मानसून द्रोणिका का पूर्वी छोर हिमालय की तराई में चले जाने के कारण छत्तीसगढ़ में मानसून पर ब्रेक लग गया है। इधर, सीमावर्ती राज्य ओडिशा में एक द्रोणिका बनी हुई है, जिसका असर शुक्रवार सुबह से देखने को मिला। आसमान काली घटाओं से घिरा रहा, दिनभर धूप-छांव का खेल जारी रहा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेश के कई इलाकों में शनिवार को हल्की से मध्यम वर्षा और गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि मानसून द्रोणिका का पूर्वी छोर हिमालय की तराई में चले जाने से छत्तीसगढ़ में मानसून ब्रेक जैसी स्थिति निर्मित हो गई है। उन्होंने बताया कि बारिश की मात्रा और क्षेत्र दोनों घट गया है। जिसकी वजह से फिलहाल अभी बारिश के आसार कम है। हालांकि सीमावर्ती राज्य में बनी एक द्रोणिका दक्षिण ओडिशा और उसके आसपास 3.1 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। इसके प्रभाव से प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। कहीं पर गरज चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना है। हालांकि अधिकतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। शुक्रवार को प्रदेश में कई स्थानों पर हल्की बारिश और बूंदाबांदी हुई। शुक्रवार को दोपहर तक बादलों की लुकाछिपी के बाद शाम को राजधानी में झमाझम बारिश हुई। इसके चलते कई वार्डों के मोहल्लों में जलभराव की स्थिति बन गई। मौसम विभाग के मुताबिक एक द्रोणिका हिमालय के पूर्वी छोर की तराई में जा चुकी है। वहीं दूसरी द्रोणिका दक्षिण पूर्व उत्तर प्रदेश से छत्तीसगढ़ होते हुए दक्षिण ओडिशा तक 4.5 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। प्रदेश में 11 जुलाई को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। वहीं गरज-चमक के साथ छीटे पड़ने की संभावना है। एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है। प्रदेश में अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।
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