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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ मीटिंग करेंगे

इसमें लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के हालात पर चर्चा होगी। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी।

गलवान में 3 पॉइंट्स पर डिसइंगेजमेंट पूरा
लद्दाख में सीमा विवाद पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच आज फिर मीटिंग हो सकती है। गलवान में विवादित इलाकों से दोनों की सेनाएं पीछे हटने के बाद यह पहली चर्चा होगी। इससे पहले हॉट स्प्रिंग (पेट्रोलिंग पॉइंट-17), पीपी-14 और पीपी-15 पर भारत और चीन का डिसइंगेजमेंट गुरुवार को पूरा हो गया। न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक फिंगर एरिया से भी चीनी सेना लगातार पीछे हट रही है। यह प्रोसेस कुछ दिनों में पूरा होने की उम्मीद है।

गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच 15 जून को झड़प के बाद तनाव बढ़ गया था। इसे कम करने के लिए एनएसए अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच 5 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई थी। इसमें विवादित इलाकों से सेना हटाने समेत 4 पॉइंट्स पर सहमति बनी थी-
1. बॉर्डर पर शांति रखने और रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों को आपस में तालमेल रखना चाहिए। अगर विचार मेल नहीं खाएं तो विवाद खड़ा नहीं करना चाहिए।
2. एलएसी पर सेना हटाने और डी-एक्स्क्लेशन का प्रोसेस जल्द से जल्द पूरा किया जाए। यह काम फेज वाइज किया जाए।
3. दोनों देश एलएसी का सम्मान करें और एकतरफा कदम नहीं उठाएं। भविष्य में सीमा पर माहौल बिगाड़ने वाली घटनाएं रोकने के लिए मिलकर काम करें।
4. एनएसए डोभाल और चीन के विदेश मंत्री आगे भी बातचीत जारी रखेंगे, ताकि दोनों देशों के समझौतों के मुताबिक सीमा पर शांति रहे और प्रोटोकॉल बना रहे।