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पिछले 25 दिन की मानसूनी बारिश में प्रदेश के 3 छोटे बांध फुल हो गए हैं, यानी उनमें क्षमता का 100 %पानी भर चुका है

अब इन बांधों में बहाव आया तो तुरंत पानी छोड़ना पड़ जाएगा। यही नहीं, चार मध्यम बांध भी लगभग लबालब हैं और उनमें 90 से 95 फीसदी तक पानी भर चुका है। मिली जानकारी के अनुसार 10 जून को दुर्ग जिले के खपरी डैम में महज 55 फीसदी पानी था, लेकिन आज यह सौ फीसदी भर चुका है। इसी तारीख पर रायगढ़ के खमारपाकुट में 69 फीसदी और मुंगेली के मनियारी में 86 फीसदी पानी था और ये दोनों भी इतना भर गए हैं कि तुरंत पानी छोड़ने की नौबत आ गई है। विभागीय अफसरों ने माना कि बारिश लगातार हुई तो इन बांधों से पानी छोड़ना होगा, जिससे बाढ़ का खतरा भी हो सकता है।

6 जिलों के डैम 80 प्र. भरे: सरगुजा से लेकर रायगढ़, दुर्ग, मुंगेली, कबीरधाम, कोरिया और कोरबा जिलों में स्थित डैम 80 फीसदी से ज्यादा भर चुके हैं। औसत रूप से प्रदेश के डैम 70 फीसदी तक भर चुके हैं, जबकि पिछले साल ये मात्र 34 फीसदी और 2018 में 40 फीसदी ही भर सके थे।

पिछले सालों के मुकाबले 25 से 30 गुना ज्यादा भरे 
राज्य में छोटे- बड़े कुल मिलाकर 44 डैम हैं। वॉटर केपेसिटी के लिहाज से 11 मेजर डैम हैं और 31 मीडियम डैम हैं। पिछले दो साल में ये डैम आज की तारीख पर 4 से 65 फीसदी तक ही भरे थे। इस बार कुछ डैम दोगुने तो कुछ 25 गुना तक भर गए हैं। जैसे, रायगढ़ के पुटकानाला में 2018 में 3.7 और 2019 में 4.5 प्रतिशत पानी था लेकिन आज यही 93.2 फीसदी भरा है। दुर्ग जिले के खपरी में 9 जुलाई 2018 को महज 4.4 और 2019 में 22.6 प्रतिशत पानी था, पर यह भी 100 फीसदी भर चुका है। मुंगेली जिले का मनियारी डैम 2018 में 28 और 2019 में 29.4 फीसदी भरा था लेकिन आज यह सौ फीसदी भरा है। छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में शनिवार और रविवार को भारी से मध्यम बारिश हो सकती है।

“छत्तीसगढ़ अपर लैंड में है। यहां का ड्रैनेज सिस्टम अच्छा है, इसलिए बाढ़ का खतरा नहीं होता। लेकिन लगातार बारिश से इस आशंका से इंकार भी नहीं कर सकते। सरकार ने इसकी तैयारी कर ली है।”

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