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Editorial :- सोनिया गाँधी VS सचिन पायलट

13 July 2020

राजस्थान का जहाज भी अब मध्यप्रदेश की राह दौड ̧ पड। है। कल गहलोत ने अपने निवास स्थान मे ́ का ́ग्रेस विधायको ́, मंत्रियों की बैठक बुलाई थी। राजस्थान मे ́ का ́ग्रेस के प्रभारी अविनाश पा ́डे और सोनिया गा ́धी के निर्देश पर दो अन्य परिवेक्षक सूरजेवाला जो पिछले हरियाणा विधानसभा चुनाव मे ́विधायक का चुनाव हार चुके थे और अजय माकन जिनके कारण का ́ग्रेस दिल्ली मे ́ सिमट गई है वे भी परिवेक्षक बनकर जयपुर पहु ́चे थे हेडकाउटि ́ग का दर्शन करने। पर ́तु बिना हेड काउ ́टि ́ग के ही का ́गे्रस के विधायक निराशा की मुद्रा मे ́ गहलोत के निवास स्थान से निकलने लग गये थे।
ठीक इसके विपरीत सोनिया गा ́धी के निर्देश की अवहेलना करते हुए सचिन पायलट ने रा ि̃ा को ही यह स्पष्ट कह दिया था कि वे सोमवार को सुबह का ́ग्रेस विधायक दल की जो अधिकारिक मीटि ́ग १०:३० बजे होगी उसमे ́ वे और उनके समर्थक विधायक समिलित नही ́ हो ́गे। कल रा ि̃ा को ही सचिन पायलट ने स्पष्ट रूप से यह घोषणा कर दी थी कि

१.राजस्थान की का ́ग्रेस सरकार अल्पमत मे ́ आ चुकी है।
२. उसके पास (पायलट) ३० का ́ग्रेसी विधायको ́ का समर्थन है। इसके अलावा कुछ अन्य निर्दलीय विधायको ́ का भी।
३. पायलट समर्थक विधायक हरियाणा मे ́ होटल मे ́ रूके हुए है ́।
४.सु ̃ाो ́ से यह भी जानकारी मिली है कि भाजपा ने कहा है कि २७ से अधिक का ́ग्रेस के विधायक उसके स ́पर्क मे ́ है ́। इससे स्पष्ट है कि अब आज कोई विशेष समाचार न हो तो का ́ग्रेस की गहलोत सरकार का पतन निश्चित है। ज्योतिरादित्य सि ́धिया जैसे ही सचिन पायलट भी युवा है ́। उनकी भी महत्वका ́क्षाए ́ है ́। यदि ओल्ड गार्ड सोनिया गा ́धी अपना का ́गे्रस मे ́ एकाधिकार अपने पु ̃ा राहुल गा ́धी और पु ̃ाी प्रिय ́का वाड्रा को सौ ́पना चाहती है ́े तो ज्योतिरादित्य सि ́धिया के बाद पायलट का कदम भी अनुचित नही ́ है। राजस्थान मे ́ पिछले विधानसभा चुनाव के समय गहलोत के कारण से का ́ग्रेस की स्थिति बहुत ही १राब थी। पर ́तु सचिन पायलट ने दिन-रात मेहनत
करके अपने प्रयास से का ́ग्रेस को विजय दिलाई थी। पर ́तु सचिन के उस प्रयास को उस विजय गाथा को ओल्ड गार्ड गहलोत ने हड ̧प लिया। अब का ́ग्रेस हाईकमा ́ड नाममा ̃ा का है सोनिया गा ́धी राहुल गा ́धी प्रिय ́का वाड्रा : तीन टिकट महाविकट ऐसे है ́ जो का ́ग्रेस को धरातल की ओर ढ ̧केल रहे है ́। भले ही गहलोत और का ́ग्रेस हाईकमा ́ड राजस्थान मे ́ हो रहे घटनाक्रम के
लिये भाजपा को दोष दे ́ पर ́तु सर्वाधिक जिमेदारी तो का ́ग्रेस हाईकमा ́ड की है
जो सचिन पायलट और गहलोत के बीच साम ́जस्य स्थापित करने की अपेक्षा
गहलोत का एकतरफा समर्थन कर दिया। का ́ग्रेस के आलोचको ́ का कहना है कि गा ́धी परिवार की यह मजबूरी है कि वह गहलोत का समर्थन करे ́। यो ́कि राजस्थान मे ́ भी गा ́धी-वाड्रा परिवार पर भ्रष्टाचार के जमीनी घोटाले के कई नये केस चल रहे है ́। उससे बचने के लिये अपने आपको सुरक्षि करने के लिये ऐसा सोचा गया कि गहलोत के पास बहुमत बनाने की कलाबाजी है, वे इसके जादूगर है ́, अपने जादूगरी को वे जब प्रिय ́का और राहुल गा ́धी छोटे थे तब दि१ाते भी रहे थे।
अब लगता है गहलोत का जादू काम नही ́ करने वाला है। वर्तमान मे ́ राजस्थान मे ́ का ́ग्रेस की दुर्गति के लिये गहलोत के साथ-साथ गा ́धी वाड्रा परिवार भी है।