पीएम मोदी इस वक्त काशी के अन्न सेवियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि काशी के लोगों की जीवटता का कोई मुकाबला नहीं है। बाबा विश्वनाथ और माँ अन्नपूर्णा सबके खाने का इंतजाम कर देते हैं। आप सभी लोग बाबा विश्वनाथ और माँ अन्नपूर्णा के दूत बनकर गरीब के पास पहुंचे हैं। हर स्तर पर सभी लोगों ने पूरी क्षमता के साथ काम किया है। हमारे संस्कारों में सेवा भाव समाया हुआ है। कोरोना जैसी बीमारी में सेवा कार्य में रिस्क बहुत था। जिन लोगों ने सेवा का कार्य किया वह सेवा का नया रूप है। वाराणसी में डाक विभाग ने खाना बांटने के लिए पोस्टल वैन लगा द अनगिनत लोग और संस्था ने काशी के गौरव को बढ़ाया है। मैं हर किसी के कार्य को नमन कर रहा हूँ। मैं आप लोगों से प्रेरणा ले रहा हूँ। मेरी प्रार्थना है बाबा विश्वनाथ और माँ अन्नपूर्णा आपको और शक्ति प्रदान करें। मैं बचपन में यह सुना करता था एक सोनार घर में काम किया करते थे। वे अस्पताल में मरीज के तीमारदारों को रोज सुबह दातुन बांटने का काम करते थे। इस सेवा ने उनकी विश्वसनीयता को काफी बढ़ा दिया था। जो सेवा लेता है वह भी आगे किसी की मदद जरूर करता है। दरअसल, यह मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोता है। लॉकडाउन के दौरान यह बात सच भा साबित हुई। काशी के समाजसेवियों ने आगे बढ़ कर लोगों की अन्न सेवा की तो जिला प्रशासन ने भी इस काम में भरपूर सहयोग किया। अलग-अलग क्षेत्र की 100 से अधिक संस्थाओं और प्रशासन के फूड सेल ने लॉकडाउन की अवधि में लगभग 20 लाख फूड पैकेट और दो लाख राशन किट जरूरतमंदों में वितरित किए। सैनिटाइजर और मास्क आदि का भी वितरण किया। जिला प्रशासन ने ऐसे कोरोना वॉरियर्स को सम्मानित भी किया है।
प्रधानमंत्री के साथ संवाद करने के लिए गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट के गंगाधर उपाध्याय, राष्ट्रीय रोटी बैंक की पूनम सिंह, संपूर्ण सिंधी समाज, सिगरा के सुरेंद्र लालवानी, समाजसेवी अनवर अहमद, एचडीएफसी बैंक के मनोज टंडन का चयन किया गया है। इन्हें प्रधानमंत्री मोदी से ऑनलाइन बात करने का मौका मिला है। भाजपा नगर अध्यक्ष विद्यासागर राय ने पीएम का स्वागत किया है ।
गौरतलब है वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है और वह इस इलाके का कायाकल्प करने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं। भगवान विश्वनाथ मंदिर परिसर और उसके आसपास के इलाके को अरबों की लागत के सजाया-संवारा जा रहा है। इसके साथ ही गंगा सफाई के भी कई काम किए जा रहे हैं।
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