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महिलाओं ने 2 महीने में कमाए 40 हजार रुपए बांस की झोपड़ी में उगाए मशरूम

महिलाओं को आय उपार्जक गतिविधियों से जोड़ने के लिए मशरूम उत्पादन सशक्त माध्यम बनता जा रहा है। बलरामपुर जिले के राजपुर विकासखंड के ग्राम परसागुड़ी में महिलाओं ने कोरोना काल में 40 हजार रुपये का मशरूम बाजार में बेचा है। सामान्य तौर पर समूह से जुड़ी महिलाएं घर में मशरूम उत्पादन करती है, लेकिन परसागुड़ी में बकायदा मशरूम हट का निर्माण कराया गया है। मशरूम हट का निर्माण सिर्फ बांस से कराया गया है।

आकर्षक नजर आने वाले मशरूम हट में मशरूम के लटकते बैग हर किसी को आकर्षित भी कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण से बचाव और नियंत्रण के लिए शासन प्रशासन गंभीर है। बाहर से आए लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है, समूह से जुड़ी महिलाओं को रोजगार से जोड़ने प्रयास किया जा रहा है।

स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं द्वारा मशरूम की खेती कर बेहतर आमदनी प्राप्त की जा रही है। राजपुर विकासखंड के ग्राम परसागुड़ी में 500 वर्ग फीट में आकर्षक मशरूम हट का निर्माण कराया गया है। कृषि विभाग की आत्मा योजना के तहत महिला समूहों को सबसे पहले मशरूम उत्पादन संबंधी प्रशिक्षण दिया गया। उसके बाद मशरूम उत्पादन के लिए आवश्यक सामग्री स्पॉन, प्लास्टिक, पैरा कुट्टी, चूना फॉर्मलीन आदि उपलब्ध कराया गया। स्वयं समूह की महिलाओं ने स्वयं 700 बैग तैयार किए और इसे मशरूम हट में लटकाया।

महिलाओं ने बताया कि लगभग 40 से 45 दिनों में मशरूम के उत्पादन के पश्चात काटने योग्य हो जाने पर वे इसे आसानी से तोड़ लेते हैं। डेढ़ से दो महीने में महिलाओं ने 200 किलो मशरूम का उत्पादन कर लिया है जिसे 200 रुपये प्रति किलो की दर से राजपुर क्षेत्र के बाजार में विक्रय किया जा चुका है। परसागुड़ी में उत्पादित मशरूम की जबरदस्त मांग देखी जा रही है।

महिलाओं द्वारा अभी तक 40 हजार का मशरूम विक्रय किया जा चुका है।मशरूम हट में अभी भी लगातार मशरूम उत्पादन हो रहा है। कोरोना काल में एक और जहां रोजगार की गंभीर समस्या बनी हुई है वहीं महिलाओं ने रोजगार की ओर कदम बढ़ा कर दूसरों को भी मशरूम की खेती के लिए प्रेरित किया है। उप संचालक कृषि अजय अनंत ने बताया कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से इन्हें मशरूम की खेती से जोड़ा गया। आज इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। महिलाओं को अच्छी आमदनी हो रही है। परसागुड़ी ही नहीं बल्कि बलरामपुर जिले के दूसरे विकास खंडों में भी महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है।