इसका ब्याज केंद्र और राज्य सरकार भरेंगी। इसके लिए वेंडरों को किसी प्रकार की गारंटी या धरोहर राशि नहीं देना होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को ‘मुख्यमंत्री स्ट्रीट वेंडर ऋण योजना’और ‘ग्रामीण कामगार सेतु पोर्टल’ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जब सरकार है तो जनता को काम धंधे के लिए लोन लेने साहूकारों के पास जाने की क्या जरूरत है।
योजना में जाति, शैक्षणिक योग्यता आदि का कोई बंधन नहीं होगा। ग्रामीण क्षेत्रों के 18 से 55 वर्ष के स्ट्रीट वेंडर इस योजना का फायदा उठा सकेंगे। केश शिल्पी, हाथ ठेला चालक, साइकिल रिक्शा चालक, कुम्हार, साइकिल व मोटर साइकिल मैकेनिक, बढ़ई, ग्रामीण शिल्पी, बुनकर, धोबी, टेलर, कर्मकार मंडल से संबंधित कामगार इस योजना का लाभ ले सकेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवेदकों से किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार का कोई शुल्क न वसूला जाए। सीएम ने आश्वासन दिया कि आवेदन करने के 30 दिन के अंदर बैंक से लोन प्रकरण स्वीकृत किया जाएगा। प्रकरणों का निराकरण ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर होगा।
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