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समय पर सैलरी से जुड़े नए नियम Sep में हो सकते है लागू 50 करोड़ मजदूरों को मिलेगा फायदा

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केंद्र सरकार मजदूर संहिता 2019 (Code on Wages 2019) को इस साल सितंबर तक लागू कर सकती है। मजदूर संहिता में न्यूनतम वेतन और सभी कर्मचारियों के लिए समय पर भुगतान का प्रावधान शामिल है, चाहे वह किसी भी सेक्टर और वेतन की सीमा में आते हैं। इस मजदूर संहिता को लागू किए जाने के साथ ही देश के 50 करोड़ मजदूरों को इसका लाभ मिलेगा।

केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने 7 जुलाई को ड्राफ्ट किए गए नियमों (मजदूरी संहिता का मसौदा) को आधिकारिक गैजेट में रखा है। इस पर आम जनता 45 दिनों के अंदर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकती हैं। यदि इसके बाद कोई मुद्दा नहीं रहा तो इसे लागू कर दिया जाएगा। न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करने और मजदूरों के भुगतान में देरी जैसे मसलों के समाधान वाले इस कोड को पिछले साल अगस्त में संसद ने मंजूरी प्रदान की थी।

इस बिल को संशोधित किया गया था और इसमें वेतन, बोनस और संबंधित मुद्दों से जुड़े कानूनों को शामिल किया गया था। लागू होने पर इसमें चार श्रम कानूनों को शामिल किया जाएगा जिनमें न्यूनतम वेतन अधिनियम, मजदूरी भुगतान अधिनियम, बोनस भुगतान अधिनियम और समान वेतन अधिनियम शामिल है।

इस मजदूर संहिता का उद्देश्य वेतन में देरी की परेशानियों को हल करना है। इसमें यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि पुरुष, महिला और ट्रांसजेंडर को वेतन मिलने में कोई भेदभाव नहीं हो।

मजदूरी पर कोड ने श्रम की परिभाषा को सरल बनाया है। इससे मुकदमेबाजी को कम करने और नियोक्ताओं के लिए अनुपालन लागत को कम करने की उम्मीद है।

इसके अनुसार, मजदूरी संहिता के तहत आठ घंटे का कार्य दिवस जरूरी होगा। फैक्टरी अधिनियम के तहत प्रदान किए गए कार्य घंटों के प्रावधान में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहले ऐसा माना जा रहा था कि सरकार अर्थव्यवस्था पर Covid-19 के प्रभाव के कारण काम के घंटे बढ़ा सकती है।

इस मसौदे के अनुसार, देश के 50 करोड़ मजदूरों को लाभान्वित करने के लिए उनकी मजदूरी का आंकलन minimum living conditions के अनुसार की जाएगी। मसौदा नियमों में यह भी कहा गया कि एक केंद्रीय सलाहकार बोर्ड भोजन, कपड़े और आवास जैसे बिंदुओं को ध्यान में रखकर न्यूनतम मजदूरी को तय करेगा।