कोरोना काल में गरीब मजदूर सबसे ज्यादा पीड़ित हुए हैं। कहीं उन्हें खाने को भोजन नहीं मिला है, तो कहीं उन्हें मजदूरी नहीं दी गई है। बड़े-बड़े महानगरों से पैदल गांव जाने की उनकी तस्वीरों ने लोगों को हिलाकर रख दिया है।
छंटनी का सबसे ज्यादा कहर भी इन्हीं गरीब मजदूरों पर टूटा है, तो वहीं कई राज्यों में मजदूरों के काम के घंटे बढ़ा दिए गये हैं। मजदूरों की इन्हीं समस्याओं को लेकर देश की विभिन्न सरकारों को ‘जगाने’ के लिए भारतीय मजदूर संघ 24 जुलाई से 30 जुलाई तक एक राष्ट्र्व्यापी अभियान चलाने जा रहा है।
इस अभियान का निर्णय मंगलवार को संगठन की एक शीर्ष बैठक में लिया गया।
भारतीय मजदूर संघ के दिल्ली प्रांत के महासचिव अनीश मिश्रा ने बताया कि कोरोना काल में पूरे देश-समाज को अपने श्रमिकों के साथ खड़े होना चाहिए था, क्योंकि यह तबका कोरोना के कारण सबसे ज्यादा नुकसान उठा रहा है। लेकिन इसके उलट अनेक राज्यों ने इसी दौरान मजदूरों के अधिकार कम कर दिए।
उनके काम के घंटे बढ़ा दिए और जबकि इसके लिए उन्हें कोई अतिरिक्त मजदूरी नहीं मिलेगी। यह देश के निर्माता श्रमिकों के साथ सीधा अन्याय है।
भारतीय मजदूर संघ इन मजदूरों के हितों की आवाज उठाएगा और सरकारों से अपील करेगा कि वह मजदूरों के प्रति उचित मानवीय तरीका अपनाएं और उनके हितों का ध्यान रखें।
अभियान के तहत 24-30 जुलाई के बीच अलग-अलग क्षेत्रों के मजदूरों को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर, राज्य, जिला और प्रखंड स्तर तक जागरूकता फैलाई जाएगी। सरकारों को मजदूरों के हितों के लिए आवश्यक उपाय अपनाने के लिए कहा जाएगा।
More Stories
जम्मू-कश्मीर: नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा दक्षिण कश्मीर लोकसभा सीट पर गठबंधन को खारिज करने के बाद पीडीपी कांग्रेस से संपर्क करेगी
आईटी ट्रिब्यूनल ने पिछले टैक्स रिटर्न पर जुर्माना हटाने की कांग्रेस की अपील खारिज कर दी
एमएससीबी घोटाला: ईडी ने शरद पवार के पोते की 50 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की