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सोमवती अमावस्या और पूर्णिमा का संयोग 47 साल बाद, हरियाली अमावस्या 20 साल में सोमवार को, पितरों की शांति के लिए पौधरोपण जरूर करें

इस साल श्रावण मास सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही खत्म हो रहा है। 3 अगस्त तक चलने वाले श्रावण मास में पांच सोमवार का विशिष्ट योग बन रहा है। इस सावन में खास बात यह भी है कि सावन की शुरुआत सोमवार से हुई तो सावन का समापन भी सोमवार के दिन ही होगा।

श्रावण मास में दो सोमवार को विशेष रूप से अमावस्या और पूर्णिमा पर पड़ रहे हैं। श्रावण मास में सोमवती अमावस्या और सोमवती पूर्णिमा का संयोग 47 साल पहले बना था। श्रावण मास में पांच सोमवार 6 जुलाई प्रतिपदा, 13 जुलाई अष्टमी, 20 जुलाई अमावस्या, 27 जुलाई सप्तमी, 3 अगस्त पूर्णिमा पर विशेष योग बन रहे हैं।

पंडित रामगोविंद शास्त्री ने बताया कि सावन में सोमवती अमावस्या और सोमवार को पूर्णिमा का संयोग 47 साल बाद आया है। जबकि 20 साल बाद सावन सोमवार को सोमवती और हरियाली अमावस्या का संयोग बन रहा है। इससे पहले 31 जुलाई 2000 में सोमवती और हरियाली अमावस्या एक साथ थी।

पं. केशव महाराज ने बताया कि इस साल हरियाली अमावस्या के दिन चंद्र, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह अपनी-अपनी राशियों में रहेंगे। ग्रहों की इस स्थिति का शुभ प्रभाव कई राशियों पर देखने को मिलेगा। महिलाओं द्वारा तुलसी की 108 परिक्रमाएं की जाती हैं।

सोमवार से शुरू और इसी दिन समापन का संयोग अब 2024 में बनेगा
शास्त्री नरेंद्र भारद्वाज के मुताबिक श्रावण मास का आरंभ सोमवार व समाप्ति सोमवार को होने का योग पूर्व में 1976, 1990, 1997 व 2017 में बना था। आगे अब 2024 में यह अद्भुत संयोग बनेगा। उस समय 22 जुलाई सोमवार से श्रावण मास शुरू होकर 19 अगस्त सोमवार को समाप्त हो गया।

वर्ष-2004 में पड़े थे 2 सावन माह, अधिकमास के कारण बना था योग
पंडित लक्ष्मीनारायण शास्त्री बताते हैं कि सावन सोमवार को अमावस्या का संयोग 16 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 2004 में सावन महीने में पुरुषोत्तम मास यानी अधिक मास के रूप में मनाया गया था। उस साल दो बार सावन महीना पड़ा था। दूसरे सावन महीने में सोमवती अमावस्या का संयोग बना था। हालांकि तब हरियाली अमावस्या सोमवार को नहीं थी। इसका संयोग 47 साल बाद आया है। जबकि 20 साल बाद सावन सोमवार को सोमवती और हरियाली अमावस्या का संयोग बन रहा है। इससे पहले 31 जुलाई 2000 में सोमवती और हरियाली अमावस्या एक साथ थी।

पं. केशव महाराज ने बताया कि इस साल हरियाली अमावस्या के दिन चंद्र, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह अपनी-अपनी राशियों में रहेंगे। ग्रहों की इस स्थिति का शुभ प्रभाव कई राशियों पर देखने को मिलेगा। महिलाओं द्वारा तुलसी की 108 परिक्रमाएं की जाती हैं।

हरियाली अमावस्या पर करना चाहिए पौधरोपण
पंडित शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि सावन हरियाली और उत्साह का महीना माना जाता है। इसलिए इस महीने की अमावस्या पर प्रकृति के करीब आने के लिए पौधरोपण किया जाता है। इस दिन पौधारोपण से ग्रह दोष शांत होते हैं। अमावस्या तिथि का संबंध पितरों से भी माना जाता है। पितरों में प्रधान अर्यमा को माना गया है। भगवान श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं कि वह स्वयं पितरों में प्रधान अर्यमा हैं।

हरियाली अमावस्या के दिन पौधरोपण से पितर भी तृप्त होते हैं, यानी इस दिन पौधे लगाने से प्रकृति और पुरुष दोनों ही संतुष्ट होकर मनुष्य को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इसलिए इस दिन एक पौधा लगाना शुभ माना जाता है।

श्रावण माह के शेष बचे दिनों में आने वाले ये हैं विशेष पर्व : 16 जुलाई कमदा एकादशी 20 जुलाई सोमवती हरियाली अमावस्या 23 जुलाई हरियाली तीज 25 जुलाई नागपंचमी 30 जुलाई पवित्रा एकादशी 3 अगस्त सोमवती पूर्णिमा, रक्षाबंधन, श्रावणी उपाकर्म।