार्षद अब केवल 8 लाख 75 हजार ही चुनाव प्रचार के लिए खर्च कर पाएंगे। वहीं जिन निगमों की आबादी दस लाख से कम है वहां खर्च की सीमा 3 लाख 75 हजार ही रहेगी। इसी प्रकार नगर पालिकाओं में जहां आबादी एक लाख से अधिक है वहां पार्षद उम्मीदवारों के खर्च की सीमा ढाई लाख रुपये तक होगी। वही पचास हजार से एक लाख तक की आबादी पर खर्च सीमा डेढ़ लाख रुपए होगी। पचास हजार से कम आबादी वाली नगर पालिका में चुनावों पर पार्षद उम्मीदवार केवल 1 लाख रुपये तक खर्च कर पाएंगे। जबकि नगर परिषद की सभी आबादी के कस्बों में खर्च की सीमा 75 हजार रु. रहेगी।