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(रतलाम)भगवान की दिव्य शक्ति अदृश्य रूप से हमारे बीच और हमारे साथ है – पंडित हेमंत कश्यप

  • 26-Jul-2023

रतलाम, 26, जुलाई। कथा के प्रथम और मुख्य श्रोता के रूप में श्री हनुमान जी महाराज विराजमान रहते थे जैसे हमारे भीतर श्वास आती-जाती है वो है लेकिन दिखाई नहीं देती है वैसे ही भगवान और भगवान की दिव्य शक्ति हमारे बीच और हमारे साथ है दिखती नहीं है । लेकिन भागवत में आने से आनंद स्वरूप परमात्मा का अनुभव होने लगता है। सत्य रूप में परमात्मा है हमारे चीत्त में शांत स्वरूप है और आनंद के रूप में परमात्मा है। उक्त बात ब्रह्मर्षी श्री हेमंत जी कश्यप ने बिरिया खेड़ी स्थित सिंधी गुरुद्वारा में गुरु भक्त परिवार द्वारा आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में धर्मालुजनों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।आज रुकमणी विवाह प्रसंग की संगीतमय प्रस्तुति देते हुए प्रतीकात्मक श्री कृष्ण-रूकमणी विवाह भी पांडाल में सम्पन्न हुआ। सभी भक्तजनों भगवान श्रीकृष्ण-रूकमणी के दर्शन पूजन कर धर्म लाभ लिया।श्री हेमंत जी कश्यप ने कहा कि समर्पण करने से भगवान प्रसन्न होते है जिस भक्त ने तन,मन,धन और अपना जीवन परमात्मा को समर्पित किया है उसके लिए परमात्मा स्वयं आते है । भक्त ध्रूव, भक्त प्रहलाद, भक्त विभीषण, भक्त गजेन्द्र, शबरी, मीरा, नरसिंह मेहता ऐसे अनेको भक्तों के लिए भगवान अनेक रूप में आए है क्योंकि इन भक्तों का भाव सदा समर्पण का रहा । इसलिए भक्ति हम करें लेकिन समर्पण के साथ। तभी नंद यशोदा की तरह आनंद हमें भी प्राप्त हो सकेगा।गुरु भक्त परिवार के शैलेंद्र सिंह देवड़ा ने बताया कि कथा के प्रारम्भ में विभिन्न संस्थाओं द्वारा गुरु हेमंत कश्यप जी का स्वागत किया गया जिसमें श्रीमती धीरजकुंवर राठौर, श्री किशोर सिंह राठौर, केसरिया जाग्रति मंच रतलाम, महिला मंडल औदुंबर ब्राह्मण समाज, राष्ट्रीय औदुम्बर ब्राह्मण समाज, प्रवीण उपाध्याय, अरविंद परसाई, दीपक जोशी, जयदीप दुबे, मनोज जोशी, प्रदीप पंडित, इन्दु उपाध्याय, रानीजी, नीता पंडित, रीता जोशी, शोभा शर्मा, राधेश्याम शर्मा, म.प्र. तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ रतलाम के शरद शुक्ला, विजय सिंह सोलंकी, दिनेश राव जाधव, मोहनसिंह सोलंकी, दुष्यंत सिंह पुरोहित, सुनील वर्मा, जुल्फीकार जी आदि ने गुरु श्री कश्यप जी का स्वागत-सम्मान किया। पश्चात पोथी पूजन एवं आरती में सम्मिलित होकर धर्म लाभ लिया । गुरु भक्त परिवार के तेज सिंह चौहान, मांगू सिंह राठौर, सज्जन सिंह राठौर, गोवर्धन सिंह राठौर, अशोक सिंह सोलंकी सहित बड़ी संख्या में धर्मालुजन उपस्थित थे।